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क्या मस्जिद, चर्चा पर उत्पात मचाने वालों की खुफिया जांच नहीं होनी चाहिए ?

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

देश की शांति भंग करना, समाज में विद्वेष फैलाना, तोड़-फोड़ करना, वैचारिक मतभेद फैलाकर विभिन्न समुदायों को लड़ाना ही आतंकवाद है. मगर कुछ संगठनों की ऐसी हरकतें उन्हें नजर नहीं आतीं, जिनके जिम्मा देश की सुरक्षा है.लोकसभा चुनाव और रामनवमी के त्योहार के समय जिस तरह दक्षिण भारत और केरल में कुछ खास संगठन और विचार रखने वालों ने हंगामा मचाया, निश्चित ही ऐसे लोगों को सलाखों के पीछे होना चाहिए.

हद तो तब हो गई जब बीजेपी की एक महिला प्रत्याशी भीड़ से एक मस्जिद की ओर उसे निशाना का इशारा करती है और उसके खिलाफ न पुलिस कार्रवाई होती है और न ही चुनाव आयोग संज्ञान लेता है. वे कौन लोग हैं जो ऐसे लोगों में इस तरह का साहस भरते हैं ? उन्हें किनका संरक्षण मिल रहा है जो चर्च पर हमलाकर तोड़-फोड़ मचाते हैं, फिर भी कानून के शिकंजे में नहीं आ पाते ?

किसी मामूली आपराधिक मामले में कोई मुसलमान कानून की गिरफ्त में आ जाए तो तुरंत आतंकवादी करार दे दिया जाता है. उसके तारा न जाने कहां से कहां मिला दिए जाते हैं, पर लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती, जो एक खास रंग का वस्त्र अपने शरीर पर डाले रहते हैं. इसे क्या माना जाए ? चिंताजनक बात यह है कि ऐसे ही लोग दूसरे प्रदेश में अपने लोगों की प्रताड़ना की शिकायत करते घूमते हैं.

सोशल मीडिया पर इस समय ऐसे कई वीडियो और फोटो मौजूद हैं, जो शांतिप्रिय लोगों को विचलित कर रहे हैं. इससे भी चिंताजनक बात यह है कि एक खास वर्ग के हिमायती ऐसी घटनाओं की निंदा करने की बजाए ‘अरे वाह’ कह कर तारीफ कर रहे हैं. क्या ऐसे लोग देश और अपने समुदाय के हितैशी हो सकते हैं ?

केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीसन ने गुरुवार को राज्य के मंचेरियल जिले में केरल एक स्कूल में बर्बरता की घटना के संबंध में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से बात की है.सिरो मालाबार चर्च के एर्नाकुलम-अंगामाली आर्चडियोज की सुरक्षा परिषद ने बुधवार को एक बयान जारी कर हैदराबाद से लगभग 280 किलोमीटर दूर कन्नेपल्ली गांव में स्थित मदर टेरेसा हाई स्कूल में तोड़फोड़ की घटना की निंदा की है.

एक बयान में, सतीसन ने कहा कि रेड्डी ने उन्हें बताया कि पुलिस को 16 अप्रैल को हुइ घटना में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश पहले ही दे चुके हंै.सतीसन ने कहा कि हिंदू दक्षिणपंथी हमलावरों के एक गिरोह ने मदर टेरेसा स्कूल को निशाना बनाया.भगवा कपड़े पहने और जय श्री राम के नारे लगाते हुए, स्कूल के गेट के सामने रखी मदर टेरेसा की मूर्ति और स्कूल की खिड़कियां पर पथराव कर तोड़फोड़ किया गया, जिसका वीडियो वायरल हो रहा है.

मीडिया और सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हिंसा के फुटेज का जिक्र करते हुए सतीसन ने कहा कि उन्होंने इस मामले पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री से बात की है.मंचेरियल जिला पुलिस ने बुधवार को कहा कि उन्होंने  मामला दर्ज किया है. आरोप है कि उन्होंने संस्थान में कुछ छात्रों द्वारा स्कूल की वर्दी के बजाय भगवा कपड़े पहनकर आने पर आपत्ति जताई थी.

दांडेपल्ली पुलिस के अनुसार, छात्रों के माता-पिता की शिकायत के आधार पर, धारा 153 (ए) (धर्म या नस्ल के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 295 (ए) (धार्मिक भावनाओं का अपमान करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

ब्लेस्ड मदर टेरेसा हाई स्कूल के प्रबंधन ने बुधवार को पीटीआई को बताया कि दो दिन पहले, प्रिंसिपल ने छात्रों से अपने माता-पिता को उनके पास लाने के लिए कहा, जब उन्होंने देखा कि उन्होंने स्कूल की वर्दी के बजाय भगवा पोशाक पहन रखी है.बाद में, लोगों के एक समूह ने स्कूल प्रबंधन से माफी मांगी और कुछ गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को स्कूल में तोड़फोड़ की.खिड़कियां तोड़ दीं.

इसके साथ ही सोशल मीडिया पर पश्चिम बंगाल के सूरी, बीरभूम का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें बुलडोजर, तलवार ,बंदूक के माध्यम से रामनवमी के जुलूस में शक्ति प्रदर्शन करते लोगों को देखा जा सकता है.यही नहीं पत्रकार एवं एक्टिविस्ट वसीम अकरम त्यागी ने सोशल मीडिया पर हैदराबाद का वीडियो शेयर करते हुए लिखा-ये माधवी लता हैं. बीजेपी की उम्मीदवार हैं. रामनवमी के जुलूस के दौरान रास्ते में मस्जिद दिखी तो माधवी का धर्म जाग गया. उन्होंने कमान खींचने की शैली में मस्जिद की ओर इशारा किया और फिर उसकी हंसी ने उसकी मानसिकता का भी परिचय दिया.’’

इस बीच फैक्टर चेकर मोहम्मद जुबैर ने केरल की घटना का वीडियो और तस्वीर शेयर करते हुए लिखा-भगवा रंग की शर्ट और शॉल पहने एक भीड़ मंचेरियल जिले के एक गांव कन्नेपल्ली में सेंट मदर टेरेसा इंग्लिश मीडियम स्कूल के परिसर में घुस गई और स्कूल में तोड़फोड़ की और पादरी पर हमला किया.

धार्मिक नारे लगाती भीड़ ने स्कूल के मुख्य द्वार पर स्थापित सेंट मदर टेरेसा की मूर्ति पर पथराव किया और सुरक्षा कार्यालय को नष्ट कर दिया. स्कूल की पहली और दूसरी मंजिल में प्रवेश किया और खिड़की के शीशे और कार्यालय कक्ष तोड़ डाले.’’

आम शिकायत यह है कि ऐसी घटना के प्रति पुलिस-प्रशासन की ओर से जैसी गंभीरता दिखाई जानी चाहिए थी, नहीं दिखाई जा रही है.इसके उलट विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने रामनवमी पर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा की कठोर निंदा करते हुए एनआईए से जांच कराने की मांग की है. कहा गया कि हिंसा के खिलाफ विहिप राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन कर अपना ज्ञापन भी राज्य के राज्यपाल को सौंपेगा.

विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने आरोप लगाया है कि यह हमला टीएमसी के संरक्षण में वहां के जिहादियों ने किया, जिसमें दर्जनों हिंदू घायल हुए और दसियों लोग अभी तक गंभीर रूप से घायल होकर अस्पताल में पड़े हैं. हिंदू समाज की सुरक्षित और स्वाभिमान पूर्ण जीवन जीने को सुनिश्चित करने के लिए विहिप ने घटना के विरुद्ध राज्यव्यापी प्रदर्शन कर राज्यपाल को ज्ञापन देने का भी फैसला किया है.

डॉ. जैन ने कहा कि मुर्शिदाबाद में रामनवमी के पावन अवसर पर निकल रही शोभायात्रा पर जिहादियों का प्राण घातक हमला एक आतंकवादी घटना से कम नहीं है. घरों की छतों से पत्थर फेंके गए, शोभा यात्रा में शामिल हिंदुओं पर बम फेंके गए, तलवारों से हमला किया गया और घेर कर जान से मारने की कोशिश की गई. यह सब एक दिन की तैयारी से नहीं हो सकता था. हफ्तों से तैयारी चल रही होगी, जिसकी जानकारी टीएमसी और सरकार को ना हो, यह संभव नहीं है.

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपनी प्रत्येक सभा में शांति की अपील कर रही थी और रामनवमी पर दंगे की आशंका व्यक्त कर रही थी.वास्तव में वे इसकी आड़ में मुस्लिम समाज को भड़का रही थी. यात्राओं पर हमला करवाने के लिए यही काम उन्होंने पिछले वर्ष भी किया था, जब शांति की अपील करने के बाद भी 15 से अधिक यात्रियों पर हमले हुए थे.

विहिप नेता ने आगे कहा कि ऐसा लग रहा है कि बंगाल में हिंदू अपनी मां-माटी-मानुष तीनों को सुरक्षित नहीं रख सकता है. उसे अपनी यात्राओं के लिए उच्च न्यायालय की अनुमति लेनी पड़ती है.जिन स्थानों पर सरकार ने अनुमति दी भी उनमें से कई जगह वापस ले लिया गया. विश्व हिंदू परिषद हर संभव लोकतांत्रिक तरीके से उनका मुकाबला करेगा. वे उच्च न्यायालय जाकर इस आतंकी हमले की जांच एनआईए से करवाने की मांग करेंगे. इसमें प्रशासन की भी मिलीभगत है और वह अपने ही कारनामों की जांच नहीं कर सकता है.

उन्होंने आगे बताया कि विहिप प्रत्येक जिले में इस हिंसा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर ज्ञापन देगा और राज्यपाल सहित सभी संवैधानिक अधिकारियों को इन सारे विषयों पर अवगत कराते हुए हिंदू समाज की सुरक्षित और स्वाभिमान पूर्ण जीवन जीने को सुनिश्चित करने के उपायों पर चर्चा करेंगे.

हालांकि, विहिप ने अब तक हैदराबाद में बीजेपी उम्मीदवार की हरकत और केरल के ईसाई स्कूल में तोड़ फोड़ की घटना के प्रति निंदा में एक शब्द भी नहीं कहा है. याद रहे देश की शांति का कोई एक समुदाय हकदार नहीं, इस देश का हर नागरिक हकदार है. इसलिए ज्यादती किसी की भी हो, निंदा करने में किसी को हिचकना नहीं चाहिए. ऐसी ही उम्मीद सुरक्षा एजेंसियों से भी की जा सकती है.