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जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव का दूसरा चरण: इंडिया गठबंधन को भारी समर्थन,उमर-अल्ताफ की प्रतिष्ठा दांव पर

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,श्रीनगर

आतंकवाद जैसे संगीन अपरोधों में जेल में बंद आरोपियों को चुनाव मैदान में उतारने के बावजूद कांग्रेस और प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इंडियन गठबंधन के नेशनल कान्फ्रेंस के साथ मिलकर एक पार्टी विशेष का खेल खराब कर दिया है. तमाम सियासी षड़यंत्र को धत्ता बताकर जम्मू-कश्मीर के मतदाता न केवल कांग्रेस-नेशनल कान्फ्रेंस प्रति अपना जोश दिखा रहे हैं, उनकी सभाओं में भी लोगों की भीड़ उमड़ रही है.

ऐसे में खास पार्टी के नेताओं को एक बार फिर कहना पड़ रहा है कि कांग्रेस और नेशनल कान्फ्रेंस पाकिस्तान के एजेंडे को बढ़ा रहे हैं. हद तो तब हो गई जब केंद्रीय गृहमंत्र अमित शाह को मुस्लिम बहुल श्रीनगर में ईद और मुर्हरम पर एक-एक गैस सिलेंडर मुफ्त देने का ऐलान करना पड़ा.

बीजेपी केंद्र में दस सालांे से सत्ता मंे है, पर इसने कभी मुस्लिम मतदाओं को महत्व नहीं दिया. मगर इस बार के लोकसभा चुनाव में लगे तगड़े़ झटके के बाद बीजेपी को न केवल मुस्लिम मतदाओं का महत्व समझ मंे आया है, मुफ्त गैस सिलेंडर जैसी ‘गोली’ देने की भी घोषणा करनी पड़ रही है.

इस बीच,अपने जम्मू-कश्मीर दौरे पर राहुल गांधी को लोगों को भारी समर्थन मिल रहा है. उन्हांेने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि वह संसद में जम्मू-कश्मीर के लोगों की आवाज बनेंगे. उन्होंने विधानसभा चुनाव समाप्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए केंद्र पर दबाव डालने की मजबूत प्रतिबद्धता जताई.

उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस और भारत गठबंधन के लिए एक प्रमुख प्राथमिकता हण् इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रयासों को तेज करने की कसम खाई.श्रीनगर के बाहरी इलाके जैनाकोट में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए, गांधी ने कहा कि इस मुद्दे पर भाजपा शासित केंद्र को चुनौती देने के लिए कांग्रेस पार्टी का दृढ़ संकल्प है.

जब भी आपको मेरी जरूरत हो, बस कॉल करें, और मैं आपके साथ खड़ा रहूंगा. मैं संसद में आपके मुद्दे उठाऊंगा. हमारा रिश्ता खास है.मुझे इसे स्पष्ट करने की भी जरूरत नहीं है.

राहुल गांधी ने कहा,आपका लोकतांत्रिक अधिकार छीन लिया गया. “भारत में केंद्र शासित प्रदेशों को राज्य बना दिया गया. राज्यों को विभाजित करके नए राज्य बनाए गए. मध्य प्रदेश को विभाजित करके छत्तीसगढ़ बनाया गया. बिहार को झारखंड बनाया गया और आंध्र प्रदेश को तेलंगाना बनाया गया. लेकिन हमारे देश के इतिहास में पहली बार किसी राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया. लोगों के अधिकार छीन लिए गए.”

उन्होंने जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे की बहाली को सबसे अहम मुद्दा बताया. गांधी ने कहा, “हम गारंटी देते हैं कि राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा. अगर भाजपा चुनाव के बाद इसे वापस करने में विफल रहती है, तो कांग्रेस पार्टी यह सुनिश्चित करेगी.”

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और उन पर बेरोजगारी, महंगाई और जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे की जरूरत जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों की अनदेखी करने का आरोप लगाया. लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, “नरेंद्र मोदी लंबे-लंबे भाषण देते हैं और ‘मन की बात’ करते हैं. लेकिन वे बेरोजगारी दूर करने, महंगाई कम करने, युवाओं को एक विजन देने और जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बोलना नहीं जानते.”

गांधी ने कहा, ये महत्वपूर्ण मामले हैं, लेकिन मोदी जी इनके बारे में बात नहीं कर सकते. इसके बजाय, वे 24 घंटे मन की बात करने में बिताते है. जम्मू-कश्मीर में मौजूदा प्रशासन की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के बारे में निर्णय बाहरी लोगों द्वारा लिए जा रहे हैं. विशेष रूप से उपराज्यपाल की भूमिका का जिक्र करते हुए उन्हांेने कहा, आप अपने लिए निर्णय नहीं ले रहे हैं.

बाहरी लोग आपके लिए निर्णय ले रहे हैं. उपराज्यपाल, जो बाहरी व्यक्ति हैं और जम्मू-कश्मीर से नहीं हैं, को यहां का राजा बनाया गया है. उन्हें नहीं पता कि लोगों की चाहत के अनुसार विकास कैसे किया जाए. यही कारण है कि हम मांग कर रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर के लोग अपने नेताओं का चुनाव करें और उनकी सरकार फिर से अपने विकास के लिए काम करना शुरू करे.

उन्होंने रैली स्थल के पास स्थित प्रतिष्ठित एचएमटी घड़ी कारखाने के बंद होने का भी जिक्र किया और भाजपा सरकार पर देश भर में ऐसे कई उद्योगों को बंद करने का आरोप लगाया. गांधी ने पीएम मोदी की सरकार पर आम जनता के नुकसान के लिए चुनिंदा कुलीन व्यापारियों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया.

लोकसभा में विपक्ष के नेता और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस केंद्र की भाजपा सरकार पर जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए दबाव बनाएगी.

उन्होंने दोहराया, सबसे पहले, हम विधानसभा चुनाव के बाद उन पर जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा तुरंत बहाल करने और उसके (जम्मू-कश्मीर के) लोगों के साथ हुए अन्याय को दूर करने के लिए दबाव डालेंगे. अगर वे ऐसा नहीं करेंगे, तो हम निश्चित रूप से आपके लिए ऐसा करेंगे.

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का दूसरा चरण महत्वपूर्ण साबित होने जा रहा है, जिसमें कई हाई-प्रोफाइल उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा. 26 निर्वाचन क्षेत्रों में 239 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना और अपनी पार्टी के प्रमुख अल्ताफ बुखारी प्रमुख हैं.

यह चुनाव जम्मू क्षेत्र के पुंछ और राजौरी जिलों से लेकर कश्मीर के बडगाम, श्रीनगर और गंदेरबल जिलों तक फैले 26 निर्वाचन क्षेत्रों में होगा। बुधवार को 2.5 मिलियन से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। पहले चरण में 61.38 प्रतिशत मतदान हुआ था, और अब दूसरा चरण 25 सितंबर को होगा.

तारिक हमीद कर्रा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारिक हमीद कर्रा श्रीनगर की सेंट्रल शाल्टेंग सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. उनका मुकाबला पीडीपी के अब्दुल कयूम भट, अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस के रियाज अहमद मीर और अपनी पार्टी के ज़फर हबीब डार से है. कर्रा 2016 में पीडीपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे.

जेल में बंद कश्मीरी मौलवी सरजन अहमद वागे, जिन्हें ‘सरजन बरकती’ के नाम से जाना जाता है, गंदेरबल और बीरवाह निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ रहे हैं। 2016 में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी की हत्या के बाद विरोध प्रदर्शनों के लिए मशहूर हुए बरकती पर वर्तमान में UAPA के तहत मामला दर्ज है.

नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला मध्य कश्मीर के बडगाम और गंदेरबल से चुनाव लड़ रहे हैं. गंदेरबल उनकी पार्टी का गढ़ माना जाता है, जहां उनके परिवार की तीन पीढ़ियां जीत चुकी हैं. बडगाम में उनका मुकाबला पीडीपी और अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवारों से होगा.

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना राजौरी जिले की नौशेरा सीट से फिर से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां उनका मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस के सुरिंदर चौधरी से है, जिन्हें कांग्रेस का भी समर्थन प्राप्त है.

अपनी पार्टी के प्रमुख अल्ताफ बुखारी, जो इस चुनाव के सबसे धनी उम्मीदवार हैं, श्रीनगर की चन्नपोरा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. उनका मुकाबला पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस और भाजपा के उम्मीदवारों से है,

चुनावी तैयारियां

जम्मू और कश्मीर में 26 सीटों पर हो रहे इस चुनाव में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. 13,000 से अधिक चुनाव कर्मी और सुरक्षा बल मतदान प्रक्रिया में तैनात किए गए हैं. सभी मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई है ताकि मतदान में पारदर्शिता बनी रहे.

चुनाव आयोग के अनुसार, 3,502 मतदान केंद्रों पर मतदान होगा, जिनमें 1,056 शहरी और 2,446 ग्रामीण मतदान केंद्र शामिल हैं. सभी मतदान केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का इस्तेमाल होगा, और स्ट्रांग रूम में चौबीसों घंटे निगरानी रखी जाएगी.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दावा किया कि भाजपा जम्मू और कश्मीर में जीत दर्ज करेगी और चुनावों के बाद राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा. उन्होंने अनुच्छेद 370 की बहाली के दावों को खारिज करते हुए कहा कि यह हमेशा के लिए खत्म हो चुका है. कांग्रेस-एनसी गठबंधन की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि इन पार्टियों का इरादा केंद्रीय कानूनों को पलटने का है.

जम्मू-कश्मीर में चल रहे विधानसभा चुनाव का दूसरा चरण न सिर्फ उम्मीदवारों के लिए बल्कि प्रदेश की राजनीति के लिए भी निर्णायक साबित होगा. मतदान समाप्त होने के बाद सभी की नजरें चुनाव परिणामों पर होंगी, जो प्रदेश के भविष्य को प्रभावित करेंगे.