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जामिया मिल्लिया इस्लामिया की अंजुमन के सदस्य बने आरएसएस विचारक राकेश सिन्हा

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

आरएसएस विचारक और भाजपा सांसद को जामिया मिल्लिया इस्लामिया के अंजुमन (कोर्ट) के सदस्य के रूप में नामित किया गया है. उनके नामांकन की एक्टिविस्ट, छात्रों के अलावा नई दिल्ली स्थित विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र कड़ी आलोचना कर रहे हैं.

जाने-माने विद्वान और दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व प्रमुख जफरुल इस्लाम खान ने इस पर अपनी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने जामिया कोर्ट के सदस्य के रूप में सिन्हा की नियुक्ति के संबंध में ट्वीट किया, ‘इन्ना लिल्लाहि वा इन्ना इलैही रजी‘उन.’ यह दुआ किसी की मृत्यु के बाद पढ़ी जाती है. उन्होंने उसी ट्वीट में सिन्हा को ‘‘संघ विचारक‘‘ कहकर संबोधित किया.

सिन्हा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कट्टर समर्थक हैं, जो सबसे बड़ा हिंदू दक्षिणपंथी समूह है और भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का आह्वान करता है.

वह भाजपा और आरएसएस के नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने 2019-20 में जामिया मिलिया इस्लामिया को सक्रिय रूप से बदनाम किया था, जब विश्वविद्यालय के छात्र नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) नामक भेदभावपूर्ण कानून का विरोध कर रहे थे.

उन्होंने जामिया को ‘‘सांप्रदायिक ध्रूवीकरण का केंद्र‘‘ कहा था.एक ट्वीट में उन्होंने विश्वविद्यालय के खर्च को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि जामिया का 2018-19 का बिजली बिल रु. 19 करोड़. राकेश सिन्हा की नियुक्ति से बड़ा बखेड़ा हो सकता है. उनकी नियुक्ति के बारे में राज्यसभा सचिवालय के डिप्टी सिक्रेटरी आर के मिनकोल्ट सिंह नेे जानकारी दी है. राज्यसभा सचिवालय की ओर से इस बारे में 11 फरवरी 2022 को एक सूचना जारी किया गया है.जफरूल इस्लाम के ट्वीट पर तीखी प्रतिक्रिया हुई है.