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वक्फ संशोधन बिल पर विरोध तेज, सोशल मीडिया से सड़कों तक विरोध

मुस्लिम नाउ ब्यूरो ,नई दिल्ली

वक्फ कानून में संशोधन को लेकर केंद्र सरकार के प्रयासों के खिलाफ देश के मुसलमान उठ खड़े हुए हैं. इस संशोधन बिल को खारिज कराने के लिए एक संगठित आंदोलन शुरू हो चुका है, जो मस्जिदों, सड़कों और सोशल मीडिया पर जोर पकड़ रहा है.

मुस्लिम नेता न केवल विपक्षी दलों से मिलकर इस बिल को रोकने की अपील कर रहे हैं, बल्कि स्टैंडिंग कमेटी तक अपनी आपत्ति दर्ज कराने के लिए विशेष अभियान भी चला रहे हैं. जगह-जगह छोटी-छोटी सभाओं और प्रदर्शन के माध्यम से लोग इस संशोधन के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद कर रहे हैं. मस्जिदों से भी इस बिल के खिलाफ जागरूकता फैलाने की अपील की जा रही है.

सोशल मीडिया पर आंदोलन का असर साफ नजर आ रहा है. क्यूआर कोड और ड्राफ्ट साझा करके लोगों को अपने विरोध को रिकॉर्ड करने के तरीके बताए जा रहे हैं.

AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य इस आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं, और लोगों को जागरूक कर रहे हैं कि वक्फ एक्ट में बदलाव से मस्जिदें, कब्रिस्तान और अन्य वक्फ संपत्तियां हाथ से निकल सकती हैं. उनका कहना है कि सरकार का यह कदम मुसलमानों की पहचान मिटाने का प्रयास है और वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने का षड्यंत्र है.

एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा गया, “भारत में 21 करोड़ से ज्यादा मुसलमान हैं. अगर 50 लाख लोग भी इस वक्फ बिल का विरोध करें, तो इसे रोका जा सकता है.” साथ ही यह बताया गया कि वक्फ बोर्ड की जमीन देश में तीसरे स्थान पर है, इसलिए इसका विरोध करना जरूरी है.

इस आंदोलन में विवादास्पद इस्लामिक विद्वान जाकिर नायक भी शामिल हो गए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर लोगों को इस मुद्दे पर जागरूक किया है. स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य जगदंबिका पाल ने भी लोगों से अपील की है कि वे अपनी शिकायतें दर्ज कराएं। इतना ही नहीं, कुछ रिपोर्टों के मुताबिक, विरोध करने वालों ने इतनी ज्यादा संख्या में ईमेल भेजे कि सिस्टम क्रैश हो गया, जिसके बाद पोस्ट के जरिए विरोध दर्ज कराने का सुझाव दिया जा रहा है.

बीजेपी सरकार के पिछले मुस्लिम विरोधी फैसलों जैसे तीन तलाक, अनुच्छेद 370, राम मंदिर और मदरसों को लेकर किए गए निर्णयों के चलते आम मुसलमानों के बीच यह चिंता बढ़ गई है कि धीरे-धीरे उनकी पहचान मिटाने की कोशिश हो रही है.

मुसलमानों के इस संगठित विरोध से कट्टरपंथी हिंदू संगठन घबरा गए हैं. सोशल मीडिया पर हिंदुओं से वक्फ बिल का समर्थन करने की अपील की जा रही है. एक कट्टरपंथी पोस्ट में लिखा गया, “सोते हुए हिंदुओं, जागो और वक्फ संशोधन बिल का समर्थन दिखाओ, नहीं तो तुम्हारे साथ भी वही होगा जो बिहार में हुआ है.”

इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि वक्फ कानून में बदलाव को लेकर मुसलमानों में गहरी बेचैनी और असंतोष है, और इसे लेकर चल रहे जागरूकता अभियान ने सरकार के खिलाफ एक व्यापक आंदोलन का रूप ले लिया है.