रियाद में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने जीसीसी, जॉर्डन और मिस्र के नेताओं को अनौपचारिक बैठक के लिए आमंत्रित किया
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो, रियाद
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) ने गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (GCC) के सदस्य देशों, जॉर्डन और मिस्र के नेताओं को शुक्रवार को रियाद में एक अनौपचारिक बैठक के लिए आमंत्रित किया।
यह बैठक जीसीसी देशों, जॉर्डन और मिस्र के नेताओं के बीच होने वाली आवधिक बैठकों की श्रृंखला का हिस्सा है, जो क्षेत्रीय सहयोग और समन्वय को मजबूत करने के लिए आयोजित की जाती हैं।
बैठक का उद्देश्य और संभावित एजेंडा
एक आधिकारिक सूत्र के अनुसार, यह बैठक अरब देशों के संयुक्त प्रयासों और क्षेत्रीय मुद्दों पर आपसी सहयोग को गहरा करने पर केंद्रित होगी।
सूत्र ने बताया कि इस बैठक में लिए गए किसी भी महत्वपूर्ण निर्णय को आगामी “असाधारण अरब शिखर सम्मेलन” (Extraordinary Arab Summit) में शामिल किया जाएगा, जो 4 मार्च को मिस्र में आयोजित होने वाला है।
जीसीसी देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा
यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब मध्य पूर्व कई भू-राजनीतिक चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिसमें फिलिस्तीन-इजरायल संघर्ष, यमन की स्थिति, ईरान-सऊदी संबंध और वैश्विक ऊर्जा बाजार से जुड़े मुद्दे शामिल हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस बैठक का उद्देश्य खाड़ी देशों के बीच आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करना है, जिससे मध्य पूर्व में स्थिरता और विकास को बढ़ावा दिया जा सके।
आने वाले “असाधारण अरब शिखर सम्मेलन” से उम्मीदें
4 मार्च को मिस्र में होने वाले “असाधारण अरब शिखर सम्मेलन” में अरब देशों के प्रमुख नेता शामिल होंगे, जहां फिलिस्तीन-इजरायल मुद्दे, क्षेत्रीय स्थिरता, आर्थिक सहयोग और सुरक्षा समझौतों पर चर्चा की जाएगी।
माना जा रहा है कि रियाद में आयोजित यह अनौपचारिक बैठक, अरब शिखर सम्मेलन के लिए एक महत्वपूर्ण पूर्वाभ्यास साबित हो सकती है, जहां कई महत्वपूर्ण नीतिगत फैसले लिए जा सकते हैं।
मोहम्मद बिन सलमान की क्षेत्रीय कूटनीति में सक्रिय भूमिका
सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) हाल के वर्षों में मध्य पूर्व में कूटनीतिक संतुलन बनाए रखने और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
उनकी अगुवाई में सऊदी अरब ने कई अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय शांति वार्ताओं की मेजबानी की है, जिससे यह साफ है कि रियाद क्षेत्रीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण शक्ति केंद्र बना हुआ है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह बैठक सऊदी अरब के नेतृत्व में खाड़ी देशों की एकता को और मजबूत करेगी और आगामी अरब शिखर सम्मेलन के लिए एक ठोस आधार तैयार करेगी।
निष्कर्ष
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) द्वारा आयोजित यह अनौपचारिक बैठक, मध्य पूर्व में बढ़ते सुरक्षा और आर्थिक चुनौतियों के बीच एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक पहल साबित हो सकती है।
इस बैठक के परिणाम और लिए गए फैसले 4 मार्च को मिस्र में होने वाले असाधारण अरब शिखर सम्मेलन में अहम भूमिका निभाएंगे, जिससे अरब देशों के आपसी सहयोग और भविष्य की रणनीतियों का खाका तैयार किया जाएगा।