पीएम मोदी के प्रयासों को मध्य प्रदेश में कर दिया गया ‘आग’ के हवाले
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली / भोपाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब अमेरिका में क्वाड शिखर सम्मेलन और संयुक्त राष्ट्र महासभा के सामने भारत के लोकतंत्र की प्रशंसा कर रहे थे, ठीक उस समय अपने देश में कुछ सिरफिरे मुल्क को शर्मिंदा करने की कोशिश में लगे थे. मुस्लिम विरोधी घृणा अपराध के एक और मामले में, कट्टरपंथी हिंदू संगठनों ने मध्य प्रदेश के खरगोन में सड़कों पर उतरकर मुस्लिमों के व्यवसाए न केवल बंद करा दिए, गोमांस की खोज की आड़ में तोड़फोड़ भी की.
उर्दू अखबार ‘सियासत’ के अनुसार, गोमांस के नाम पर कार्रवाई करते हुए लपटों ने दुकानें बंद कर दीं. इलाके में अल्पसंख्यक समुदाय के व्यापारियों द्वारा चलाए जा रहे कुछ प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ भी की गई. इस आशय का एक ट्विटर वायरल हो रहा है जिसमें लोग ‘‘गोली मारो सालों को‘‘ और ‘‘बंद करो, बंद करो‘‘ जैसे नारे लगाते दिख रहे हैं.
वीडियो, मूल रूप से न्यूज़क्लिक के एक पत्रकार काशिक काविक द्वारा साझा किया गया है. एक मुस्लिम ऑटो चालक को कैमरामैन से पूछताछ करते हुए दिखाया गया है. ‘‘मैंने कौन सा पाप किया है? ” वह अपने ऑटो की ओर इशारा करते हुए पूछता है कि वह क्षतिग्रस्त कर दिया गया. पीड़ित दो अन्य युवकों से घिरा हुआ दिख रहा है. सभी पुरुषों के चेहरे पर खून पसरा है और हिंसक भीड़ के परिणामस्वरूप वे गंभीर रूप से घायल हो गए हैं.
वीडियो में पुलिस कर्मियों को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज का सहारा लेते हुए भी दिखाया गया है. अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि पुलिस की कार्रवाई से कौन प्रभावित हुए. हालांकि खरगोन के बाजार में कई लोगों के प्रभावित होने की बात कही जा रही है. प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. पुलिस जल्द ही मामले की जांच करने की बात कह रही है.
इस घटना के अलावा, इस साल अगस्त के महीने में भारत में कई मुस्लिम विरोधी अपराध भी गए. खासकर हिंदी पट्टी में. जबकि किसी भी प्रकार के घृणा अपराध का आधार अनुचित है.े अपराधियों द्वारा दिए गए तर्क ध्यान देने योग्य हैं. तीन पहले असम से एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें एक सरकारी फोटो जर्नलिस्ट पुलिस की गोली से मारे गए एक मुसलमान की लाश पर पुलिसकर्मियों पर कूदता, उठे ठोकर मारते और मुक्का बरसाते दिखाया गया था. हालांकि बाद में वह फोटो जर्नलिस्ट गिरफ्तार कर लिया गया. जमीयत के महमूद मदनी कहते हैं कि इस तरह की घटनाएं अंतरराष्ट्रीय पटल पर भारत की छवि को धूमिल कर रही हैं.
बताते हैं कि हाल में इस तरह के अपराधों को दक्षिणपंथी हिंदुत्व समूहों के सदस्यों, यति नरसिंहानंद सरस्वती के भक्तों द्वारा अंजाम दिया गया है. कुछ मामलों में भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिक नेताओं की उपस्थिति और मुखर समर्थन भी देखने को मिला.