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राजद सांसद मनोज झा ने उठाया सवाल, कहा- सांप्रदायिक तनाव को कम करने के लिए पीएम मोदी और भाजपा नेता करें अपील

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

देश में बिगड़ते सांप्रदायिक ताने-बाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की खामोशी सवालों के घेरे में है. इस अहम सवाल को इस बार राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता एवं सांसद मनोज झा ने उठाया है. भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा का समर्थन करने के लिए उदयपुर में एक दर्जी कन्हैया लाल की बर्बर हत्या ने देश को विचारधाराओं के युद्धक्षेत्र में बदल दिया है. मौजूदा हालात को देखते हुए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लोगों को शांति बनाए रखने की अपील करने का आग्रह किया है.

राजद के राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने एक न्यूज एजेंसी से कहा, प्रधानमंत्री मोदी की अपील से देश में बड़ा बदलाव आएगा. उन्हांेने कहा, उदयपुर की घटना हम सभी को शर्मसार करती है. यह कहना बहुत आसान है कि उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें और कड़ी से कड़ी सजा दें, लेकिन हमारे लिए अत्यंत चिंता का विषय यह है कि पिछले आठ-नौ सालों में ऐसा क्या हुआ? जब देश आजाद हुआ तब भी हमने ऐसी तस्वीरें नहीं देखीं. फिर पिछले कुछ सालों में इतना जहर कहां से आ रहा है.

उन्होंने कहा, अब हर गली सरहद बन गई है. गांव बंट गए हैं. गलियां बंट गई हैं. इसका जिम्मेदार कौन है? हम खुले दिमाग से किसी से बात भी नहीं कर सकते. इस तरह की क्रूरता और हिंसा आए दिन हो रही है.

उन्होंने कहा, भाजपा केंद्र मेंऔर कई राज्यों में सत्ता में है. उसके पास एक मजबूत कैबिनेट है. क्या वे आदेश जारी नहीं कर सकते? विदेशों में विरोध होने पर आपने कार्रवाई की, इसलिए मैं कह रहा हूं कि इस बीमारी की जड़ कहीं और है.

उन्होंने कहा, आप इस देश में उग आए जहरीले पेड़ की एक शाखा काटकर उसे नष्ट नहीं कर सकते. एक धर्म की कट्टरता दूसरे धर्म की कट्टरता को बढ़ा रही है.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तरह उन्होंने भी कहा कि प्रधानमंत्री को अपील करनी चाहिए. मनोज झा ने कहा, उन्हें अपील करनी चाहिए, लोगों के घर जल रहे हैं. यह प्रधानमंत्री का कर्तव्य है कि वह आगे आएं और लोगों से अपील करें.

मनोज झा ने कहा, सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की बात हो रही है, फिर इसकी धुरी कहां है? प्रधानमंत्री की एक अपील से देश में बहुत फर्क पड़ेगा. उलटे मुझे भाजपा के कई बड़े नेताओं को अफवाहों को हवा देते देख रहा हूं. वे इसके दूरगामी प्रभाव के बारे में सोचे बिना ऐसा कर रहे हैं. बता दें कि हाल में सांप्रदायिकता बिगाड़ने वाली कई गंभीर घटनाओं के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से एक भी बयान अब तक नहीं आया है.