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भारतीय भाषाओं के शब्दकोश तैयार करें: प्रो. मोहंती

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,हैदराबाद

अनुवाद को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्रीय भाषाओं के शब्दकोश तैयार किए जाने चाहिए. बहुभाषिकता बेहतर संज्ञानात्मक क्षमताओं की ओर ले जाती है. भारत बहुभाषी है, लेकिन भारतीय नहीं हैं. यह कहना है जीएलए विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के प्रोफेसर पंचानन मोहंती का. वह मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन संस्कृतियों का अनुवाद भाषा और साहित्य के अंतर्विरोधों की खोज के समापन सत्र में बोल रहे थे. यह आयोजन मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी (मानू) नेशनल ट्रांसलेशन मिशन, सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन लैंग्वेजेस, मैसूर के सहयोग किया गया.

फ्रांस के प्रो. एलेन देसौलिएरेस ने सम्मेलन के सफल आयोजन की सराहना की. प्रोफेसर इम्तियाज हसनैन ने सम्मेलन की कार्यवाही को प्रकाशित करने की योजना साझा की.

डॉ. गोविंदैया गोदावरी ने स्वागत भाषण दिया और सुश्री समीना तबस्सुम ने सम्मेलन पर एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत की. समापन सत्र का संचालन शोधार्थी सुश्री टीना थॉमस ने किया, जबकि डॉ. कुदसी रिजवी ने धन्यवाद ज्ञापित किया. प्रमाण पत्र वितरण के साथ सम्मेलन संपन्न हुआ.

फ्रांस के प्रोफेसर एलेन देसौलिएरेस, सऊदी अरब के डॉ. सैयद सरवर हुसैन, उज्बेकिस्तान के निलुफर खोदजाएवा, नेपाल के भीम लाल गौतम और हांगकांग के जॉन चुन यिन वोंग विदेशी विश्वविद्यालयों के वक्ताओं ने कार्यक्रम में शिरकत की. अन्य प्रमुख वक्ताओं में प्रो. इस्मत मेहदी, प्रो. हरीश नारंग, प्रो. सुरभि भारती, प्रो. टी. विजय कुमार, प्रो. पंचानन मोहंती, प्रो. अमीना किशोर, प्रो. अनीसुर रहमान, प्रो. हरिबंदी लक्ष्मी, प्रो. पुष्पिंदर सयाल, प्रो. अक्षय कुमार, प्रो. क्रिस्टोफर के डब्ल्यू, प्रो. अमिथ कुमार, और प्रो. वी. बी. थारकेश्वर भी रहे.

एमए अंग्रेजी के छात्रों द्वारा अनुवाद के विषय पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, जिन्होंने हबीब तनवीर द्वारा लिखित 1954 के नाटक आगरा बाजार से एक सम्मोहक दृश्य का अभिनय किया, का आयोजन पहले दिन की शाम किया.

दूसरे दिन को एनईपी 2020 और अनुवाद के मुद्दों पर एक समृद्ध पैनल चर्चा द्वारा चिह्नित किया गया, जिसका संचालन प्रो. शुगुफ्ता शाहीन, ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी-ओएसडी प् और एचओडी इंग्लिश ने किया. पैनलिस्ट थे प्रो. अजीज बानो, स्कूल के डीन और फारसी विभाग, प्रो. सैयद अलीम अशरफ जायसी, विभागाध्यक्ष अरबी, प्रो. शम्सुल होदा, विभागाध्यक्ष उर्दू, डॉ. सैयद महमूद काजमी, विभागाध्यक्ष अनुवाद, और डॉ. जीवी रत्नाकर, विभागाध्यक्ष हिंदी.