वरिष्ठ पत्रकार कुर्बान अली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की वजह बताई
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली
वरिष्ठ पत्रकार कुर्बान अली ने तब सुर्खियां बटोरीं, जब उन्होंने 21 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा में एक चुनावी रैली में मुसलमानों के बारे में सांप्रदायिक और भड़काऊ टिप्पणी करने के लिए प्रधानमंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए नई दिल्ली के अपने स्थानीय पुलिस स्टेशन का दरवाजा खटखटाया.
कुर्बान अली एक नजर में
- पत्रकारिता करियर: कुर्बान अली 40 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय हैं. उन्होंने बीबीसी वर्ल्ड सर्विस, राज्यसभा टीवी, दूरदर्शन समाचार, यूएनआई और एबीपी समूह के साथ काम किया है.
- प्रमुख घटनाओं की रिपोर्टिंग: उन्होंने कई प्रमुख घटनाओं की रिपोर्टिंग की है, जिनमें मेरठ दंगे, बाबरी मस्जिद विध्वंस, गुजरात दंगे, कारगिल युद्ध और इराक युद्ध शामिल हैं.
- अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टिंग: उन्होंने पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, मिस्र, कुवैत, सऊदी अरब, इराक, यूके, यूएसए और यूएन से रिपोर्टिंग की है.
- विशेष साक्षात्कार: उन्होंने वीपी सिंह, चंद्रशेखर, पीवी नरसिम्हा राव, एचडी देवेगौड़ा, आईके गुजराल, बेनजीर भुट्टो और नवाज शरीफ का साक्षात्कार लिया है और 1999 में लाहौर की बस यात्रा में एबी वाजपेयी के साथ भी यात्रा की है.
- शैक्षणिक संस्थानों में आमंत्रण: कुर्बान अली को कई प्रतिष्ठित संस्थानों में साक्षात्कार के लिए विशेषज्ञ के रूप में आमंत्रित किया गया था.
कुर्बान अली, सिने इंक सीरीज, लंदन वार्ता में ब्रॉडकास्टर परवेज आलम के साथ बातचीत कर रहे थे, जिसमें उन्होंने चर्चा की कि उन्हें पीएम के खिलाफ मामला दर्ज करने का चरम कदम उठाने के लिए क्यों मजबूर होना पड़ा.एक अन्य मामले में, सुप्रीम कोर्ट पहले से ही कुर्बान अली बनाम भारत संघ, एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जो 2021 में हरिद्वार में धर्म संसद और दिल्ली में हिंदू युवा वाहिनी द्वारा कथित नफरत फैलाने वाले भाषण के खिलाफ दायर की गई है.
Mujhe Mere Hi Desh Mein Ghuspethia Kaha Ja Raha Hai.
— Pervaiz Alam (@pervaizalam) June 28, 2024
"I am being called an infiltrator in my own country," says Ali.
Former BBC journalist, Qurban Ali is in conversation with me on London Vārta. https://t.co/ZNg1IWtjmd
कुर्बान अली 40 से अधिक वर्षों से पत्रकार हैं. उन्होंने बीबीसी वर्ल्ड सर्विस के साथ काम किया है. उन्होंने राज्यसभा टीवी, दूरदर्शन समाचार, यूएनआई और एबीपी समूह के रविवार साप्ताहिक के साथ भी काम किया है.एक पत्रकार के रूप में उनकी पहली बड़ी खबर मेरठ दंगे (1987 में मलियाना/हाशिमपुरा नरसंहार) थी. बाद में, उन्होंने 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या से बाबरी मस्जिद विध्वंस पर रिपोर्टिंग की.
कुर्बान अली ने गुजरात भूकंप और दंगे, कारगिल युद्ध और इराक युद्ध को कवर किया है. उन्होंने पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, मिस्र, कुवैत, सऊदी अरब, इराक, यूके, यूएसए और यूएन से रिपोर्टिंग की है.कुर्बान अली ने वीपी सिंह, चंद्रशेखर, पीवी नरसिम्हा राव, एचडी देवेगौड़ा, आईके गुजराल, बेनजीर भुट्टो और नवाज शरीफ का साक्षात्कार लिया है.
कुर्बान अली ने 1999 में लाहौर की अपनी बस यात्रा में एबी वाजपेयी के साथ भी यात्रा की है.उन्हें IIMC, AJKMCRC, जामिया, AMU और अन्य संस्थानों में साक्षात्कार के लिए एक विशेषज्ञ के रूप में आमंत्रित किया गया था.कुर्बान अली और ब्रॉडकास्टर परवेज आलम की बातचीत सुनने के लिए यहां यूट्यूब लिंक दिया गया है. इसे सुनकर पीएम के विरूद्ध कुर्बान द्वारा कानून का दरवाजा खट खटाने की वजह मिल जाएगी.