पाकिस्तान के पहले अंतरिक्ष यात्री का चयन: चीन के अंतरिक्ष स्टेशन मिशन की तैयारी
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो,इस्लामाबाद
पाकिस्तान की अंतरिक्ष एजेंसी पाकिस्तान अंतरिक्ष और ऊपरी वायुमंडल अनुसंधान आयोग (SUPARCO) ने घोषणा की है कि देश का पहला अंतरिक्ष यात्री अक्टूबर/नवंबर 2026 में चीन के अंतरिक्ष स्टेशन तियांगोंग के लिए मिशन पर रवाना होगा। इस मिशन के लिए दो पाकिस्तानी उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा, जिनमें से एक अंतरिक्ष यात्री को अंतिम रूप से भेजा जाएगा।

कैसे होगा अंतरिक्ष यात्रियों का चयन?
SUPARCO के महानिदेशक (तकनीकी) मुहम्मद उस्मान सादिक के अनुसार, अंतरिक्ष यात्रियों के लिए इंजीनियरिंग, विज्ञान, और प्रौद्योगिकी से जुड़े उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाएगी। चयन प्रक्रिया अक्टूबर 2025 तक पूरी कर ली जाएगी और इसके बाद चयनित उम्मीदवारों को चीन के अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण केंद्र में भेजा जाएगा।
उन्होंने बताया, “अंतरिक्ष मिशनों में आमतौर पर लड़ाकू पायलटों को प्राथमिकता दी जाती है क्योंकि वे कठोर प्रशिक्षण और फिटनेस मानकों को पूरा कर चुके होते हैं। हालांकि, अब विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उन्नत शिक्षा प्राप्त आम नागरिक भी इस मिशन के लिए योग्य माने जाते हैं।”
इस चयन प्रक्रिया के लिए SUPARCO विभिन्न विश्वविद्यालयों से 30 से 45 वर्ष की उम्र के योग्य उम्मीदवारों की सूची तैयार करेगा, जिसे चीन के अंतरिक्ष मिशन दल को भेजा जाएगा।
क्यों चुने जाएंगे दो अंतरिक्ष यात्री?
हालांकि इस मिशन के लिए दो पाकिस्तानी अंतरिक्ष यात्रियों का चयन होगा, लेकिन अंतिम उड़ान के लिए केवल एक को भेजा जाएगा।
मुहम्मद उस्मान सादिक ने बताया, “वैश्विक अंतरिक्ष मिशनों में एक से अधिक उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया जाता है। यदि कोई अंतरिक्ष यात्री किसी स्वास्थ्य समस्या या अन्य कारणों से मिशन के लिए अनुपयुक्त हो जाता है, तो उसका प्रतिस्थापन तैयार रहता है।”
इसलिए, दोनों उम्मीदवारों को समान प्रशिक्षण दिया जाएगा, लेकिन मिशन लॉन्च से पहले परिस्थितियों के अनुसार अंतिम अंतरिक्ष यात्री का चयन किया जाएगा।

कैसा होगा प्रशिक्षण कार्यक्रम?
चयनित अंतरिक्ष यात्रियों को अक्टूबर 2025 के बाद चीन में आठ महीने का कठोर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- शारीरिक और मानसिक फिटनेस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- अंतरिक्ष में रहने, काम करने और गुरुत्वाकर्षण रहित वातावरण में ढलने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- मिशन के दौरान किए जाने वाले वैज्ञानिक प्रयोगों और तकनीकी संचालन की ट्रेनिंग दी जाएगी।
पाकिस्तान और चीन के बीच अंतरिक्ष सहयोग
हाल ही में, पाकिस्तान और चीन की अंतरिक्ष एजेंसियों के बीच एक सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं। इस समझौते के तहत पाकिस्तान के पहले अंतरिक्ष यात्री को चीन के अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजा जाएगा।
यह समझौता पाकिस्तान के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, क्योंकि यह देश के अंतरिक्ष अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ाने में मदद करेगा।
अंतरिक्ष मिशन के उद्देश्यों पर एक नजर
पाकिस्तान के इस पहले अंतरिक्ष मिशन में कई वैज्ञानिक और तकनीकी प्रयोग किए जाएंगे, जिनमें शामिल हैं:
✅ जैविक और चिकित्सा विज्ञान
✅ एयरोस्पेस और अनुप्रयुक्त भौतिकी
✅ अंतरिक्ष विकिरण और पर्यावरण अध्ययन
✅ सूक्ष्मगुरुत्व (Microgravity) अनुसंधान
✅ खगोल विज्ञान और पदार्थ विज्ञान

तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन आधुनिक प्रयोगशाला उपकरणों और बाहरी अंतरिक्ष अध्ययन सुविधाओं से लैस है, जिससे इन प्रयोगों के माध्यम से चिकित्सा अनुसंधान, पर्यावरण निगरानी और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में महत्वपूर्ण प्रगति होगी।
विशेषज्ञों की राय
अंतरिक्ष अनुसंधान विशेषज्ञ डॉ. कमरुल इस्लाम का मानना है कि चीन अपने अंतरिक्ष स्टेशन पर विभिन्न देशों के अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने के अवसर प्रदान कर रहा है, जिससे पाकिस्तान को भी अपने वैज्ञानिक मिशन को अंतरिक्ष में आगे बढ़ाने का मौका मिला है।
उन्होंने बताया, “लड़ाकू पायलटों का प्रशिक्षण, फिटनेस और वातावरण में ढलने की क्षमता आम नागरिकों की तुलना में बेहतर होती है, इसलिए उन्हें प्राथमिकता दी जाती है।”
काबिल ए गौर
पाकिस्तान के पहले अंतरिक्ष मिशन की यह योजना न केवल देश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है, बल्कि वैज्ञानिक और तकनीकी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अंतरिक्ष मिशन के लिए कौन-से दो पाकिस्तानी उम्मीदवार चुने जाते हैं और कैसे यह मिशन पाकिस्तान के अंतरिक्ष अनुसंधान में नए आयाम जोड़ता है। 🚀
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