लंदन में फिलिस्तीन समर्थकों ने इसरायली हमलों के खिलाफ किया प्रदर्शन
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, लंदन
फिलिस्तीन समर्थक कार्यकर्ताओं ने शनिवार को ब्रिटेन की राजधानी लंदन में इजरायली दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान अल-अक्सा मस्जिद में फिलिस्तीनियों के खिलाफ हालिया हिंसा के लिए इजरायल पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई.फिलिस्तीनी आतंकवादियों द्वारा रॉकेट दागे जाने के जवाब में इजरायली पुलिस ने बुधवार को यरूशलेम की फ्लैशपॉइंट अल-अक्सा मस्जिद के अंदर फिलिस्तीनियों के साथ संघर्ष किया. इस दौरान इजरायल ने गाजा और लेबनान दोनों पर बमबारी की.
फलस्तीनियों के मानवाधिकारों की रक्षा से संबंधित एक गैर-लाभकारी एनजीओ, ब्रिटेन स्थित फ्रेंड्स ऑफ अल-अक्सा ने कहा, पिछली रात इजरायल से घिरे गाजा पट्टी पर भी बमबारी की. दुर्रा चिल्ड्रन हॉस्पिटल को नुकसान पहुँचाया. इस दौरान एक 12 वर्षीय बच्चा घायल हो गया.
एफओए ने एक बयान में कहा, बुधवार को इजरायल के कब्जे वाले बलों ने मुसलमानों के लिए यरूशलेम में सबसे पवित्र स्थल पर इबादत करने वालों को डंडों और राइफलों से पीटा. कल इजरायली सेना ने फिलिस्तीनी पुरुषों, महिलाओं और बच्चों पर आंसू गैस, स्टन ग्रेनेड और रबर की गोलियों से हमला किया.
इसमें यह भी कहा गया है कि अल-अक्सा में फिलिस्तीनी रोजेदारों पर इजरायल के हमले बढ़ रहे हैं. विशेष रूप से रमजान के दौरान. यह सब इजरायल के अवैध कब्जे और क्रूर रंगभेद शासन के तहत किया जा रहा है.डॉ. इस्माइल पटेल, अध्यक्ष और एफओए के संस्थापक ने कहा, बहुत हो चुका. हमें अपने सांसदों और नेताओं से बयानों या निंदा के शब्दों की आवश्यकता नहीं. हमें अब इजरायल पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता है.
यह प्रदर्शन एफओए द्वारा स्टॉप द वॉर कोएलिशन, फिलिस्तीन सॉलिडेरिटी कैंपेन, मुस्लिम एसोसिएशन ऑफ ब्रिटेन, कैंपेन फॉर न्यूक्लियर डिसआर्मामेंट और फिलिस्तीन फोरम इन ब्रिटेन के सहयोग से आयोजित किया गया.पटेल ने कहा, फिलिस्तीनी रोजेदारों की बार-बार क्रूर पिटाई, फिलिस्तीनियों के खिलाफ चल रहे अपराधों और अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन के लिए इजरायल को जवाबदेह ठहराने का समय आ गया है.
उन्होंने कहा, अगर ये हमले किसी अन्य देश ने किए होते, तो ब्रिटिश सरकार आज प्रतिबंध लगाने से नहीं हिचकिचाती.