मॉस्को के भारतीय दूतावास में तैनात सत्येन्द्र सेवल ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार
आवाज द वाॅयस,मेरठ
उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले से एटीएस ने एक आईएसआई एजेंट को गिरफ्तार किया है, जिसकी पहचान सत्येन्द्र सेवल के रूप में हुई है. सत्येन्द्र 2021 से रूस की राजधानी मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास में तैनात हैं.सत्येन्द्र दूतावास में इंडिया बेस्ट सिक्योरिटी असिस्टेंट के पद पर कार्यरत हैं. गिरफ्तार किए गए सतेंद्र पर भारतीय दूतावास, रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों के बारे में महत्वपूर्ण गोपनीय जानकारी आईएसआई हैंडलर्स को देने का आरोप है.
एटीएस की पूछताछ में सत्येन्द्र ने जुर्म कबूल कर लिया है. सतेंद्र हापुड के मूल निवासी हैं. एटीएस ने उसके पास से दो मोबाइल फोन, आधार कार्ड और पैन कार्ड बरामद किया है.
Satyendra Siwal working as MTS (Multi-Tasking, Staff) at the Ministry of External Affairs, has been arrested by UP ATS. He is accused of working for ISI. Satyendra was posted at the Indian Embassy in Moscow. He is originally a resident of Hapur: UP ATS pic.twitter.com/BY4ueim0KU
— ANI (@ANI) February 4, 2024
दरअसल, यूपीएटीएस को इनपुट मिला था कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के हैंडलर विदेश मंत्रालय के कर्मचारियों को हनीट्रैप में फंसा रहे हैं और उन्हें पैसों का लालच देकर उनकी जासूसी कर रहे हैं.
यूपीएटीएस ने जब इस इनपुट की जांच की तो पता चला कि सत्येन्द्र सेवल ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को जो जानकारी दी थी, उसके बदले में उन्हें पैसे भी भेजे गए थे.
भारतीय सेना के बारे में कई महत्वपूर्ण और गोपनीय जानकारी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट हासिल कर रहे थे.प्राप्त जानकारी के अनुसार, हापुड निवासी सत्येन्द्र सेवल विदेश मंत्रालय में एमटीएस के पद पर तैनात हैं. वह वर्तमान में रूस की राजधानी मॉस्को में भारतीय दूतावास में कार्यरत थे.
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते को अपने सूत्रों से मॉस्को में भारतीय दूतावास में सक्रिय एक जासूस के बारे में सूचना मिली. सूचना पर कार्रवाई करते हुए यूपी एटीएस ने सिवाल से पूछताछ की, जिन्होंने असंतोषजनक जवाब दिया. बाद में उसने जासूसी करने की बात कबूल कर ली और उसे मेरठ में गिरफ्तार कर लिया गया।.
पूछताछ के दौरान, सिवाल ने खुलासा किया कि वह भारतीय सेना और उसके दिन-प्रतिदिन के कामकाज के बारे में जानकारी निकालने के लिए भारत सरकार के अधिकारियों को पैसे का लालच देता था. उस पर भारतीय दूतावास, रक्षा मंत्रालय और विदेश मामलों के बारे में महत्वपूर्ण और गोपनीय जानकारी आईएसआई हैंडलर्स को देने का भी आरोप लगाया गया है.