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कश्मीर के पुंछ में तीन नागरिकों की मौत पर सियासत गर्म, इंटरनेट सेवा बंद

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, श्रीनगर

कश्मीर के पुंछ में तीन नागरिकों की मौत पर सियासी बवंडर खड़ा हो गया है.जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने इसपर गंभीर सवाल उठाए हैं. शनिवार को यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्हांेने 22 दिसंबर को तीन नागरिकों की मौत के लिए भारतीय सेना को जिम्मेदार ठहराया है.

यह घटनाक्रम पुंछ जिले में एक आतंकवादी हमले में पांच सैनिकों की मौत की पृष्ठभूमि में आया है.हमले के तुरंत बाद, एक परेशान करने वाला वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने लगा, जिसमें भारतीय सेना की पोशाक में पुरुषों का एक समूह तीन नागरिकों के शरीर पर लात मार रहा है और लाल मिर्च पाउडर छिड़क रहा है.

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वह वीडियो की प्रामाणिकता साबित करने में असमर्थ थीं. फिर भी “पुंछ जिले के बाफलियाज के पास टोपा पीर गांव से ऐसी खबरें हैं कि भारतीय सेना ने 15 लोगों को पूछताछ के लिए उठाया. इनमें तीन लोगों, सफीर हुसैन, शौकत हुसैन और मोहम्मद शबीर के शव जमीन पर पड़े नजर आ रहे हैं और उनके घावों पर मिर्च पाउडर लगाया जा रहा है. शेष 12 लोग वर्तमान में विभिन्न अस्पतालों में चिकित्सा उपचार करा रहे हैं. ”

उन्हांेने कहा, राजौरी और पुंछ जिलों के लोग शांतिप्रिय हैं. उन्होंने कभी भी आतंकवाद का समर्थन नहीं किया. पीडीपी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर घाटी में शून्य आतंकवाद की झूठी कहानी बुनने का आरोप लगाया है.उन्हांेने सरकार से सवाल किया,“ये कैसा खुशहाल कश्मीर है? कैसा नया कश्मीर है? जहां ना सेना वाला सुरक्षित है और न ही यहां के लोग.

मुफ्ती ने कहा, मैं उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से आग्रह करती हूं कि जांच का आदेश दें और पूरी होने तक मारे गए निर्दोष नागरिकों के लिए 50 लाख रुपये और घायलों के लिए 5 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान करें.इधर, तीन शव मिलने के बाद प्रशासन सतर्क हो गया है. कोशिश हो रही है कि इस आधार पर असामाजिक तत्वों द्वारा अफवाह फैलाने का मौका न मिल, इसलिए एहतियातन मोबाइल और इंटरनेट निलंबित कर दी गई है.

विरोध भड़क उठा

जम्मू और कश्मीर अपनी पार्टी (जेकेएपी), जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (जेकेएनसी) और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) जैसे कई क्षेत्रीय राजनीतिक दलों ने नागरिकों की हत्याओं की निंदा की है.इसको लेकर प्रदर्शन किया.प्रदर्शनकारी नारे लगा रहे थे, मासूमों का कत्ल-ए-आम, बंद करो, बंद करो.डीपीएडी अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने केंद्र से त्वरित कार्रवाई करने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है.

मुआवजे का ऐलान

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शनिवार, 23 दिसंबर को पुंछ जिले में आतंकवाद विरोधी अभियान स्थल के पास मृत पाए गए तीन नागरिकों के परिजनों को मुआवजा और नौकरी देने की घोषणा की है.22 दिसंबर को, बफलियाज में डेरा की गली (डीकेजी) इलाके में सेना के दो वाहन, जिनमें एक जिप्सी और एक ट्रक शामिल थे, आतंकवादियों की गोलीबारी की चपेट में आ गए. सुरनकोट इलाके में हथियारबंद लोगों के एक समूह के छिपे होने की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने वहां संयुक्त अभियान चलाया.

रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि हमले के दौरान सैनिकों और हथियारबंद लोगों के बीच हाथापाई हुई थी.बंदूकधारी आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच शुरुआती संपर्क में तीन सैनिक मारे गए. गंभीर रूप से घायल दो और लोगों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.

पुंछ और राजौरी दोनों जिलों में व्यापक तलाशी अभियान चलने के बावजूद, सुरक्षा बल अभी तक छिपे हुए आतंकवादियों का पता लगाने में सफल नहीं हुए हैं.इस साल पुंछ जिले में यह दूसरी बड़ी घटना है. 20 अप्रैल को पुंछ के भिम्बर गली इलाके में एक हमले में पांच सैनिक मारे गए और कई अन्य घायल हो गए.

पुंछ नागरिक हत्याः कानूनी कार्रवाई शुरू

अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने पुंछ जिले में चल रहे आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान मारे गए नागरिकों के परिजनों को मुआवजे की घोषणा करते हुए कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है.

सूचना और पीआर विभाग ने माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट एक्स पर कहा, “पुंछ जिले के बफलियाज में तीन नागरिकों की मौत की सूचना मिली है. चिकित्सीय कानूनी औपचारिकताएं पूरी की गईं . इस मामले में उचित कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है. सरकार ने प्रत्येक मृतक के लिए मुआवजे की घोषणा की है.”

इंटरनेट सेवा बंद

पुंछ और राजौरी जिलों में शनिवार सुबह मोबाइल इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गई. पुलिस और सुरक्षा बलों ने गुरुवार को सेना के दो वाहनों पर हुए हमले में शामिल आतंकवादियों को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान जारी रखा है. पीर टोपा इलाके में पांच सैनिक मारे गए थे.

पीर टोपा गांव के पास सेना के वाहनों पर हुए घातक आतंकवादी हमले के बाद पूछताछ के लिए उठाए गए तीन स्थानीय लोग शुक्रवार को रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाए जाने के बाद इंटरनेट सेवा निलंबित कर दिया गया.