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संभल में हालात बिगड़ते हुए: दंगे, पलायन और प्रशासन की सख्ती पर उठते सवाल

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

उत्तर प्रदेश के संभल में बीते कुछ दिनों से हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं. सोशल मीडिया पर हिंसा, गिरफ्तारी और जबरन पलायन की खबरें वायरल हो रही हैं, जिससे क्षेत्र की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं.

संभल में हिंसा और दंगे: क्या है मामला?

संभल में कुछ दिन पहले संगठित तरीके से दंगा भड़काया गया, जिसमें पांच मुसलमानों की मौत हुई और कईयों पर मुकदमे दर्ज किए गए. हिंसा के बाद प्रशासन ने मुस्लिम आरोपियों के पोस्टर जारी कर उनकी पहचान सार्वजनिक की.

इसके बाद, अचानक एक मंदिर का कपाट खोलने की घोषणा की गई, यह दावा करते हुए कि हिंदू समुदाय को पलायन के लिए मजबूर किया गया था. जबकि स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मुसलमानों को नियंत्रित करने की रणनीति का हिस्सा है, क्योंकि इस क्षेत्र में मुस्लिम आबादी बहुसंख्यक है.

हजारों मुस्लिम परिवारों को पलायन के लिए मजबूर करने का आरोप

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लगभग 1,000 मुस्लिम परिवारों को संभल छोड़ने पर मजबूर कर दिया गया है. The Wire और Maktoob Hindi की रिपोर्ट के अनुसार, प्रशासन मंदिर के पास रहने वाले मुस्लिम परिवारों पर घर खाली करने का दबाव बना रहा है, और विरोध करने पर गिरफ्तारियां की जा रही हैं.

ओवैसी का बयान: “संभल के मुसलमानों को सामूहिक सजा दी जा रही है”

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि,

“संभल में इतना डर और ज़ुल्म का माहौल बना दिया गया है कि लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं। सरकार को मुसलमानों को निशाना बनाना और सामूहिक सजा देना बंद करना होगा। मोदी और भाजपा ने झूठी अफवाह फैलाई थी कि हिंदुओं का पलायन हो रहा है, लेकिन हर बार वह गलत साबित हुआ। अब जब खुद प्रशासन मान रहा है कि मुसलमानों को पलायन के लिए मजबूर किया जा रहा है, तो सरकार चुप क्यों है?”

प्रशासन की कार्रवाई और अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती

संभल प्रशासन ने शाही जामा मस्जिद और शहर के अन्य इलाकों में “पत्थरबाजों” के पोस्टर लगाए हैं, ताकि उनकी पहचान की जा सके। इसके अलावा, एएसपी श्रीश चंद्र की निगरानी में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि कानून व्यवस्था बनी रहे.

क्या इससे भारत की छवि पर असर पड़ेगा?

संभल में बिगड़ते हालात केवल स्थानीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इस तरह की घटनाओं से देश विरोधी ताकतों को भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने का मौका मिल जाता है.

सरकार और प्रशासन को चाहिए कि संभल के हालात जल्द से जल्द काबू में लाए जाएं, ताकि सामाजिक सौहार्द बना रहे और देश हित प्रभावित न हो.