Religion

ध्रुव राठी के बयान पर पाकिस्तान में बवाल: मौलानाओं और वैज्ञानिकों ने खोला मोर्चा

📍 मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

भारत के चर्चित व्लॉगर ध्रुव राठी को अक्सर अपने तर्कशील और खोजी कंटेंट के लिए जाना जाता है। उनके व्लॉग्स ने कई बार सरकारों और संस्थानों को असहज किया है, लेकिन इस बार उनका एक वीडियो भारत से ज्यादा पाकिस्तान में सुर्खियां बटोर रहा है। मामला इतना गर्म हो चुका है कि पाकिस्तान के मौलानाओं और वैज्ञानिकों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और सोशल मीडिया पर जबरदस्त बहस छिड़ गई है।

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DICTATORSHIP : ध्रुव राठी के वीडियो का विरोध या समर्थन क्यों ?

चार महीने पुराने व्लॉग पर पाकिस्तान में क्यों मचा हंगामा?

ध्रुव राठी का यह वीडियो चार महीने पुराना है, लेकिन पाकिस्तान में अब इसपर चर्चा जोरों पर है। इसमें उन्होंने भगवान, खुदा और गॉड के अस्तित्व पर सवाल उठाते हुए विज्ञान और तर्कों के आधार पर अपनी राय रखी थी।

ध्रुव राठी ने अपने वीडियो में दावा किया कि ईश्वर या अल्लाह का कोई वास्तविक अस्तित्व नहीं है। उन्होंने अपने तर्क को डार्विन के विकासवाद (Theory of Evolution) और L.U.C.A (Last Universal Common Ancestor) के वैज्ञानिक आधार पर प्रस्तुत किया।

राठी का कहना था कि यदि हम 37 बिलियन वर्ष पहले तक पीछे जाएं, तो सभी जीवों का एक ही स्रोत था। उन्होंने यह भी कहा कि अल्लाह, गॉड या भगवान की अवधारणा मानव निर्मित है, जो केवल धार्मिक ग्रंथों के आधार पर स्थापित हुई है, लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

पाकिस्तान के मौलाना और वैज्ञानिकों की प्रतिक्रिया

ध्रुव राठी के इस वीडियो का पाकिस्तान में सबसे आक्रामक जवाब मौलाना मुफ्ती तारिक मसूद ने दिया। मुफ्ती मसूद पाकिस्तान के बेहद लोकप्रिय मौलानाओं में से एक हैं, जिनके लाखों फॉलोअर्स हैं।

मौलाना मुफ्ती तारिक मसूद ने क्या कहा?

मुफ्ती मसूद ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर दावा किया कि उन्होंने खुद पाकिस्तान के कुछ विद्वानों और वैज्ञानिकों को इस व्लॉग का जवाब देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा:

“नास्तिक हमेशा एक शराबी की तरह होते हैं, जो शराब के गुण गिनाने में ही लगे रहते हैं। वे जानबूझकर इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करते हैं, ताकि अपने तर्क को सही साबित कर सकें।”

उन्होंने ध्रुव राठी को चुनौती देते हुए कहा कि “अगर तुममें हिम्मत है, तो मेरे सामने बहस करो और देखो कि तुम्हारे तर्क कितने खोखले हैं!”

पाकिस्तानी वैज्ञानिक कैसर अहमद का जवाब

पाकिस्तान के वैज्ञानिक कैसर अहमद भी इस बहस में कूद पड़े हैं। उन्होंने दावा किया कि ध्रुव राठी ने अपने वीडियो में गलत संदर्भ (Misleading References) दिए हैं और कई तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया है।

कैसर अहमद का कहना है कि “ध्रुव राठी ने विज्ञान का सहारा लेकर यह सिद्ध करने की कोशिश की कि भगवान या खुदा का कोई अस्तित्व नहीं है, लेकिन विज्ञान ही ईश्वर के अस्तित्व का सबसे बड़ा प्रमाण है।”

उन्होंने अपने वीडियो में कुछ वैज्ञानिक सिद्धांतों का हवाला दिया, जिनमें “Big Bang Theory” और “Cosmic Fine-Tuning” शामिल हैं। उन्होंने कहा कि “अगर ब्रह्मांड का निर्माण महज एक संयोग होता, तो यह इतनी सटीकता से काम नहीं करता। यह इस बात का सबूत है कि कोई सर्वशक्तिमान शक्ति इसे नियंत्रित कर रही है।”

इंजीनियर मोहम्मद अली मिर्ज़ा की प्रतिक्रिया

पाकिस्तान के एक और प्रसिद्ध मौलाना इंजीनियर मोहम्मद अली मिर्ज़ा ने भी इस मुद्दे पर अपना वीडियो बनाया। उन्होंने कहा कि “ईश्वर, खुदा और गॉड का अस्तित्व एक यूनिवर्सल ट्रुथ (Universal Truth) है, जिसे ध्रुव राठी जैसे नास्तिक झुठलाने की कोशिश कर रहे हैं।”

उन्होंने आरोप लगाया कि “ध्रुव राठी अपने तर्कों को पेश करने के लिए धार्मिक मान्यताओं को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं, जो कि बेहद आपत्तिजनक है।”

पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर ध्रुव राठी के खिलाफ अभियान

ध्रुव राठी के वीडियो के खिलाफ पाकिस्तान में एक बड़ा डिजिटल अभियान (Online Campaign) चलाया जा रहा है#BoycottDhruvRathee और #DhruvRatheeExposed जैसे हैशटैग पाकिस्तान में ट्रेंड कर रहे हैं।

मौलाना मुफ्ती तारिक मसूद और कैसर अहमद के वीडियो वायरल होने के बाद पाकिस्तान के कई धार्मिक समूह ध्रुव राठी के व्लॉग के खिलाफ एकजुट हो गए हैं

क्या ध्रुव राठी देंगे जवाब?
अब तक ध्रुव राठी की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन उनके फॉलोअर्स और समर्थक मानते हैं कि वह जल्द ही इसका जवाब दे सकते हैं।

ध्रुव राठी पहले भी अपने बेबाक अंदाज और तर्कसंगत रिसर्च के लिए जाने जाते हैं, और उन्होंने अक्सर अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वह इस बार भी अपने व्लॉग पर उठे सवालों का जवाब देते हैं या नहीं।

काबिल ए गौर

ध्रुव राठी के व्लॉग ने भारत में उतनी चर्चा नहीं बटोरी, जितनी पाकिस्तान में हो रही है। पाकिस्तान के मौलानाओं और वैज्ञानिकों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर जबरदस्त बहस छिड़ी हुई है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ध्रुव राठी इस चुनौती को स्वीकार करते हैं और अपने आलोचकों का जवाब देते हैं, या फिर यह विवाद और ज्यादा तूल पकड़ता है।

👉 आप इस मुद्दे पर क्या सोचते हैं? क्या ध्रुव राठी के तर्क सही हैं, या फिर मौलाना और वैज्ञानिकों की दलीलें अधिक ठोस हैं? अपने विचार हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं!

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