Religion

प्राण प्रतिष्ठा के नाम पर मुसलमानों में भ्रम फैला रहा आरएसएस का मुस्लिम राष्ट्रीय मंच

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

आस्था व्यक्तिगत मामला है. कोई चाहे नमाज पढ़े या पूजा करे. मगर इसके नाम पर भ्रम फैलाने की संवैधानिक रूप से किसी को इजाजत नहीं. मगर आरएसएस का मुस्लिम राष्ट्र मंच अयोध्या के प्राण प्रतिष्ठा के बहाने आम मुसलमानों मंे भ्रम फैलाने की कोशिश में है.प्रेस को जारी अपने एक बयान और चंद फोटो के माध्यम से ऐसा जाहिर करने का प्रयास कर रहा है कि देश के तमाम मस्जिदों, मदरसों एवं दरगाहों पर प्राण प्रतिष्ठा की खुशी में चिरांगा किया गया.

हद यह कि जिस भगवान राम को सनातनी शांतिदूत मानते हैं. इससे इतर कुरान की तिलावत कर शांति और भाईचारे की दुआ मांगी गई. मंच भूल गया कि सनातनियों की मान्यता है कि दुनिया में राम राज्य भगवान राम ही ला सकते हैं. उन्हें किसी अल्लाह-ईश्वर की जरूरत नहीं. अगर ऐसा नहीं होता तो एक मस्जिद गिराकर इतने धूमधड़ाके से प्राण प्रतिष्ठ की जरूर नहीं पड़ती.

मुस्लि राष्ट्र मंच इससे पहले भी हिंदुवादियों की गतिविधियों में शामिल रहा है. यदि इसके कुछ खास चेहरों और नामों पर गौर किया जाए तो यह ऐसे हर कार्यक्रम में दिखेंगे. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान भी इनमंे से कई चेहरे अयोध्या में नजर आए और कई चेहरे चिरागां करते.

मंच की ओर से जितनी तस्वीरें जारी की गई हैं, उसमें बमुश्किल दस से पंद्रह लोग नजर आ रहे हैं. एक तस्वीर में तो मंच वालों ने हद कर दी. एक जगह घेरा बनाकर बैठे लोगों ने फोटो शाॅप से जलता दिया बना दिया. ऐसी हरकतों से उनका ही वजन घटना है. आज के दौरान में अनपढ़ को भी मुर्ख नहीं बनाया जा सकता.यदि मंच द्वारा जारी तस्वीरों की जांच की जाए तो इसमें कितनी सच्चाई और कहां से उठाई गई है, रोजफाश हो जाएगा.

यहां मुस्लिम राष्ट्र मंच की प्रेस विज्ञप्ति हू-ब-हू दी जा रही है, ताकि आम लोगों को भी समझ सकें कि मुसलमान के नाम पर क्या चल रहा है.–

अयोध्या के राम मंदिर में आज राम लला की प्राण प्रतिष्ठा हो गई. भगवान राम 500 साल बाद गर्भ गृह में विराजमान हो गए हैं. राम लला के प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन 16 जनवरी से शुरू हो गए थे.मुख्य प्राण प्रतिष्ठा की पूजा अयोध्या के गर्भ गृह में सोमवार को संपन्न हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पूजा में मुख्य यजमान थे. इस बीच, देश भर में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के कार्यकर्ताओं ने इस ऐतिहासिक पल को उत्सव की तरह मनाया. इस मौके पर हर तरफ जश्न और उत्सव का माहौल रहा. मुस्लिमों ने जय श्री राम के नारे लगाए और एक दूसरे को बधाई दी. जश्नोत्सव मनाते हुए मुसलमानों ने कहा आ गए राजा राम. साथ ही शांति, समृद्धि और सौहार्द की दुआएं की गई.

जश्र ए चिरागा

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने बताया कि राल लला के विराजमान होने के मौके पर अयोध्या में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की तरफ से राष्ट्रीय संयोजक सय्यद रजा हुसैन रिजवी, गो सेवा और पर्यावरण प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद फैज खान और राजस्थान से पद्मश्री अनवार खान मौजूद रहे. दूसरी तरफ, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के कार्यकर्ताओं ने देश की प्रमुख छोटी बड़ी दरगाहों, मदरसों, खानकाहों, मुस्लिम मुहल्लों, घरों और गलियों को चिरागों, दीयों, रंगीन बल्ब से रोशन किया. मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक, क्षेत्र, प्रांत एवं जिले के संयोजक व सह संयोजक तथा कार्यकर्तागण ने देश के अलग अलग हिस्सों में राम उत्सव को बड़े ही धूम धाम से मनाया.

टीम

उत्तर प्रदेश में मोहम्मद अफजाल, मजाहिर खान, इस्लाम अब्बास, ठाकुर राजा रईस शफकत कादरी, राजस्थान में अबू बकर नकवी और रेशमा हुसैन, मध्य प्रदेश में एसके मुद्दिन और फारूक खान, बिहार में मोहम्मद अल्तमश, मुंबई में इरफान अली पीरजादा, बेंगलुरु में माजिद तालिकोटी, दिल्ली से हाजी मोहम्मद साबरीन, बिलाल रहमान, इमरान चैधरी, शालिनी अली, हरियाणा में खुर्शीद रजाक और शाकिर खान ने अलग अलग दलों का नेतृत्व करते हुए जश्नोत्सव मनाया.

शांति सौहार्द की दुआएं

खास खास जगहों को रोशन करने के अलावा मदरसों, मकतबों, मस्जिदों में आयते करीमा पढ़ा गया और देश की शांति, अमन और सौहार्द के लिए दुआएं की गई. बड़ी तादाद में इकट्ठा हुए मुसलमानों ने माना कि राम लला के 500 वर्षों बाद गर्भ गृह में विराजमान होने से देश भर में खुशी और उत्सव का माहौल है. हर कोई राम मय हो रहा ह. ऐसे में देश के मुस्लिम भी इसमें पीछे नहीं रह सकते. चिरागा में शरीक लोगों ने आपस में खुशियां बांटी. मौजूद लोगों ने कहा कि राम हमारे पूर्वज हैं और इस नाते वो हर किसी के लिए माननीय और सम्मानीय हैं और यही हकीकत है. लोगों ने कहा कि 500 वर्षों का झगड़ा आपसी भाईचारे और अमन में बदल गया है.

कहां बिखरी रोशनी

जिन जगहों को रोशन किया गया उनमें खास जगह रहीं उनमें अजमेर की ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह, सरवद शरीफ गरीब नवाज के साहबजादे की दरगाह, दिल्ली में मेहरौली की हजरत कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी दरगाह, निजामुद्दिन की पत्ते शाह पीर की दरगाह, दिल्ली के मटका पीर की दरगाह, लखनऊ की हाफिज पीर बाबा और समोधन शाह बाबा की दरगाह खास रहीं. इसके अलावा मुंबई, कोलकाता, पटना, भागलपुर, कानपुर, अलीगढ़, भोपाल, हैदराबाद, बेंगलुरु समेत देश के कई दरगाहों और मजारों पर चिराग रोशन किए गए और एकता अखंडता संप्रभुता की दुआएं मांगी गई.

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