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जामिया के कुलपति बने प्रोफेसर मज़हर आसिफ, नियुक्ति के बाद पहला कदम शहीदों को समर्पित

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

प्रोफेसर मज़हर आसिफ ने जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआई) के 16वें कुलपति के रूप में कार्यभार संभाला. कुलपति कार्यालय में जामिया के शिक्षकों और कर्मचारियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया.

कार्यभार ग्रहण करने के तुरंत बाद, उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में स्थित ब्रिगेडियर उस्मान की समाधि पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की. ऐसा करने वाले वे जामिया के पहले कुलपति हैं. ब्रिगेडियर उस्मान, जिन्हें “नौशेरा का शेर” कहा जाता है, ने 1947-48 के भारत-पाक युद्ध में वीरगति पाई थी.

प्रोफेसर मज़हर आसिफ ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन और जामिया के संस्थापक सदस्य डॉ. एम.ए. अंसारी की समाधियों पर भी पुष्पांजलि अर्पित की.

कुलपति ने कुलपति कार्यालय के बैठक हॉल में विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों, डीन और कार्यवाहक रजिस्ट्रार से मुलाकात की. उन्होंने प्रशानिक ब्लॉक का भी दौरा किया. गैर-शिक्षण कर्मचारियों से भी बातचीत की. अपने पहले संबोधन में उन्होंने कहा कि उनका एकमात्र लक्ष्य जामिया को उच्चतम स्तर पर पहुंचाना है.

उन्होंने बताया कि वे एक छात्र और कर्मचारी केंद्रित व्यक्ति हैं. विश्वविद्यालय में छात्रों की सुरक्षा, अच्छा रहन-सहन और भोजन सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिकता होगी.

उन्होंने कहा, “मैं आलोचनाओं का स्वागत करता हूं, लेकिन समाधान के साथ सुझावों की भी अपेक्षा रखता हूं ताकि मिलकर विश्वविद्यालय को और बेहतर बना सकें. यदि हम एक साथ काम करेंगे, तो सर्वशक्तिमान की मदद भी हमारे साथ होगी.”

प्रोफेसर मज़हर आसिफ को भारत की माननीय राष्ट्रपति ने 24 अक्टूबर 2024 को जेएनयू के स्कूल ऑफ लैंग्वेज, लिटरेचर एंड कल्चर स्टडीज से जेएमआई का कुलपति नियुक्त किया. उन्हें उनके कार्यकाल के आरंभ से पांच वर्ष या 70 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, के लिए नियुक्त किया गया है.

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