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शिया मौलाना हसन अली  राजानी क्यों कर रहे ईरान का विरोध ?

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,महुवा

भारत के शिया मौलाना हसन अली (Maulana Hasan Ali Rajani) तंजानिया की राजधानी दार एस सलाम से गुजरात अपने शहर महुवा लौट आए हैं, पर वह ईरान को लेकर बेहद गुस्से में हैं. यहां तक कि उन्होंने दुनिया के नेताओं का ईरान की बोलती बंद कराने का आह्वान किया है.

भारत लौटने पर उन्होंने कहा कि दार एस सलाम में ईरान समर्थक फेक सैयद, दरबारी विद्वान और खोजा शिया बिरादरी के सज्जन रिजवान ममदानी जैसे लोग तंजानिया को नाइजीरिया और सूडान में बदलना चाहते हैं. इसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.  मौलाना राजानी ने कहा कि तंजानिया में कई खोजा जमातें हैं, पर उनमें से कोई भी मौलाना रखने का खर्च नहीं उठा सकते.मगर फिलिस्तीन के अलावा दुनिया भर में युद्ध होते रहे , जिसके लिए लाखों शिलिंग खर्च करती हैं.

मौलाना राजानी ने कहा कि अफ्रीका में ईरान कल्चर हाउस प्रत्येक शिया विद्वान को सरकार के खिलाफ नारे लगाने के लिए एक 100 देता है.  पूरी दुनिया में ईरान से पढ़ कर आए अज्ञानी मौलवी सिर पर पगड़ी रखकर खुद को इमाम खुमैनी से कम नहीं समझते, जबकि वो शेक चल्ली जैसे विचारों में खोए रहते हैं. इमाम खुमैनी ने तो फकत ईरान को आजाद कराया था, हम पूरी दुनिया जीत लेंगे.  इसीलिए अब ईरान के भिखारी विद्वान मुहर्रम को भी राजनीति करने की कोशिश करते हैं. इस लिए अब दुनिया भर में ईरान समर्थक विद्वान खामनेई को इमाम हुसैन कहते हैं और मौजूदा सरकार में शामिल लोगों को उन्हें यजीदी कहते हैं.

 मौलाना राजानी ने कहा कि मेरा हिंदुस्तान के बाद अफ्रीका के पूर्वी देशों में ईरानियों ने अपहरण करके अपने मूल का खुलासा कर दिया है. वैसे भी आज पूरी दुनिया ईरान के खोखले नारों से वाकिफ हो गई है.  इसीलिए इजराइल उतने ही हमले तेज करते जा रहे हैं जितना ईरान धमकी देता रहाता है. मौलाना राजानी ने कहा कि जब तक ईरानियों को बाहर का रास्ता नहीं दिखाया जाता, तब तक पूरी दुनिया में फिलिस्तीन की तरह मुसलमानों का नरसंहार होता रहेगा. सभी देशों को मिल कर सब से पहले ईरान को चुप कराना चाहिए.

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