सऊदी अरब: कैसे बना दुनिया के शीर्ष 10 शक्तिशाली देशों में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी?
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मुस्लिम नाउ विशेष
सऊदी अरब, जो पहले एक तेल उत्पादक देश के रूप में जाना जाता था, अब एक महत्वपूर्ण वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है. इसे 2025 के लिए दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों की सूची में नौवें स्थान पर शामिल किया गया है, जो कि एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. फोर्ब्स द्वारा जारी की गई इस सूची में सऊदी अरब ने कई शक्तिशाली देशों को पीछे छोड़ा है, जिनमें इज़राइल, जो कि एक प्रमुख सैन्य और तकनीकी शक्ति माना जाता है, भी शामिल है. इस लेख में हम यह समझने की कोशिश करेंगे कि सऊदी अरब ने कैसे यह स्थान प्राप्त किया और भविष्य में इसके वैश्विक प्रभाव क्या हो सकते हैं.
मिशन 2030 और विकास की दिशा
सऊदी अरब का “मिशन 2030” प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) द्वारा शुरू किया गया, जो देश के विकास और भविष्य को पूरी तरह से बदलने की योजना है. इस मिशन का मुख्य उद्देश्य तेल पर निर्भरता को कम करना और देश की अर्थव्यवस्था को विविधता प्रदान करना है. इसमें आर्थिक सुधार, युवा पीढ़ी के लिए रोजगार, और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में काम किया जा रहा है..
सऊदी अरब ने अपनी पेट्रोलियम आय को विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं में निवेश करने के लिए इस्तेमाल किया है, जो केवल तेल के उत्पादन पर निर्भर न होकर, देश के समग्र विकास में मदद कर रहे हैं. इनमें NEOM शहर का निर्माण, जो एक स्मार्ट सिटी के रूप में जाना जाएगा, और 2034 फीफा विश्व कप की मेज़बानी जैसे कदम शामिल हैं.
सऊदी अरब की शक्ति का स्तंभ: तेल और ऊर्जा
सऊदी अरब का प्रमुख स्रोत, जो उसे वैश्विक शक्ति बना देता है, वह है उसके विशाल तेल भंडार. यह देश दुनिया के सबसे बड़े तेल उत्पादकों में से एक है और उसका ऊर्जा नीति में महत्वपूर्ण योगदान है. सऊदी अरब, विशेष रूप से ओपेक (OPEC) संगठन के प्रमुख सदस्य के रूप में, वैश्विक ऊर्जा बाजार को प्रभावित करता है और कई देशों के साथ अपने ऊर्जा व्यापार संबंधों को प्रगाढ़ कर रहा है..
इसके अलावा, सऊदी अरब ने ऊर्जा उत्पादन में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं पर भी ध्यान केंद्रित किया है. जैसे कि सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा में निवेश. यह पहल देश को भविष्य में ऊर्जा क्षेत्र में और अधिक आत्मनिर्भर बना सकती है.
सऊदी अरब की वैश्विक भूमिका और अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव
सऊदी अरब ने अपने वैश्विक प्रभाव को बढ़ाने के लिए विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी सक्रिय भूमिका निभाई है. उसके पास अपनी मजबूत सेना और प्रभावशाली विदेश नीति है, जो उसे मध्य पूर्व में एक प्रमुख शक्ति बनाती है। साथ ही, वह विभिन्न वैश्विक घटनाओं जैसे G20 समिट, OIC (Organization of Islamic Cooperation), और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
नेता के रूप में प्रिंस सलमान ने देश की प्रतिष्ठा और शक्ति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उनका नेतृत्व सऊदी अरब को एक नए मार्ग पर ले गया है, जिससे देश ने एक मजबूत, स्थिर और समृद्ध भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाए हैं.
सऊदी अरब और इज़राइल के बीच की तुलना
फोर्ब्स की सूची में सऊदी अरब ने इज़राइल को पीछे छोड़ दिया है, जो एक ताकतवर सैन्य और तकनीकी देश माना जाता है. सऊदी अरब ने विकास की दिशा में अपनी राजनीतिक और आर्थिक नीतियों को बेहतर तरीके से लागू किया है, जबकि इज़राइल अपनी सैन्य शक्ति और उच्च तकनीकी विकास पर जोर देता है.
इस बदलाव का प्रमुख कारण यह है कि सऊदी अरब ने अब केवल तेल पर निर्भर रहने की बजाय विविधता, पर्यटन, निवेश और ऊर्जा क्षेत्र में भी अपनी स्थिति मजबूत की है. जबकि इज़राइल को अपनी सैन्य शक्ति और तकनीकी प्रगति में उच्च स्थान प्राप्त है. सऊदी अरब ने अपने विकास के अन्य पहलुओं पर भी जोर दिया है, जो उसे एक व्यापक वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित करता है.
सऊदी अरब का भविष्य और वैश्विक प्रभाव
जैसा कि सऊदी अरब 2030 मिशन के तहत विभिन्न क्षेत्रों में निवेश कर रहा है, आने वाले वर्षों में उसका वैश्विक प्रभाव और भी बढ़ने की संभावना है. NEOM शहर, जो भविष्य की स्मार्ट सिटी के रूप में स्थापित होगा, वह एक उच्च तकनीकी और सतत विकास की मिसाल पेश कर सकता है. इसके अलावा, सऊदी अरब का तेल उत्पादन और ऊर्जा नीति के साथ-साथ पर्यावरणीय और नवीकरणीय ऊर्जा पहल उसे एक प्रमुख वैश्विक ऊर्जा हब के रूप में स्थापित कर सकती है.
सऊदी अरब के निवेश के प्रभाव से मध्य पूर्व और वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी बड़े बदलाव हो सकते हैं. जैसे कि पर्यटन उद्योग, जिसमें भारी निवेश किया जा रहा है, से वैश्विक पर्यटन का केंद्र बनने की संभावना है.
फोर्ब्स द्वारा जारी किए गए 2025 के सबसे शक्तिशाली देशों की सूची में सऊदी अरब का नौवें स्थान पर आना यह दर्शाता है कि यह देश तेजी से एक वैश्विक शक्ति बन रहा है. सऊदी अरब के विकास में एक नई दिशा, नेतृत्व और आर्थिक सुधार ने उसे वैश्विक मंच पर मजबूती से खड़ा किया है. आने वाले समय में सऊदी अरब का प्रभाव और बढ़ सकता है, विशेष रूप से ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, और वैश्विक कूटनीति के क्षेत्रों में.
फोर्ब्स की नजरों में सऊदी अरब (Saudi Arabia)
- राजधानी: रियाद
- प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (GDP): $65.88 हजार
- वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में हिस्सेदारी (PPP के लिए समायोजित): 1.09%
- क्षेत्रफल: 2,149,690 वर्ग किलोमीटर
- पेट्रोलियम उत्पादन सऊदी अरब की ताकत का प्रमुख स्रोत है.
- इसके पास विश्व के सबसे बड़े तेल भंडारों में से एक है
- सऊदी अरब पर्यटन और निवेश को बढ़ावा देने के लिए विशाल परियोजनाओं में निवेश कर रहा है, जैसे NEOM शहर और फीफा विश्व कप 2034 की मेज़बानी.