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गाजा पर मुस्लिम देशों की खिल्ली उड़ाती तस्वीरें, इजरायली नरसंहार पर तमाशबीन अरब देश

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

इजरायल की बमबारी से तबाह गाजा के मामले में मुस्लिम देशों के निष्ठुर रवैये की आलोचना हो रही है. सोशल मीडिया पर इनदिनों कुछ ऐसी तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जा वाकई मुस्लिम देशों को शर्मिंदा करने वाली हैं.

गाजा पर इजरायली हमले से अब तक 10 हजार से अधिक लोग बेमौत मारे जा चुके हैं और आधे से अधिक आबादी बेघर हो चुकी है. इजरायल के अंधाधुंध बमबारी से आधा गाजा खंडहर में तब्दील हो गया है. बड़ी संख्या मंे बच्चों, औरतों एवं बूढ़ों की मौतें हुई हैं. इसके बावजूद मुस्लिम देश खासकर अरब देशों निष्ठुर बने हुए हैं. सिवाए जुबान खर्ची के गाजा के लोगों को इजरायली बम बारी से बचाने के लिए कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है.

कहने को मुस्लिम देशों का अंतरराष्ट्रीय संगठन है. इसके करीब 60 सदस्य देश हैं. हिंदुस्तान भी मुस्लिम आबादी के लिहाज से खुद को आला मानता है. इसके अलावा मुस्लिम वल्र्ड लीग के नाम पर दुनिया में अलग सियासत हो रही है. बावजूद इसके गाजा के लोगों को बचाने के लिए अब तक कोई ठोस प्रयास नहीं किया गया है.

ईरान और एक दो मुल्कों को छोड़ दें तो मुस्लिम देशों ने एक तरह से परेशान हाल गाजा के फिलिस्तीनियों से किनारा कर रखा है. कहने को सऊदी अरब और तुर्की मुस्लिम देशों का लीडर बनने का ढोंग करते हंै, पर इस मामले में सबसे अधिक बेरुखी यही देश दिखा रहे हैं. अन्यथा क्या वजह है कि दुनिया के तमाम मुस्लिम देश इकट्ठे हो जाएं तो इजरायल जैसा देश चूं तक कर पाए.

जमियत उलेमा ए हिंद अरशद मदनी कहते हैं, गाजा में फिलिस्तीनी अपनी जमीन पाने की लड़ाई लड़ रहे हैं. उनके ही जमीन पर उन्हें अनजान कर दिया गया. उसपर से इजरायल उन्हें नाजी बता रहा है और उन्हें नेस्त काबू करने की धमकी दे रहा है. वह अंतरराष्ट्रीय कानून को नहीं मानता.

दुखद बात यह है कि गाजा में लाशें बिछाने के बावजूद इजरायल पीछे हटने को तैयार नहीं. ईरान बार-बार मुस्लिम देशों को इजरायल के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान कर रहा है. यहां तक कि यूएन भी इजरायल की गुंडागर्दी पर आपत्ति उठा रहा है. मगर मुस्लिम देश खामोशी अख्तिायार किए हुए हैं.

इसके विपरीत केवल हिजबुल्लाह नेता सैय्यद हसन नसरल्लाह ही इजरायल से लोहा ले रहे हैं.ं 2006 में भी इजरायल के साथ युद्ध लड़ने के दौरान इसके 55 लड़ाके मारे गए थे.

हिज्बुल्लाह ने बताया कि तीन सप्ताह से अधिक की लड़ाई में उन्होंने इजरायली सेना की चैकियों पर एक साथ 19 हमले किए और विस्फोटक ड्रोन का उपयोग किया.सीमा पर लड़ाई बढ़ने पर इजराइल ने हवाई हमलों के साथ-साथ टैंक और तोपखाने से जवाबी कार्रवाई की.

हालांकि, अब तक की झड़पें ज्यादातर सीमा पर ही हुईं. हिजबुल्लाह को अभी भी उस मारक क्षमता का एक अंश ही मिला है. इसके इतर सऊदी अरब और दूसरे मुस्लिम देश केवल जुबान जमा खर्ची के कुछ नहीं कर रहे हैं. उनकी बातों से ऐसा लगता है कि वे जल्द ही इजरायल का हुक्का-पानी बंद कर देंगे, पर अब तक उनकी ओर से केवल दिखावा ही किया गया है. जिसकी अब सोशल मीडिया पर मीम बनने लगी है. अभी सोशल मीडिया पर ऐसी कई तस्वीरें तैर रही हैं, जो मुस्लिम देशों को शर्मिंदा करने वाली हैं. बावजूद इसके उन्हें शर्म आएगी, ऐसा बिल्कुल नहीं लगता है.