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सेना पर हमला करने वालों की तस्वीर जारी, जनरल असीम मुनीर बोले- हमलावरों को कानून के दायरे में लाएंगे

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, इस्लामाबाद

पाकिस्तान में सेना और इमरान खान की पार्टी के बीच हिंसक टकराव के आसार बढ़ रहे हैं. इमरान खान ने जहां अपने विरूद्व दायर डेढ़ सौ मुकदमों के लिए सेना को जिम्मेदार ठहराया है, वहीं सेना ने रावलपिंडी हेडक्वार्टर पर हमले करने वालों की न केवल तस्वीरें जारी की हैं, यह भी चेतावनी दी है कि सेना को निशाना बनाने वाले हर हाल में कानून के दायरे में लाए जाएंगे.

सेना के रेंजरों द्वारा भ्रष्टाचार के एक मामले में ‘खुंखार अपराधियों’ की तरह पूर्व प्रधानमंत्री और देश के मुख्य विपक्षी दल पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद चार दिनों तक जिस तरह पाकिस्तानी सेना के खिलाफ पीटीआई समर्थकों का तांडव होता रहा, वह अब सेना की प्रतिष्ठिा का सवाल बन गया है.

इस घटना से न केवल दुश्मन देश के बीच इसकी कमजोरी छवि सामने आई है, आम पाकिस्तानी अवाम का भी इससे भरोसा उठ सकता है. ऐसे में पाकिस्तानी सेना ने अपनी पूरी शक्ति तमाम हमलावरांे को पकड़ने में लगी दी है. इस क्रम में रावलपिंडी में नौ मई को जीएचक्यू पर हमला करने वालों की तस्वीरें जारी की गई हैं.पुलिस ने 4 महिलाओं समेत 14 लोगों की पहचान कर उनके फोटो जारी किए हैं.

सूत्रों के मुताबिक, 9 लोग रावलपिंडी, 3 इस्लामाबाद, 1 कराची और 1 चकवाल का हैं.हिंसक प्रदर्शनों में शामिल 300 से ज्यादा लोगों की पहचान की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है.सूत्रों का कहना है कि सरकारी और रक्षा संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों की गिरफ्तारी की प्रक्रिया तेज कर दी गई है.

पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद प्रदर्शनकारियों ने सरकारी संपत्तियों, सैन्य चैकियों और प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया था.पीटीआई नेतृत्व ने हिंसक प्रदर्शनों की जिम्मेदारी सरकार पर डाल दी है, वहीं पार्टी अध्यक्ष इमरान खान ने भी हिंसक घटनाओं से पूरी तरह अनभिज्ञता जताई.

सेना प्रतिष्ठानों को जलाने वाले बख्शे नहीं जाएंगे: जनरल सैयद असीम मुनीर

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर ने कहा है कि 9 मई की साजिश रचने वालों को सजा दी जाएगी. सशस्त्र बल अपने प्रतिष्ठानों की पवित्रता और सुरक्षा का उल्लंघन करने या उन्हें नष्ट करने या जलाने के किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं करेंगे.
उन्होंने चिंता जताई कि सशस्त्र बलों को निशाना बनाने के लिए दुर्भावनापूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं. पाकिस्तानी जनता के समर्थन से इन नापाक प्रयासों को विफल किया जाएगा. देश को स्थिर करने के प्रयास जारी रहेंगे.

पाकिस्तान सेना के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर ने कोर मुख्यालय पेशावर का दौरा किया. सेना प्रमुख को वर्तमान सुरक्षा स्थिति और आतंकवाद से निपटने के संबंध में चल रहे प्रयासों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई. सेना प्रमुख ने आतंकवाद के खिलाफ जारी जंग में कानून लागू करने वाली एजेंसियों के पेशेवराना अंदाज, दक्षता और उपलब्धियों की तारीफ की.
सेना प्रमुख ने कोर अधिकारियों को भी संबोधित किया और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरों पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि हम शांति और स्थिरता के लिए अपने प्रयास जारी रखेंगे और इस प्रक्रिया को खराब करने वालों के लिए कोई जगह नहीं होगी. सेना प्रमुख ने 9 मई के ब्लैक डे दंगों के सभी योजनाकारों, आंदोलनकारियों, उकसाने वालों और अपराधियों को कानून के दायरे में लाने का संकल्प लिया है.

ऐसे मंे सेना की तरफ से कार्रवाई होने पर इमरान की पार्टी पीटीआई के कार्यकर्ता और सेना फिर आमने सामने आ सकते हैं. जब से इमरान खान प्रधानमंत्री की कुर्सी से हटाए गए हैं, पीटीआई और सेना के बीच कड़वाहट बढ़ता जा रहा है. इमरान का आरोप है कि उन्हें सत्ता से बाहर करने की साजिश में कुछ सैन्य अधिकारियों का हाथ है. वे उन सैन्य अधिकारियों के अपनी जनसभा में नाम भी लेते रहे हैं. इसके अलावा पाकिस्तान में ऐसा पहली बार हुआ कि किसी नेता की गिरफ्तारी के जवाब में रानजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं ने इतने बड़े पैमाने पर सेना के खिलाफ धावा बोला हो. हद तो यह कि एक सेना के अधिकारी के आवास से कुछ लोग मटन कोरमा, भिंडी, दही और तीतर तक उठाए ले गए थे.