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सोनीपत: सांदल गांव में नमाजियों और औरतों पर हमला, जमीअत के प्रतिनिधिमंडल ने नमाज़ियों से की मुलाकात

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, सोनीपत (हरियाणा )

सोनीपत के सांदल गांव में 9 अप्रैल को मस्जिद में नमाज पढ़ते लोगो पर हमला करने और महिलाओं के साथ मारपीट कर गंभीर रूप से घायल होने वाले पीड़ित लोगो से मिलने मंगलवार कोजमीअत उलमा-ए-हिंद की नॉर्थ जॉन के चार राज्यों हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के महासचिव मौलाना याहया करीमी की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल गांव सांदल कला पहुंचा. इस मौके पर उन्होंने घायलों का हालचाल जाना और घटना की तफसील से जानकारी हासिल की.
मौलाना याहया करीमी ने बताया की
जमियत के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी के निर्देश पर प्रतिनिधिमंडल ने पहुंचा है. उन्होंने बताया की सोनीपत के सांदल कलां गांव में नमाजियों पर हुए हमले की समीक्षा करने और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए पहुंचा.मौलाना याहया करीमी का कहना हे की देश बटवारे के समय काफी संख्या में सांदल कलां गांव से लोग पाकिस्तान चले गए थे. फिलहाल गांव के केवल 15 घर हैं. कुछ अराजक तत्वों ने ठीक तरावीह की नमाज के दौरान जब लोग सजदे में थे, लाठी, डंडे और धारदार हथियारों से हमला कर दिया. इस हमले में 10 से 12 नमाज़ी गंभीर रूप से घायल हो गए. घायलों में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हैं. पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार तो कर लिया है, लेकिन बहुसंख्यक वर्ग के इस गांव के मुसलमान डरे-सहमे हुए हैं.
उन्होंने बताया की हमलावरों ने 84 साल के आदमी और महिलाओं तक को नहीं बख्शा. सोनीपत के सिविल अस्पताल में इलाज करा रहे 84 वर्षीय अल्लाह मेहर बताया की हमलावर उनके पड़ोसी हैं. हमारे सामने बड़े हुए. हमारे बच्चों की तरह थे. आज उन्होंने नमाज पढ़ते लोगों पर जो हमला किया है उसे भुलाया नही जा सकता. हमला करने वाले बहुत से लोगों के दादा-परदादा की उम्र का हूं. उसने कभी नहीं सोचा था कि मेरे साथ मेरी मातृभूमि पर ऐसा होगा. आज मेरा हाथ तोड़ दिया गया लेकिन उससे ज्यादा कि मेरा दिल घायल है.

जमीअत प्रतिनिधिमंडल ने उनका हौसला बढ़ाया और आशा व्यक्त की कि हमलावरों को कठोर सजा मिलेगी.उसके बाद जमीअत के प्रतिनिधिमंडल ने पीजीआई खानपुर कलां का दौरा किया. जहां गंभीर रूप से घायलों का इलाज चल रहा है. वहां प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात इश्तियाक अली, साबिर अली, जुलेखा पत्नी इश्तियाक, नरगिस, जरीना पत्नी साबिर अली, अली ताब से हुई। यह सभी अराजकता फैलाने वालों के हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. इश्तियाक अली 63 वर्ष के हैं. एक दिहाड़ी मजदूर हैं. उन्होंने बताया कि न केवल मस्जिद और नमाजियों पर हमला किया गया, कुरान को भी फाड़ दिया. उसके बाद हमारे घरों पर हमला किया. महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के साथ मार-पीट की.
हम बहुत असहाय हैं. भले ही आरोपियों को जेल के अंदर बंद कर दिया गया है, लेकिन इस गांव में हमारा भविष्य अब क्या है ? जहां हम छोटी सी मस्जिद में पांच वक्त की नमाज पढ़ते थे.
मौलाना यह्या करीमी ने आश्वासन दिया कि इस घटना की पूरी रिपोर्ट जमीअत उलमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी को सौंपी जाएगी. आवश्यकता पड़ने पर मुख्यमंत्री से भी बात की जाएगी. उन्होंने प्रशासन से कानून व्यवस्था बहाल रखने और प्रभावित परिवारों को मुआवजा देने की मांग की. इसके साथ ही यह भी मांग की कि हमलावरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए. समझौते एवं उदारता का कोई अनावश्यक सुझाव न रखा जाए.

जमीअत का प्रतिनिधिमंडल नेतृत्व मौलाना याह्या करीमी ने किया. इसके अलावा जमीअत उलमा-ए-हिंद के कार्यालय से मौलाना अज़ीमुल्ला सिद्दीकी क़ासमी, जमीअत उलमा पानीपत के अध्यक्ष हाजी इकराम, मौलाना नाज़िर करीमी, मौलाना साजिद क़ासमी और स्थानीय धार्मिक विद्वान मौलाना क़ारी ज़ाहिद हुसैन शामिल थे.