पाकिस्तान : प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ विश्वास मत हासिल करने में कामयाब
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, इस्लामाबाद
प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ नेशनल असेंबली से विश्वास मत प्राप्त करने में कामयाब रहे- संसद के 180 सदस्यों ने शहबाज शरीफ को विश्वास मत दिया.स्पीकर नेशनल असेंबली ने कहा कि मियां शाहबाज शरीफ ने नेशनल असेंबली से विश्वास मत लिया है. अगर मुफ्ती अब्दुल शकूर जीवित होते, तो विश्वास मत 181 होते.
अध्यक्ष के निर्देश पर विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने सदन में प्रस्ताव पेश किया.विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि पाकिस्तान की संसद लोगों के साथ खड़ी है. नेशनल असेंबली प्रधानमंत्री के तौर पर शहबाज शरीफ पर पूरा भरोसा जताती है.
स्पीकर ने प्रस्ताव को पढ़कर सदन में पेश किया, जिस पर सभा सदस्यों ने डेस्क घुमाई. स्पीकर के निर्देश पर विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने सदन में प्रस्ताव पेश किया.प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने आज दोपहर के भोजन पर सरकारी सांसदों के साथ परामर्श के बाद विश्वास मत लेने का फैसला किया.
पूर्व राष्ट्रपति आसिफ जरदारी और बिलावल भुट्टो जरदारी और सरकार के अन्य सदस्य दोपहर के भोजन में शामिल हुए.
जियो न्यूज ने बताया कि नाम न छापने की शर्त पर बात करने वाले अधिकारियों ने कहा कि पीएम ने गुरुवार को आयोजित लंच में सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद विश्वास मत हासिल करने का फैसला किया.
द न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शहबाज शरीफ को बुधवार दोपहर वोट देना था, लेकिन गुरुवार तक के लिए इस कवायद को टाल दिया गया. नेशनल असेंबली (एमएनए) के 190 से अधिक सदस्य सदन में उपस्थित थे, जबकि 172 सदस्यों का बहुमत है. जियो न्यूज ने बताया कि सूत्र ने कहा है कि सभी सदस्य विश्वास मत में भाग ले सकते हैं.
द न्यूज ने बताया कि शहबाज शरीफ ने बुधवार को कहा कि शीर्ष अदालत के पास विपक्ष और सरकार के बीच चुनाव के मुद्दे पर मध्यस्थ के रूप में कार्य करने की शक्ति नहीं है. उन्होंने अपने गठबंधन सहयोगियों से मुलाकात के बाद टेलीविजन पर संबोधन में कहा- सर्वोच्च न्यायालय का कार्य पंचायत का नहीं बल्कि संविधान और कानून के अनुसार निर्णय देना है.
पंजाब विधानसभा के 14 मई को चुनाव कराने के आदेश देने वाली सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ के फैसले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि संसद ने इसे स्वीकार नहीं किया. द न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, शहबाज शरीफ ने पीठ के सदस्यों को लेकर हुए विवादों का जिक्र करते हुए कहा- उस बेंच के फैसले को संसद ने स्वीकार नहीं किया. सर्वसम्मत निर्णय यह था कि हम चार-तीन के फैसले को स्वीकार करते हैं.