कश्मीर की शान: डॉ. मलिका सीरत, डेंटल सर्जन होने के साथ कॉस्मेटोलॉजिस्ट भी हैं, उन्हें फैशन से है प्यार
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, श्रीनगर
श्रीनगर की 27 वर्षीया डॉ मलिका सीरत को बचपन से ही डेंटिस्ट बनने का शौक था. वह एक स्किन केयर रेंज की भी मालिक हैं और उनका इंस्टाग्राम पर द पीच वुड्स कश्मीर नाम से एक पेज भी है. डॉ मलिका कहती हैं,“मैं बचपन से डेंटिस्ट बनना चाहती थी. कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करने के बावजूद मेरा दंत चिकित्सक बनने का संकल्प कम नहीं हुआ. इसके अलावा, मुझे अपना समय स्केचिंग और पेंटिंग करने में बिताना पसंद है.
अगर डेंटिस्ट नहीं होती, तो मैं निश्चित रूप से “फैशन डिजाइनर” बनती. मैंने अपने दोस्तों के लिए इसको लेकर स्वेच्छा से काम किया है. चाहे वह रचनात्मक दिशा में हो या शूटिंग के लिए.मलिका को फैशन से गहरा लगाव है. वैसे तो उन्होंने कभी भी फैशन को एक पेशे के रूप में अपनाने के बारे में नहीं सोचा, लेकिन वह जानती हैं कि इसे वो और अधिक ऊंचाइयों तक ले जाने वाली हैं.
कॉलेज के दिनों में वह फैशन शो में भाग लेती थीं. दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने उन सभी शो में जीत हासिल किया जिसका वह हिस्सा रहीं. इस प्रतिभाशाली महिला को 2016 में डब्बू रतनानी के साथ शूटिंग करने का भी मौका मिला.वह कहती हैं, मुझे बॉलीवुड फिल्मों के प्रस्ताव भी आए, लेकिन मुझे उन्हें बताना पड़ा कि मैं अपनी डिग्री से समझौता नहीं कर सकती. हालांकि, मलिका दोस्तों और परिवार के लिए नॉन-पेड शूट करती रहीं हैं.

वह बताती हैं,कश्मीरी फैशन सदियों पुराना है. लेकिन हाल के वर्ष कठिन रहे हैं. इसे कई चुनौतियांें का सामना करना पड़ा. इसके बावजूद, हमने पुरुषों और महिलाओं को देखा है जो असवर मिलने पर इसके साथ पूरा न्याय करते हैं. नवोदित डिजाइनरों को पुरानी तकनीकों का उपयोग करते और उन्हें पुरानी कला को आधुनिक रूपों के साथ मिलाते देखकर मुझे खुशी होती है. मेरा मानना है कि इस क्षेत्र में विकास की बहुत गुंजाइश है. जो कोई भी यह मानता है कि उसमें क्षमता और जुनून है, उसे संकोच नहीं करना चाहिए, बल्कि इसे अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहिए.
मलिका कहती हैं,एक डॉक्टर के रूप में मेरा ध्यान न केवल अपने रोगियों को सर्वोत्तम दंत चिकित्सा देखभाल प्रदान करने पर है, एक ऐसा मंच बनाने पर भी है जहां मैं कम विशेषाधिकार प्राप्त लोगों की मदद कर सकूं. मैं वर्तमान में नई दिल्ली के एक अस्पताल में प्रैक्टिस कर रही हूं. मुझे उम्मीद है कि मैं अपना करियर उस दिशा में ले जाऊंगी. मैं हमेशा एक मददगार, ईमानदार और सच्चा इंसान बनने की ख्वाहिश रखती हूं जो मेरे नाना जो पूर्व सांसद थे, ने मुझे सिखाया है. जिन्हें मैं अपना आदर्श मानती हूं.
डा. मलिका ने कहा, समाज के लिए मेरा संदेश है कि जियो और दूसरों को अपना जीवन जीने दो. कश्मीर की लड़कियों के लिए मेरा संदेश है कि किसी के लिए अपने सपनों और लक्ष्यों को मत छोड़ो, यह तुम्हारा जीवन है. इसे अपने तरीके से जियो.