Politics

राहुल गांधी सोचता है मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी, गांधी किसी से माफी नहीं मांगता

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,नई दिल्ली

राहुल गांधी सोचता है मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी, गांधी किसी से माफी नहीं मांगता. कांग्रेस नेता राहुल गांधी के यह वाक्य सोशल मीडिया पर जबर्दस्त ढंग से गूंज रहे हैं.उन्होंने यह बात लोकसभा से अयोग्य घोषित किए जाने के एक दिन बाद प्रेस कान्फ्रेंस में एक पत्रकार के सवाल के जवाब में कही.

राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार अडाणी पर उनके सवालों से डर गई है और लोकतंत्र पर हमला हो रहा है.उन्होंने कहा कि वह धमकियों, अयोग्यता और जेल की सजा से डरे नहीं हैं. राहुल गांधी ने कहा कि वह अडाणी शेयरों के मुद्दे पर सवाल पूछने से पीछे नहीं हटेंगे. सूरत की एक अदालत द्वारा उन्हें 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद लोकसभा से अयोग्य घोषित किए जाने लोकर अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस को वह काफी गुस्से में दिखे.

मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए, राहुल गांधी ने कहा, यह पूरा नाटक है जो प्रधानमंत्री को सरल प्रश्न से बचाने के लिए किया गया है.20,000 करोड़ रुपये अडाणी की शेल कंपनियों में गए. मैं इन धमकियों, अयोग्यताओं या जेल की सजा से डरने वाला नहीं हूं.

उन्होंने कहा, मुझे सच के अलावा किसी चीज में दिलचस्पी नहीं है. मैं केवल सच बोलता हूं. यह मेरा काम है और मैं अयोग्य होने या गिरफ्तार होने पर भी इसे करता रहूंगा. इस देश ने मुझे सब कुछ दिया है और इसलिए मैं इसे करूंगा.कांग्रेस नेता ने कहा, मैं अडाणी के मुद्दे पर सवाल पूछता रहूंगा. वे मुझे अयोग्य ठहराकर या मुझे जेल में डालकर डरा नहीं सकते. मैं पीछे नहीं हटूंगा.

उन्होंने आरोप लगाया कि संसद में दिए गए उनके भाषण को निकाल दिया गया . बाद में उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को विस्तृत जवाब लिखा.उन्होंने कहा, कुछ मंत्रियों ने मेरे बारे में झूठ बोला कि मैंने विदेशी शक्तियों से मदद मांगी है. लेकिन मैंने ऐसा कुछ नहीं किया है. मैं सवाल पूछना बंद नहीं करूंगा, मैं पीएम मोदी और अडाणी के संबंधों पर सवाल उठाता रहूंगा.

उन्होंने कहा, मैंने कई बार कहा है कि देश में लोकतंत्र पर हमला हो रहा है. हम हर दिन इसके उदाहरण देख रहे हैं. मैंने संसद में पीएम मोदी और अडाणी के संबंधों को लेकर सवाल पूछा.

शुक्रवार को गांधी को लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया है, जिसके एक दिन बाद सूरत की एक अदालत ने उन्हें उनकी मोदी उपनाम टिप्पणी पर उनके खिलाफ दायर मानहानि के मामले में दो साल कैद की सजा सुनाई है. अप्रैल 2019 में, उन्होंने कर्नाटक के कोलार में एक लोकसभा चुनाव रैली में टिप्पणी की कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है. अदालत ने जमानत पर गांधी की जमानत को मंजूरी दे दी और 30 दिनों के लिए सजा पर रोक लगा दी ताकि उन्हें उच्च न्यायालयों में जाने की अनुमति मिल सके.

लोकसभा सदस्य के रूप में राहुल गांधी की अयोग्यता को लेकर कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को केंद्र पर जमकर निशाना साधा और इसे लोकतंत्र का गला घोंटना बताया. साथ ही विश्वास जताया कि उच्च न्यायालय द्वारा उनकी दोषसिद्धि पर रोक के माध्यम से अयोग्यता को रद्द कर दिया जाएगा.

इससे पहले शुक्रवार को, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राहुल गांधी की टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना की, जिसके कारण उन्हें सूरत की अदालत से दोषी ठहराया गया और लोकसभा से अयोग्य ठहराया गया.जेपी नड्डा ने ट्विटर पर कहा, राहुल गांधी ने ओबीसी समुदायों की तुलना चोरों से करके दयनीय और जातिवादी मानसिकता दिखाई है.

श्री राहुल गांधी पूरे ओबीसी समुदाय को चोर कहते हैं. उन्हें अदालतों में आलोचना का सामना करना पड़ता है, लेकिन वह माफी मांगने से इनकार करते हैं, जिससे पता चलता है कि ओबीसी के लिए उनकी नफरत कितनी गहरी है. भारत के लोगों ने उन्हें 2019 में माफ नहीं किया. सजा अधिक गंभीर होगी.शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस सांसद ने विदेशी धरती पर भारत को बदनाम किया और देश की न्याय व्यवस्था और ओबीसी समुदाय का अपमान किया.

एएनआई से बात करते हुए यादव ने कहा, राहुल गांधी ने लगातार ओबीसी समुदाय के उपनाम का अपमान किया है. इतना ही नहीं उन्होंने विदेशी धरती पर देश को बदनाम किया है. वह संसद, ओबीसी समुदाय और न्यायपालिका को बदनाम कर रहे हैं.मैं पूछना चाहता हूं कि किसी भी राजनेता को ओबीसी समुदाय का अपमान करने का अधिकार नहीं है. किसी भी उपनाम का अपमान करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है. नेता का यह व्यवहार भारत तोड़ो को दर्शाता है, न कि कांग्रेस के भारत जोड़ो को. कांग्रेस कानूनी फैसले पर सवाल उठा रही.उधर राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई से कांग्रेस के लोग आग-बबूला हैं और शहर-दर-शहर प्रदर्शन कर रहे हैं.

कांग्रेस ने राहुल गांधी की अयोग्यता को लेकर गुवाहाटी में निकाला विरोध मार्च

मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद लोकसभा से राहुल गांधी की अयोग्यता को लेकर असम में कांग्रेस इकाई ने शनिवार को गुवाहाटी में विरोध मार्च निकाला. हालांकि, पुलिस ने विरोध मार्च को असम सचिवालय पहुंचने से पहले ही रोक दिया और कांग्रेस के कई नेताओं को हिरासत में ले लिया.

असम विधानसभा में विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया, कांग्रेस विधायक, दिसपुर में एमएलए क्वार्टर से शुरू हुए विरोध मार्च में शामिल थे.पार्टी नेताओं ने राहुल गांधी का हाथ थामा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी की.शुक्रवार को असम प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेन बोरा ने आरोप लगाया था कि बिजनेस टाइकून गौतम अडाणी के भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने के बाद भाजपा ने वायनाड के पूर्व सांसद के खिलाफ साजिश रची.

बोराह ने मीडिया से कहा, जिस तरह से राहुल गांधी ने लोकसभा में 50 मिनट के भाषण में मोदी के ‘करीबी आदमी’ अडाणी के भ्रष्टाचार के बारे में विस्तार से बताया, उसी तरह भाजपा ने राहुल गांधी को संसद से बाहर करने के लिए उनके खिलाफ विवाद की योजना बनाई.उन्होंने यह भी दावा किया कि बीजेपी लंबे समय से इसकी योजना बना रही है क्योंकि राहुल गांधी नोटबंदी और जीएसटी लागू करने जैसे कई मुद्दों पर केंद्र सरकार पर लगातार हमले कर रहे हैं.