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संभल: शाही जामा मस्जिद सर्वेक्षण के दौरान झड़पें, पथराव और तनाव

मुस्लिम ब्यूरो, नई दिल्ली/संभल

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में रविवार को शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क उठी..कोर्ट के आदेश पर हो रहे सर्वेक्षण का विरोध करते हुए बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जमा हो गए और पथराव शुरू कर दिया. पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा.

मस्जिद का विवाद और सर्वेक्षण का आदेश

सर्वेक्षण सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा दायर याचिका के तहत किया जा रहा था. याचिका में दावा किया गया था कि शाही जामा मस्जिद कभी श्री हरिहर मंदिर थी, जिसे 1529 में मुगल सम्राट बाबर के शासनकाल में मस्जिद में बदल दिया गया. अदालत ने इस दावे की जांच के लिए सर्वेक्षण का आदेश दिया.

सर्वे के दौरान जिला प्रशासन की टीम ने वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की, लेकिन सर्वेक्षण के बीच में ही स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गई और उन्होंने विरोध करना शुरू कर दिया. कुछ लोगों ने पथराव किया, जिसमें पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को चोटें आईं.

पुलिस कार्रवाई और निषेधाज्ञा

संभल के एसपी कृष्ण कुमार ने बताया कि “अचानक कई गलियों से लोग निकले और पथराव शुरू कर दिया. पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर किया.” उन्होंने आगे कहा कि पूरे इलाके में धारा 144 (अब धारा 163) लागू कर दी गई है और कानून-व्यवस्था बिगाड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

मस्जिद कमेटी और समुदाय की प्रतिक्रिया

जामा मस्जिद कमेटी के मसूद फारूकी ने इस सर्वेक्षण को जल्दबाजी में लिया गया कदम बताते हुए कहा कि इससे समुदाय में चिंता और तनाव बढ़ गया है..उन्होंने मस्जिद के संभावित अधिग्रहण को लेकर अफवाहों पर भी नाराजगी जताई.

अदालती कार्यवाही और अगली रिपोर्ट

सर्वेक्षण प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और इसकी रिपोर्ट 29 नवंबर को अदालत में पेश की जाएगी. वकील विष्णु शंकर जैन और उनके पिता हरि शंकर जैन, जो ज्ञानवापी और अन्य विवादित स्थलों के मामलों में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, इस मामले में भी याचिकाकर्ता हैं.

स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में

हिंसा के बाद पूरे इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. प्रशासन ने पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने पर पाबंदी लगाई है. शाही जामा मस्जिद के आसपास के इलाकों में माहौल अभी भी तनावपूर्ण बना हुआ है.

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