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डीग पुलिस मुठभेड़ पर बवाल, मुस्लिम युवकों को गोली मारने और वीडियो वायरल का मामला गरमाया

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, जयपुर

राजस्थान की डीग पुलिस चार मुस्लिमों की गोली मारने को लेकर विवादों में है. आरोप है कि सुल्तान पांडेरा नामक एक पुलिस इंस्पेक्टर ने उन्हें ठंडे दिमाग से गोली मार कर उसका वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर वायरल किया.

खबर की मुख्य बातें

  • डीग पुलिस मुठभेड़ में चार मुस्लिम युवकों को गोली मारने को लेकर का मामला: पुलिस इंस्पेक्टर सुल्तान पांडेरा पर आरोप, वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल.
  • पुलिस की दलील: मुठभेड़ के दौरान युवकों ने पुलिस पर गोली चलाई, अवैध हथियार बरामद.
  • मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप: युवकों को गोली मारने के बाद तस्वीरें और वीडियो पोस्ट करना पुलिस की मंशा पर सवाल.
  • सोशल मीडिया पर बहस: पुलिस पर मुस्लिम विरोधी होने का आरोप, घटना की निष्पक्ष जांच की मांग.
  • ग्रेटर हैदराबाद के नेता का आरोप: इंस्पेक्टर सुल्तान पांडेरा ने युवकों को “सिस्टम से बाहर” गोली मारने की वीडियो पोस्ट की.
  • मुसलमानों में गुस्सा: सोशल मीडिया पर पुलिस की आलोचना, न्यायिक जांच की मांग.
  • पिछले मामलों का संदर्भ: राजस्थान में गोहत्या और गोतस्करी के नाम पर पहले भी मुस्लिमों की हत्या के कई मामले.
  • पृथक जांच की मांग: घटना की सच्चाई जानने के लिए स्वतंत्र जांच की आवश्यकता.

खबर विस्तार से

हालांकि, पुलिस इंस्पेक्टर सुल्तान पांडेरा की दलील है कि चारों युवकों ने मुठभेड़ के दौरान पुलिस पर गोली चलाई थी और उनके पास से अवैध हथियार बरामद किए गए हैं. अब पुलिस की इस दलील पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. यहां तब कहा जा रहा है कि गोली मारने के बाद मुस्लिम युवकों की तस्वीरें जिस तरह से सोशल मीडिया पर पोस्ट की गईं वह मानवाधिकार का उल्लंघन है और पुलिस की नियत पर भी शक पैदा करता है.

साथ ही पुलिस द्वारा मुस्लिम युवकों को गोली मारने को लेकर भी सोशल मीडिया पर गर्मागरम बहस चल रही है. यहां तक बताया जा रहा है कि पुलिस अब मुस्लिम विरोधी हो चुकी है ? बहरहाल, इस घटना की हकीकत क्या है यह जो पृथक जांच एजेंसी जांच करे तभी पता चलेगा, क्यों कि अपने आप में ही यह एक बड़ा रहस्य है कि एक ही साथ चार लोग कैसे मुठभेड़ के शिकार हुए ? क्या वे इतने ज्यादा खुंखार थे कि बगैर उन्हें गोली मारे समाज में शांति कायम नहीं रह सकती थी ?

बहरहाल, ग्रेटर हैदराबाद मिनिस्पेल्टी की स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य मोहम्मद नसीमुद्दीन ने डीग के पुलिस इंस्पेक्टर सुल्तान और मृत मुस्लिम युवकों की तस्वीर और वीडिया एक्स पर साझा करते हुए लिखा-‘‘ यह इंस्पेक्टर सुल्तान पांडेरा हैं जिन्होंने अपने इंस्टा,फेसबुक पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें दिखाया गया है कि कैसे उन्होंने 4 मुस्लिम लड़कों को ‘सिस्टम से बाहर’ (अनौपचारिक रूप से) गोली मार दी, जबकि पुलिस दावा करती है कि यह एक मुठभेड़ थी.’’

सोशल मीडिया पर वीडियो साझा करने का असर है कि लोग खासकर मुसलमानों का एक वर्ग राजस्थान पुलिस की लगातार आलोचना कर रहा है और पूरे मामले की पृथक जांच एजेंसी से जांच कराने की मांग कर रहा है.

एक यूजर ने एक्स पर लिखा-वे मुसलमानों के बच्चों को मुठभेड़ में मार देते हैं जबकि उनके बच्चे सुरक्षित घूमते रहते हैं.’’एक अन्य ने लिखा-‘‘राजस्थान पुलिस जवाब नहीं दे पाएगी उन्होंने तो जान बूझकर ऐेसे अधिकारियों को खुली छूट दे रखी है.’’

एक्स पर एक अन्य यूजर ने लिखा-‘‘पिछले दिनों जो महाराष्ट्र में 4 आतंकी पुलिस का एग्जाम देने जा रहे थे, बाद में वो ऐसे ही काम करते हैं.’’ हालांकि, इस घटना पर मुस्लिम नाउ ने एक विस्तृत रिपोर्ट छापी थी. इसे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.

इस यूजर ने आगे लिखा-‘‘ये एक नहीं हैं हर लेवल पर ऐसे अधिकारी मुस्लिमों को प्रताड़ित करते हैं.’’एक अन्य ने एक्स पर लिखा-‘‘मुस्लिम समुदाय से इतनी नफरत करते हैं कि धर्म जाति के आधार पर कार्रवाई और रील बनाते हैं. बहुत निंदनीय कृत्य एवं दुर्भाग्यपूर्ण है.’’

इस तरह एक अन्य ने घटना पर विचार साझा करते हुए लिखा-‘‘कितनी शर्म की बात है , बेगुनाह को इनकाउण्टर कर के उनके वीडियो बना कर शेर बन रहे, और ना जाने ऐसे कितने केस होते होंगे जिनका रिकॉर्ड भी नहीं.’’

यह तो प्रतिक्रियाओं की बानगी मात्र है. पुलिस के खिलाफ मुसलमानों के एक वर्ग का भारी गुस्सा है और अगल-अलग तरीके से अपने गम और गुस्से का इज्हार कर रहे हैं. बता दें कि राजस्थान ही वह प्रदेश है जहां गोहत्या और गोतस्करी के नाम पर सबसे ज्यादा मुसलमान मारे जाते हैं. इनमें से कुछ मामले तो अंतरराष्ट्रीय स्तर के विवाद का रूप ले चुके हैं.

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