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बीजेपी की चुनाव में हालत पतली देखकर मुसलमानों के ‘आक्रांता’ वाला वीडियो हटाया ?

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, हैदराबाद

किसी फिल्म का गाना है ‘डर लगे तो गाना गा’. अबकी बार 400 पार का नारा देने वाली भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव 2024 में यही कर रही है. अनुच्छेद 370 हटाने, राम मंदिर निर्माण, तीन तलाक, सीएए जैसे तमाम तिकड़क आजमाने के बावजूद दो चरणों के मतदान में स्थिति खराब होते देखकर ‘मुसलमानांे’ के खिलाफ ‘गाना गाना’ शुरू कर दिया है. अलग बात है कि दांव उलट पड़ता देखकर अब गलती सुधारने की कोशिश हो रही है.

सियासत डाॅट काॅम के यूनुस लसानिया ने इसपर एक अच्छी रिपोर्ट प्रकाशित की है. रिपोर्ट में कहा गया है, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल पर पोस्ट किए गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुस्लिमों के खिलाफ गाली-गलौज करने वाले इस्लामोफोबिक वीडियो को कई उपयोगकर्ताओं के भारी आक्रोश के बाद हटा दिया गया है.

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वैसे, यह निश्चित नहीं है कि क्या भाजपा ने इसे हटा दिया, या उपयोगकर्ताओं द्वारा इसके खिलाफ रिपोर्ट करने के बाद इसे हटाया गया है ?एनिमेटेड वीडियो, जिसमें एक आवाज थी, में मोदी को दिखाया गया था और लगभग उन्हीं झूठों को दोहराया गया था जो प्रधानमंत्री ने विभिन्न चरणों में चल रहे लोकसभा चुनावों से पहले राजस्थान में अपने पहले सार्वजनिक भाषणों में कहे थे. वीडियो में मुसलमानों को ‘घुसपैठिए’ कहा गया और वही बात दोहराई गई कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो धन का पुनर्वितरण करेगी.

मंगलवार, 30 अप्रैल को पोस्ट किए गए बीजेपी वीडियो में कहा गया कि कांग्रेस का घोषणापत्र मुस्लिम लीग (पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना का) जैसा है. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि वीडियो, जिसमें मोदी के दोबारा चुनाव का आह्वान किया गया था, में दावा किया गया था कि कांग्रेस गैर-मुसलमानों की संपत्ति छीन लेगी और इसे मुसलमानों को दे देगी, यह बयान खुद मोदी ने पिछले महीने दिया था, जिसकी व्यापक आलोचना हुई थी.

मोदी ने पिछले महीने बांसवाड़ा (राजस्थान) में अपने भाषण में मुसलमानों को काफी हद तक घुसपैठिए कहा था और भाजपा द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो में भी सीधे तौर पर इस समुदाय को निशाना बनाया गया था. इसमें कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को अपनी पार्टी का झंडा पकड़े हुए भी दिखाया गया है, जो एनीमेशन में अर्धचंद्र और तारे के साथ हरे रंग के झंडे में बदल गया है – एक प्रतीक जिसे इस्लामी ध्वज माना जाता है.

बीजेपी के इस वीडियो ने कई लोगों को चैंका दिया. खासकर इंस्टाग्राम पर जहां इसे एक दिन के भीतर एक लाख से ज्यादा लाइक्स मिले. आम चुनावों से पहले इस तरह के पोस्ट से नाराज होकर कई लोगों ने मोदी और भाजपा की निंदा की, जबकि अन्य ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है क्योंकि मोदी ने पहले भी इसी तरह के बयान दिए थे.

वीडियो में, भाजपा ने विशिष्ट दक्षिणपंथी अंदाज में, ऋषि-पुरानी रूढ़िवादी कथा का भी आह्वान किया कि प्राचीन भारत को मुस्लिम आक्रमणकारियों ने लूट लिया था. एनीमेशन में मंदिरों और एक रानी जैसी महिला के दृश्य शामिल थे, जिसके तुरंत बाद घोड़ों में मुस्लिम पुरुषों के दृश्य शामिल थे. वॉयस-ओवर में अपेक्षित रूप से दावा किया गया था कि भारत की समृद्धि खो गई है क्योंकि आक्रमणकारी, आतंकवादी, लुटेरे और चोर बार-बार आते हैं, हमारे सारे खजाने लूट लेते हैं.

यह स्पष्ट है कि भाजपा यह दिखाने पर आमादा है कि कांग्रेस एक मुस्लिम-केंद्रित पार्टी है और वह मतदाताओं को अपने खिलाफ करने की कोशिश कर रही है. वीडियो इस वाक्य के साथ समाप्त होता है, “नरेंद्र मोदी को इस दुष्ट योजना के बारे में पता है. इसे रोकने की ताकत सिर्फ उन्हीं में है. यदि आप वास्तव में भारतीय सभ्यता की परवाह करते हैं, तो आपको बाहर जाकर मोदी को वोट देना होगा. यह समय की परम आवश्यकता है.”

यह देखना होगा कि क्या चुनाव आयोग को इस पर फिर से याचिका दी जाती है या नहीं. विपक्षी नेताओं और जनता ने मोदी के पहले के बयानों को नफरत फैलाने वाले भाषण के रूप में चिह्नित किया है.

यहां यह बताना बेहद जरूरी है कि पिछले दो चरणांे में हुए मतदान मंे बीजेपी को निराशा हाथ लगी है. उसे वोट देने के लिए मतदाताओं ने कोई उत्साह नहीं दिखाया. इस लिए समझा जा रहा है कि पिछले दो चरणों में हुए लगभग 200 सीटों के लिए हुए मतदान में भारत को भारी चपत लगने वाली है.

बुलेट पॉइंट्स:

  • चुनाव में हालत पतली होते देखकर भाजपा ने मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ वीडियो हटाया।
  • इस घटना ने राजनीतिक मंच पर उत्पन्न विवाद को और तेज़ कर दिया।
  • वीडियो में मुसलमानों को लेकर दिए गए बयानों ने सामाजिक मीडिया पर उत्पन्न विवाद को चढ़ा दिया।
  • भाजपा के इस कदम ने सामाजिक रूप से भी बहुत प्रतिक्रिया प्राप्त की।
  • चुनावी माहौल में इस तरह के राजनीतिक प्रवृत्तियों का महत्वपूर्ण असर हो सकता है।