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फिलीस्तीनियों ने इजरायल पर ‘अप्रदर्शन’ का लगाया आरोप , UN शीर्ष अदालत में कब्जे को समाप्त करने की मांग

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,हेग

फिलीस्तीन के विदेश मंत्री रियाद अल-मालिकी ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत में कहा कि फिलीस्तीनी लोग इजरायल के अधीन “उपनिवेशवाद और रंगभेद” का सामना कर रहे हैं. उन्होंने न्यायाधीशों से इजरायल के कब्जे को तुरंत और बिना शर्त समाप्त करने का आदेश देने का आग्रह किया.

ICJ में सुनवाई चल रही है

अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) इस सप्ताह पूरे सप्ताह 1967 से इजरायल के कब्जे के कानूनी निहितार्थों पर सुनवाई कर रहा है. इसमें 52 देशों के साक्ष्य देने की उम्मीद है, जिनमें संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस भी शामिल हैं.
इजरायल सुनवाई में भाग नहीं लेगा, लेकिन उसने लिखित रूप में अपनी स्थिति स्पष्ट की है.

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फिलीस्तीनियों की मांग

मालिकी ने कहा, “फिलीस्तीनियों को उपनिवेशवाद और रंगभेद सहना पड़ा है… कुछ लोग इन शब्दों से नाराज हैं. उन्हें उस वास्तविकता से नाराज होना चाहिए जिसका हम सामना कर रहे हैं.” उन्होंने न्यायाधीशों से कब्जे को अवैध घोषित करने और उसे “तुरंत, पूरी तरह और बिना शर्त” रोकने का आदेश देने की अपील की.

भावुक अपील

फिलीस्तीनी UN दूत रियाद मंसूर ने कहा, “न्याय में देरी न्याय से इनकार है और फिलीस्तीनी लोगों को बहुत लंबे समय से न्याय से वंचित रखा गया है. यह उन दोहरे मानकों को समाप्त करने का समय है, जिन्होंने हमारे लोगों को बहुत लंबे समय तक बंदी बनाकर रखा है.” उन्होंने आंसू रोकने के लिए संघर्ष करते हुए कहा, “एक भविष्य का आह्वान किया जहां फिलीस्तीनी बच्चों को बच्चों के रूप में माना जाता है, न कि जनसांख्यिकीय खतरे के रूप में.”

आगे क्या?

ICJ इस मामले पर “तत्काल” फैसला सुनाएगा, संभवतः साल के अंत तक. सुनवाई के बाहर दर्जनों फिलीस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए और नारेबाजी की. ICJ का फैसला बाध्यकारी नहीं होगा, लेकिन यह एक महत्वपूर्ण नैतिक और कानूनी दस्तावेज माना जाएगा.