ओवैसी पर ‘घर’ में सियासी हमले तेज, उठने लगे तीखे सवाल
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों के बाद, असदुद्दीन ओवैसी और उनकी पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) पर सवालों की बौछार शुरू हो गई है. हर चुनाव के बाद उन पर भाजपा को अप्रत्यक्ष रूप से फायदा पहुंचाने के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन इस बार यह हमले उनके ‘घर’ से ही हो रहे हैं. सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें ओवैसी के खिलाफ हैदराबाद से ही कड़ी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं.
क्या ओवैसी की सियासी रणनीति असफल हो रही है?
हर चुनाव में ओवैसी की रणनीति पर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन इस बार उनके पुराने समर्थक भी उनकी नीतियों पर सवाल खड़े कर रहे हैं. वायरल हो रहे एक वीडियो में हैदराबादी लहजे में बोलते एक व्यक्ति का कहना है, “ओवैसी जिसको जिताने की अपील करते हैं, वही हार जाता है.” वे उदाहरण देते हुए कहते हैं कि केटीआर, बदरुद्दीन अजमल, इम्तियाज जलील, कुमारस्वामी, उपेंद्र कुशवाहा, वंचित अघाड़ी—ये सभी ओवैसी के समर्थन के बावजूद हार गए.
इस वीडियो में आगे कहा जाता है कि “ओवैसी जिसको हराने की बात करते हैं, वही जीत जाता है. मोदी, योगी, नीतीश—सबको हराने की अपील की थी, और वे सब जीत गए. उन्होंने संसद में UAPA और तीन तलाक कानून का विरोध किया, फिर भी वे लागू हो गए.” यह व्यक्ति ओवैसी पर इतने नाराज हैं कि उन्हें ‘मनहूस-ए-मिल्लत’ तक कहने से गुरेज नहीं कर रहे.
राजा सिंह पर चुप्पी क्यों?
एक अन्य वीडियो में ‘हक की आवाज’ नामक चैनल पर ख्वाजा बिलाल ने ओवैसी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि ओवैसी कभी भी भाजपा नेता राजा सिंह के खिलाफ नहीं बोलते और न ही उनकी सीट पर AIMIM उम्मीदवार खड़ा करते हैं.
ख्वाजा बिलाल का कहना है कि ओवैसी दारुस्सलाम संसदीय सीट से जीतते हैं, जबकि इसी क्षेत्र में आने वाली गोशामहल विधानसभा से राजा सिंह जीतते हैं. वे सवाल उठाते हैं कि “राजा सिंह खुलेआम ओवैसी और इस्लाम के खिलाफ बयानबाजी करते हैं, लेकिन ओवैसी उन पर एक शब्द नहीं बोलते.”
तेलंगाना में खामोशी, दिल्ली में आक्रामकता?
ओवैसी के विरोधियों का कहना है कि वे तेलंगाना में अपराध के आरोप झेल रहे नेताओं को समर्थन नहीं देते, लेकिन दिल्ली दंगों के दो आरोपियों को टिकट दे देते हैं. सैयद हामिद नामक व्यक्ति एक वीडियो में कहते हैं कि ‘मक्का मस्जिद केस में जब 80 मुस्लिम युवा 18 महीने तक जेल में थे, तब ओवैसी ने उनकी पैरवी नहीं की, लेकिन दिल्ली दंगों के आरोपियों को टिकट दिया.’
वे आगे कहते हैं, “ओवैसी दिल्ली में अरविंद केजरीवाल को ‘कूड़े का नेता’ कहते हैं, लेकिन उनके अपने संसदीय क्षेत्र याकूतपुरा की हालत बदतर है.”
इजाज खान का आरोप: 5000 करोड़ की संपत्ति का खेल?
बॉलीवुड अभिनेता इजाज खान ने भी ओवैसी पर हमला बोलते हुए उन पर 5000 करोड़ रुपये की संपत्ति का आरोप लगाया है. अपने वीडियो में उन्होंने ओवैसी से “अपना नया और पुराना मकान दिखाने” की मांग की और आरोप लगाया कि “ओवैसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन का लंदन में एक आलीशान बंगला है.”
इजाज खान का यह भी कहना है कि “ओवैसी के अस्पतालों में गरीबों का मुफ्त इलाज नहीं होता, उनके स्कूलों में किताबों और अन्य चीजों के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती है.”
क्या ओवैसी की छवि को नुकसान हो रहा है?
ओवैसी पर पहले भी सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील महमूद पराचा गंभीर आरोप लगा चुके हैं. दिल्ली विधानसभा चुनावों में AIMIM की भूमिका पर उठते सवालों से उनकी राजनीतिक रणनीति पर नए सिरे से विचार करने की जरूरत महसूस की जा रही है.
क्या ओवैसी अब मुस्लिम मतदाताओं के लिए एक मजबूत नेता के रूप में अपनी पकड़ बनाए रख पाएंगे, या उनकी रणनीति उन्हें और उनकी पार्टी को नुकसान पहुंचाएगी? यह सवाल अब खुद उनके समर्थक भी पूछने लगे हैं.
(आगे की जानकारी के लिए पढ़ते रहें…)दिल्ली चुनाव: कांग्रेस और ओवैसी को आत्ममंथन की कितनी जरूरत?