‘रॉकेट और गोलियों की बारिश’: पाकिस्तान में ट्रेन अपहरण की दहशत भरी रात
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बलूचिस्तान के बोलन दर्रे में जाफर एक्सप्रेस पर भीषण हमला, 26 यात्री मारे गए, 346 लोगों को सुरक्षा बलों ने बचाया
मुस्लिम नाउ ब्यूरो,क्वेटा
पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में मंगलवार को बलूच अलगाववादियों द्वारा किए गए घातक ट्रेन अपहरण के बचे हुए लोगों ने उस भयावह मंजर को बयान किया है, जब उन्होंने अपने साथी यात्रियों को मारा जाता देखा और जान बचाने के लिए गोलियों की बौछार के बीच भागे।
इस हमले की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने ली, जिसने मंगलवार दोपहर बोलन दर्रे में जाफर एक्सप्रेस पर रॉकेट और गोलियों से हमला कर दिया। यह ट्रेन प्रांतीय राजधानी क्वेटा से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी और सिबी शहर के पास हमला हुआ।

कैसे हुआ ट्रेन पर हमला?
सुबह 9 बजे (04:00 GMT) क्वेटा से रवाना हुई जाफर एक्सप्रेस करीब 1,600 किमी की यात्रा पर थी, जब दोपहर 1 बजे (08:00 GMT) ट्रेन पर हमला किया गया। 400 यात्रियों से भरी ट्रेन को अलगाववादियों ने निशाना बनाया और देखते ही देखते चारों ओर गोलियों की बौछार शुरू हो गई।
हमलावरों ने ट्रेन की नौ बोगियों पर रॉकेट से चलने वाले ग्रेनेड और स्वचालित हथियारों से हमला किया, जिससे यात्रियों में अफरातफरी मच गई। सुरक्षा बलों के मुताबिक, BLA ने यात्रियों को बंधक बना लिया और पाकिस्तान सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया, जिसमें उन्होंने “बलूच राजनीतिक कैदियों और जबरन गायब किए गए लोगों की रिहाई” की मांग की थी।
सुरक्षा बलों का ऑपरेशन और दर्दनाक बचाव अभियान
हमले के बाद पाकिस्तान के सुरक्षा बलों ने रातभर ऑपरेशन चलाया और बुधवार को इसे पूरा करने का दावा किया।
- 346 यात्रियों को सुरक्षित बचा लिया गया।
- 33 हमलावरों को मार गिराया गया।
- 26 यात्री, ट्रेन चालक और एक अर्धसैनिक सैनिक भी मारे गए।
‘वे बस लोगों को ले गए और उन्हें गोली मार दी’
इस हमले से बचने वाले लोगों ने जो बयान दिया, वह झकझोर देने वाला है। पाकिस्तान रेलवे पुलिस के सहायक उपनिरीक्षक गुलाम सरवर ने कहा,
“मैंने अपनी आँखों के सामने बहुत सारी हत्याएँ देखीं और मुझे लगा कि अगला नंबर मेरा होगा।”
सरवर ने बताया कि हमले के दौरान उन्होंने और उनके साथियों ने जवाबी गोलीबारी की, लेकिन जब गोलियां खत्म हो गईं, तो हमलावरों ने उन्हें निशाना बनाया।
BLA लड़ाकों ने यात्रियों की पहचान-पत्रों की जाँच कर जातीय पंजाबी और सेना के जवानों को अलग किया और उनकी गोली मारकर हत्या कर दी।
सरवर ने कहा,
“वे बस यात्रियों के समूह को रेलवे ट्रैक से ले जाते और गोलियां चला देते। पूरी रात हत्याएँ जारी रहीं।”

‘गोलियों की बौछार के बीच भागकर बची जान’
गुलाम सरवर और उनके कुछ साथी सुबह बचकर भागने में कामयाब रहे। उन्होंने बताया कि जब वे बाहर निकलने लगे, तो हमलावरों ने पास के पहाड़ों से फिर से गोलियाँ चलानी शुरू कर दीं।
“हम बचकर निकले, लेकिन मेरे साथ मौजूद एक अन्य रेलवे पुलिसकर्मी की पीठ में गोली लगी। हमलावर पहाड़ों से हमें निशाना बना रहे थे,” सरवर ने बताया।
पाकिस्तान में आतंकवाद की वापसी?
बलूचिस्तान लंबे समय से अलगाववादी आंदोलनों और आतंकवाद का शिकार रहा है। BLA जैसे संगठनों के हमले सुरक्षा के लिए लगातार चुनौती बने हुए हैं।
- BLA ने 2019 में चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर भी हमले किए थे।
- 2022 में कराची यूनिवर्सिटी में हुए हमले में तीन चीनी नागरिक मारे गए थे।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला पाकिस्तान की सुरक्षा नीति और बलूचिस्तान में बिगड़ती स्थिति को उजागर करता है।
आगे क्या होगा?
पाकिस्तानी सेना ने सख्त जवाबी कार्रवाई करने की बात कही है, लेकिन सवाल यह है कि इस तरह के हमले कब तक जारी रहेंगे?
क्या पाकिस्तान सरकार बलूच अलगाववादियों से निपटने के लिए कोई ठोस रणनीति अपनाएगी, या फिर आम नागरिकों की जान यूँ ही जाती रहेगी?
यह हमला सिर्फ पाकिस्तान की सुरक्षा पर नहीं, बल्कि उसकी संप्रभुता और स्थिरता पर भी सवाल खड़ा करता है।

निष्कर्ष
- जाफर एक्सप्रेस पर भीषण हमला, 26 लोग मारे गए, 33 हमलावर ढेर।
- हमलावरों ने यात्रियों को जातीय आधार पर अलग कर गोली मारी।
- 346 यात्रियों को बचाया गया, लेकिन बलूचिस्तान में अशांति बढ़ी।
- क्या पाकिस्तान सरकार इस बढ़ते खतरे को रोकने में सक्षम होगी?
इस हमले के बाद पाकिस्तान सरकार और सेना पर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं। बलूचिस्तान में बढ़ते आतंकवादी हमलों के चलते आम जनता की सुरक्षा सबसे बड़ा मुद्दा बन गई है।
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-तस्वीरें और इनपुटः साभार सौजन्य अल जजीरा