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शिया मौलाना हसनअली राजाणी बोले-इमाम हुसैन की कुर्बानियों ने तमाम इबादतों को नई जिंदगी बख्शी

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,दार एस सलाम

पूर्वी अफ्रीकी शहर दार एस सलाम, जिसे मिनी इंडिया कहा जाता है, में इमाम हुसैन (अ.स.) की शहादत पर निकाले गए शोक जुलूस और सभाओं में हजारों लोग शामिल हुए. यहां मुख्य अलम जुलूस इमाम बारगाह हजरत अब्बास से निकला. यह शहर के राजमार्गों से गुजरते हुए ख्वोजा शिया मस्जिद में समाप्त हुआ. इसके बाद मजलिसे और नोहें पढ़े गए.

इसमें पाकिस्तानी के अलावा ब्रिटिश और अमेरिकी विद्वानों भी शिरकत की. इस मौके पर मौलाना हसनअली राजाणी ने कहा, हमें हर तरह की कुर्बानी के लिए तैयार रहना चाहिए. यही इस दुनिया से उस दुनिया की तरफ जाने का एकमात्र सफल रास्ता है.

मौलाना हसनअली राजाणी ने कहा कि इस्लाम में सभी इबादतों की एक सीमा है, लेकिन इमाम हुसैन (अ.स.) ने ऐसी इबादत की जो सभी इबादतों की सीमाओं को पार कर गई. मौलाना हसनअली रीजाणी ने कहा कि खुदा का फरमान है कि नेकी पर नेकी करते जाओ. यहां तक के तुम खुदा के लिए मारे जाओ. जो खुदा के लिए कोई मर जाए उस से बढ़कर कोई नेक काम नहीं.

मौलाना हसनअली राजाणी ने आगे कहा कि हमने कर्बला से यह सीखा कि हमें अपने सभी अच्छे कामों में शहादत का जुनून रखना चाहिए ताकि अपनी इबादत में बुलंदी पैदा किया जा सके. अन्यथा शहादत और भलाई की भावना के बिना, हमारी इबादतें उस गुब्बारे की तरह हैं जो थोड़ी सी धूप और हवा में नष्ट हो जाएंगी.

मौलाना हसनअली राजाणी ने दुनिया के तमाम लोगों से आग्रह किया कि सभी प्रकार के झूठ और बुरे शब्दों को त्याग कर सत्य और न्याय का साथ दें. हजरत इमाम हुसैन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सरकार सैयद अल-शोहदा की कुर्बानियों पर जोर दिया. कहा कि अगर समय आए तो हमें हजरत इमाम हुसैन का अनुसरण करते हुए सत्य और न्याय के सिद्धांतों के उत्थान के लिए अपने जीवन को न्येछावर कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम जिस देश में हैं वहां के नियमों का पालन करें. ताकि हम इमाम हुसैन (अ.स.) के संदेश को ज्यादा से ज्यादा फैला सकें, ताकि दुनिया में अमन और अमान बाकी रहे.

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