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रजिया सुल्लतान ने रचा इतिहास, बिहार की पहली मुस्लिम महिला डीएसपी बनीं

मुगल राज में रजिया सुल्तान ने कई इतिहास रचे थे. अब एक आधुनिक रजिया सुल्तान ने भी कुछ ऐसा ही कारनामा अंजाम दिया है.बिहार के गोपालगंज जिले के हथुआ के रतनचक गांव की रजिया सुल्ताना ने बीपीएससी की 64वीं परीक्षा में सफल होकर न केवल नया रिकॉर्ड बनाया उनकी चयन बिहार पुलिस में डीएसपी पद के लिए भी हुए है. रजिया बिहार में पहली मुस्लिम डीएसपी बनेंगी.कहते हैं बिहार में तो कई मुस्लिम पुलिस अधिकारी हुई हैं, पर पहली बार कोई सीधे डीएसपी पद के लिए चुन के आया है.

इस बार बिहार में चयनित 40 डीएसपी में चार मुस्लिम हैं. कुल 1454 में 101 मुस्लिम उम्मीदवारों ने कामयाबी पाई है.रजिया ने पहले प्रयास में ही सफलता प्राप्त की है. उन्होंने रजिया सुल्ताना ने 2009 में बोकारो से मैट्रिक किया है. 2 011 में बोकारो से प्लस टू और फिर जोधपुर से इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग में स्नातक किया.

2017 से वह बिजली विभाग में सहायक अभियंता के पद पर कार्यरत हैं़ रजिया ने बताया कि मैंने किसी कोचिंग का सहारा न लेकर सेल्फ स्टडी की. अंग्रेजी माध्यम में सभी पेपर दिए. श्रम एवं समाज कल्याण रजिया का सब्जेक्ट था. पटना में नौकरी करते हुए तैयारी की और पहले प्रयास में सफलता हुईं.

रजिया के पिताजी बोकारो स्टील प्लांट में स्टेनोग्राफर थे. उनका इंतकाल हो चुका है. सात भाई-बहनों में सबसे छोटी रजिया बचपन से पढ़ने में मेधावी हैं.इकलौता भाई एमबीए कर झांसी में एक निजी कंपनी में नौकरी कर रहा है.

रजिया बतलाती हैं कि डीएसपी के रूप में उनकी पहली प्राथमिकता क्राइम कंट्रोल और घरेलू हिंसा या महिलाओं के साथ होने वाली वारदात को रोकना है.आगे की प्लानिंग के सवाल पर रजिया सुल्ताना ने कहा कि यूपीएससी की तैयारी करने की कोई प्लानिंग नहीं है.

बिहार पब्लिक सर्विस में मुस्लिम युवा का जलवा

सफलता की कहानी लिखने के लिए प्रेरणा, लगन और जतन जरूरी है. बिहार हज भवन की प्रेरणा और मुस्लिम लड़के-लड़कियों के लगन-जतन ने इसे साबित किया है. चार साल के इंतेजार के बाद बिहार लोक सेवा आयोग की 64वीं संयुक्त परीक्षा का फाइनल रिजल्ट आया तो मुस्लिम अभ्यार्थियों ने सात प्रतिशत के करीब सफलता की गाढ़ी लकीर खींच कर सभी को चैंका दिया.

पिछले एक-डेढ़ दशक में मुस्लिम युवाओं की कामयाबी का यह बेहतर प्रदर्शन है.इस परीक्षा से बिहार को 1454अफसर मिले , जिसमें 101मुस्लिम लड़के-लड़कियां हैं. इसमें अकेले बिहार हज भवन कोचिंग से शिक्षा लेने वाले 50अभ्यर्थी शामिल हैं.

बीपीएससी के इस रिजल्ट से मुस्लिम समाज को कई अधिकारियों के साथ चार डीएसपी भी मिले हंै, जिसमें एक लड़की भी है.अभ्यर्थियों को इस रिजल्ट का बेसब्री से इंतजार था. कोरोना की वजह से रिजल्ट आने में देर हुई. 2017में इसकी प्रक्रिया शुरू हुई थी.फाइनल रिजल्ट आने में चार साल लगे.

किसके कितने पद

बिहार प्रशासनिक सेवा में कामयाब हुए अभ्यर्थियों की अनुमंडल पदाधिकारी और वरीय उप समाहर्ता के 28, बिहार पुलिस सेवा के 40, वाणिज्य कर पदाधिकारी के 10, बिहार कारा सेवा के कारा अधीक्षक के 2, आपूर्ति निरीक्षक के 223, राजस्व अधिकारी और समकक्ष के 571, नगर कार्यपालक पदाधिकारी के 7, प्रखंड पंचायत पदाधिकारी के 133पद पर नियुक्ति होनी है.

एक से दस कामयाब अभ्यर्थी

ओम प्रकाश गुप्ता ने परीक्षा में टॉपर किया है. उनके अलावा विद्यासागर, अनुराग आनंद,विशाल, शशांक बरनवाल, अजीत कुमार, आलोक कुमार, निखिल कुमार, राघवेंद्र मणि त्रिपाठी और दीपक कुमार ने क्रमशः पहला से दसवां स्थान प्राप्त किया है.

हज भवन के झंडाबरदार

हज भवन कोचिंग से तैयारी कर डीएसपी बनने वाले आदिल बिलाल का रैंक 22वां है. उनके अलावा डीएसपी के लिए चयनित होने वालों में फैसल रजा,शाहनवाज अख्तर और रजिया सुल्ताना का नाम शामिल है. चारों ने हज भवन कोचिंग से प्रशिक्षण प्राप्त किया है.

  • हज भवन कोचिंग का लाभ उठा कर सफल होने वालों में मोहम्मद वसीम,शाहबाज हुसैन,रुशदा रहमान, शुएबजमां,आदिल रजा,शफकत तौफीक,नाजिश अली,सरीना आजाद,जाहिद अख़्तर अंसारी, मोहम्मद शबीहुल हसन,सरफराज अहमद,मोहम्मद अतहर जमील,मोहम्मद आसिफ हुसैन,नुरूल आरफीन,आइमान फातिमा,मोहम्मद रईस आलम,सबिहा सदफ सादिया,मोहम्मद शाकिब अलाउद्दीन,मोहम्मद एजाज आलम,शादाब आलम,मोहम्मद जमशेद,नजमुल हसन,मोहम्मद नुमान ,समीना खातून,सादी राउफ,मोहम्मद सरवर आलम,शमा परवीन,नजमी अकरम,मुदस्सिर सबा नजमी,आसिफ आलम,परवेज आलम,तबस्सुम,नूरजहां,जहां आरा,मोहम्मद सैफुल्लाह,आफताब आलम,अलाउद्दीन अंसारी,मोहम्मद कैसर आलम,सानिया सोनम एजाज,मोहम्मद अतुल हक,शमा बानो,रूकैया,फौजिया गजल,सीमा खातून,मासूमा खातून का नाम प्रमुख है.

जानें हज भवन कोचिंग के बारे में

पटना के हार्डिंग रोड स्थित हज भवन में दीन और दुनिया दोनों संवारने का काम चल रहा हैै. एक तरफ हज यात्रा पर जाने वाले मुसलमानों को यहां ट्रेनिंग दी जाती है. दूसरी ओर अल्पसंख्यक नौजवानों को विभिन्न विभागों में अधिकारी बनने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है.

यहां से लोग एक साथ अल्लाह की राह और देश सेवा में निकलते हैं. हाजी और अफसर बनने का यह संगम कहीं और देखने को नहीं मिलता. बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा संचालित हज भवन की कोचिंग एवं मार्ग दर्शन से अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों में नए उत्साह का संचार हुआ है.

अल्पसंख्यक कल्याण विभाग इस कार्यक्रम के तहत अभ्यर्थियों को प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराता है. बीपीएससी की तैयारी के लिए मुफ्त आवासीय कोचिंग की व्यवस्था है. इस आवासीय कोचिंग में छात्रों को 24घंटा लाइब्रेरी की भी सुविधा है. पूरे बिहार से बच्चे यहां निःशुल्क आवासीय कोचिंग योजना का लाभ लेने आते हैं. बीपीएससी के 64वें बैच में 101छात्र-छात्राएं यहां से तैयारी कर रहे थे,जिसमें 50ने सफलता पाई है.

हज भवन के उत्साहवर्धक परिणाम को देखते हुए भागलपुर और दरभंगा में भी इस तरह की कोचिंग की व्यवस्था की गई है. बीपीएससी के अलावा हज भवन कोचिंग सेंटर से बिहार पुलिस में अवर निरीक्षक (दारोगा), उत्पाद अवर निरीक्षक, कांस्टेबल, जेल पुलिस एवं ड्राइवर पुलिस के पद पर 867लोग योगदान कर चुके हैं. बिहार हज भवन में मुफ्त में पीटी, मेंस और इंटरव्यू की तैयारी कराई जाती है. गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव रहे आमिर सुबहानी की खास दिलचस्पी से यह कोचिंग दिनों दिन परवान चढ़ रही है.

क्या कहते हैं डीएसपी के लिए चयनित आदिल बिलाल

दरभंगा निवासी आदिल बिलाल ने आवाज द वॉयस से अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि बीपीएससी मेंस की तैयारी में हज भवन कोचिंग से काफी फायदा हुआ. वहां पढ़ने-पढ़ाने का अच्छा वातावरण है. पूर्व के सफल अभ्यार्थियों से भी काफी मदद मिलती .

शिक्षक समर्पण भावना से पढ़ाई कराते हैं.आमिर सुबहानी सर ने भी बहुत इंसपाइर किया. आदिल के पिता मोहम्मद शौकत अंसारी दरभंगा के एमएलएसएम कॉलेज में अंग्रेजी के एसोसिएट प्रोफेसर हैं. बेटे की सफलता से काफी खुश हैं. उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर लिखा-‘अल्लाह पाक का बेहद शुक्रगुजार हूं मेरे दूसरे बेटे बिलाल आप लोगों की दुआओं से शानदार सफलता हासिल करने में कामयाब रहे. उन्होंने कहा कि मगरिब की नमाज से फारिग हुआ ही थी कि हमारे रब ने हमें खुश खबर से रूबरू कराया.

हज भवन कोचिंग से तैयारी कर राजपत्रित अधिकारी बनने जा रहीं सबीहा सदफ की मां सरवत जहां फातिमा बिहार प्रदेश कांग्रेस की प्रवक्ता हैं.इनके बारे में अनिता यादव लिखती हैं-‘मेरी दोस्त सरवत जहां फातिमा जी की बेटी सबीहा 64वें बैच की परीक्षा में चयनित हुईं.

ये बहुत खुशी की बात है .मैं सरवर जी के लिए बहुत खुश हूं . पति की अकाल मृत्यु के बाद जिस तरह हर कठिनाई से गुजर कर अपने दोनों बच्चों को मार्गदर्शन दिया काबिले तारीफ है.’ पहली कोशिश में सफलता हासिल करने वाली मुजफ्फरपुर के डॉ.खुर्शीद अनवर अरमान की बेटी रुकैया प्रखंड पंचायत राज की अधिकारी बनने जा रही हैं.

बढ़े सदस्यों का प्रतिशत

बीपीएससी सदस्य इम्तियाज करिमी मौजूदा सफलता की प्रतिशत से ज्यादा खुश नहीं हैं.उन्होंने आवाज द वॉयस से कहा-‘यह संतोषजनक नहीं है. मुझे बीस प्रतिशत कामयाबी चाहिए.हालांकि मुस्लिम मामलों के जानकार जेडीआर के रहनुमा अशफाक रहमान मुस्लिम बच्चे-बच्चियों की कामयाबी से खुश हैं. उनकी दलील है कि पहले के बनिस्बत कामयाबी की फीसद में बेहतरी आई है. पहले पांच प्रतिशत से ज्यादा मुस्लिम कामयाब नहीं होते थे. उनका इशारा सेक्युलर-नन सेक्युलर सरकारों की ओर है.