RAM MANDIR फैज खान का मंसूबा होगा फेल, भूमिपूजन के लिए कौशलया मंदिर से मिट्टी लाने के विरोध में खड़े होने लगे कट्टरपंथी
ब्यूरो रिपोर्ट।
राम एवं गोभक्त फैज खान के लिए बुरी खबर ! हिंदुत्व के अलंबरदार कतई नहीं चाहते कि छत्तीसगढ़ के कौशलया मंदिर से मिट्टी लेकर राम मंदिर के भूमिपूजन के लिए पदयात्रा पर निकले फैज अयोध्या पहुंचें। कट्टरपंथी उनके द्वारा लाई जा रही मिट्टी को न केवल ‘अशुभ’ मानते, राम मंदिर की नींव में डालने का भी विरोध कर रहे हैं। हिंदुवादियों का कहना है कि ‘मुसलमान मिट्टी अंत्योष्टि में डालता है नींव में नहीं।’
बता दें, छत्तीसगढ़ रामकाल में कौशल देश हुआ करता था। भगवान राम की मां इस प्रदेश की थीं। इस हिसाब से छत्तीसगढ़ उनका ननिहाल है। दो दिन पहले फैज खान छत्तीसगढ़ के कौशलया मंदिर की मिट्टी लेकर अयोध्या पैदल यात्रा पर निकले हैं। उनकी मातें तो हम चाहे किसी धर्म के हों, हमारे पूर्वज राम के वंशज हैं। इस लिहाज से सभी भारतीय वंशानुगत हिंदू हैं। उनके नज़रिए से, अयोध्या के राम मंदिर के भूमिपूजन में एक मुसलमान के हाथों कौशलया मंदिर से लाई गई मिट्टी डलने से देश का भाईचारा और प्रेम मजबूत होगा। मगर कट्टरपंथी उनके इस दलील से सहमत नहीं। इसपर राजेश भाटी सेन कहते हैं,‘‘ यह लोग जब इतनी ही हमारे राम को सम्मान दे रहे हैं, तो अभी तक इतनी तारीख पर तारीख क्यों लगवाई। जब मंदिर हर कीमत पर बनने वाला है तो भाईचारा का नाटक कर रहे हैं।’’ साथ ही कट्टरपंथियों की ओर से देश में ऐसा माहौल तैयार किया जा रहा कि किसी भी स्थिति में फैज द्वारा लाई जा रही मिट्टी राम मंदिर के भूमिपूजन में डालने की नौबत न आए। हिंदूवादी सवाल उठा रहे हैं कि क्या फैज खान हिंदू बन गए ? रोहतक, हरियाणा के लाला हरदेव सहाय गो सेवा संघ के अध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल का सुझाव है कि फैज के नेतृत्व में घरवापसी अभियान चलाया जाए। उल्लेखनीय है कि 5 अगस्त को अयोध्या में भूमिपूजन प्रसतावित है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में धर्मपरिवर्तन का काम देखने वाले एक कार्यकर्ता ने जब फेसबुक पर फैज खान के भूमिपूजन के लिए कौशलया मंदिर से मिट्टी लाने की जानेकारी दी तो कट्टरपंथियों में जबर्दस्त प्रतिक्रिया हुई। संघ कार्यकर्ता के यह समझाने पर कि ‘‘फैज आरएसएस के अनुषांगिक संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मोर्चा का वरिष्ठ और हिंदूवादी कार्यकर्ता है। हम उसको हिंदू नहीं बना रहे, बल्कि उसके माध्यम से कट्टर मुसलमानों को हिंदू बनाने की चेष्टा कर रहे हैं।’’ फिर भी लोग उनकी बातों से सहमत नहीं हुए।
बिहार के गया के निशांत पांडे प्रतिक्रिया में कहते हैं,‘‘ नेताओं के विचारधारा से परे होकर सोचिए….मुसलमानों के द्वारा भूमिपूजन में मिट्टी, अभी जब पाकिस्तान में भगवान श्रीकृष्ण का मंदिर बनने से पहले बंद करवा दिया गया। जाकिर नायक इसे सर्वथा उचित बता चुका है। सरकार भी सपोर्ट कर रही है। ईसाईयों को भी निर्माण में आने दीजिए। वे क्यों पीछे रहेंगे। सिर्फ हम हिंदू ही हैं जिनका कोई आत्मसम्मान नहीं और जिसमें हर बात बात में ज्ञान देने वाले सबसे ज्यादा वैज्ञानिक पैदा होते हैं।’’ उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के आशुतोष पांडे कहते हैं-‘‘मुसलमान मिट्टी सृजन के लिए नहीं अनत्योष्टि के लिए डालता है। मुंबई के आदर्श गुरू नाराजगी जताते हुए कहते हैं कि मिट्टी डालना सुपर्दे खाक करना होता है इस्लाम में। हिंदुआंें में उसे रामनाम सत्य कहा जाता है। नींव में पंचगव्यर्, इंंट, सोना डालें। शिलान्यास या नींव में पंचगव्य, रत्नों व धातुओं को डाला जाता है….।’’ फैज खान के मिट्टी लाने पर यूपी उन्नावं के राजू प्रसाद ने जैसी प्रतिक्रिया दी है, उससे शायद ही फैज खान अपने प्रयास में सफल हो पाएं। वह कहते हैं,‘‘ इतना बड़ा राम भक्त है तो पहले शुद्धिकरण कराए। नहीं कल कोई ओवैसी कहेगा कि बिना मुसलमानों के राम मंदिर भी नहीं बन पाया।’’ जाहिर है, फैज खान इस्लाम नहीं त्याग सकते, क्योंकि फिर कई लोगों का खेल बिगड़ जाएगा।
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