क्वेटा रेलवे स्टेशन पर आत्मघाती हमला: मरने वालों की संख्या 26 हुई, 60 घायल
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ज़ैनुद्दीन अहमद, क्वेटा
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा में शनिवार सुबह एक दर्दनाक आत्मघाती हमला हुआ जिसमें मरने वालों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है, जबकि 60 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. हमले में मारे गए लोगों में सेना के 10 जवान भी शामिल हैं. अधिकतर घायलों में सुरक्षाकर्मी बताए जा रहे हैं.
हमले का स्थान और घटना की जानकारी
यह भयावह घटना क्वेटा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर हुई, जहां बड़ी संख्या में यात्री अपने गंतव्यों की ओर जाने वाली ट्रेनों के इंतजार में खड़े थे. बताया गया कि यह हमला उस समय हुआ जब वहां रावलपिंडी और पेशावर जाने वाली जफर एक्सप्रेस के यात्री प्लेटफार्म पर इकट्ठे थे.
रेलवे कंट्रोलर मुहम्मद काशिफ के अनुसार, विस्फोट प्लेटफार्म नंबर एक के गेट नंबर दो के सामने हुआ, जहां जफर एक्सप्रेस के यात्री अपनी ट्रेन के रवाना होने का इंतजार कर रहे थे.
धमाके के पीछे बलूच लिबरेशन आर्मी की जिम्मेदारी
हमले के कुछ घंटों बाद, प्रतिबंधित संगठन बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने इसकी जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि यह हमला उनके आत्मघाती दस्ते मजीद ब्रिगेड ने अंजाम दिया था. इस आतंकी संगठन ने बयान में कहा कि उसने इस हमले को बलूचिस्तान में सेना की बढ़ती गतिविधियों का प्रतिशोध बताया है.
आत्मघाती हमला: सुरक्षाकर्मी और यात्री बने निशाना
क्वेटा के डिप्टी कमिश्नर लेफ्टिनेंट रिटायर्ड साद बिन असद ने पुष्टि की कि यह आत्मघाती हमला था, जिसमें विशेष रूप से सुरक्षाबलों और यात्रियों को निशाना बनाया गया.
उन्होंने बताया कि सेना के जवान क्वेटा में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा करने के बाद अपने-अपने गंतव्यों की ओर लौट रहे थे. इसी बीच, एक आत्मघाती हमलावर भीड़ का हिस्सा बनकर उनके पास पहुंचा. खुद को उड़ा लिया. विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि प्लेटफार्म की लोहे की छत उड़ गई और रेलवे स्टेशन की इमारत को भी आंशिक क्षति पहुंची.
प्रत्यक्षदर्शियों का दर्दनाक अनुभव
विस्फोट के बाद रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मच गई. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, चारों ओर चीख-पुकार सुनाई देने लगी. लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे. घायलों के कराहने की आवाजें वातावरण में गूंज रही थीं. विस्फोट स्थल पर हर तरफ खून बिखरा हुआ था.
कई जगहों पर इंसानी अंग बिखरे पड़े थे.रेलवे कंट्रोलर मुहम्मद काशिफ ने बताया कि “विस्फोट के तुरंत बाद मैं घटनास्थल पर पहुंचा, वहां का दृश्य बहुत भयानक था. चारों तरफ तबाही का माहौल था, यहां तक कि लोगों के कपड़े तक जल चुके थे.”
धमाके में अपने भाई अयाज मसीह को खोने वाले सोना मसीह ने बताया कि उनके भाई सुबह सात बजे घर से काम पर निकले थे. उन्होंने कहा, “जब मैंने धमाके की आवाज सुनी तो मैं तुरंत स्टेशन पर पहुंचा. हर तरफ घायल और मृत लोगों के शव बिखरे पड़े थे. मेरा भाई भी उनमें से एक था.”
पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई
क्वेटा पुलिस के एसएसपी ऑपरेशंस मुहम्मद बलूच ने कहा कि हमले के वक्त स्टेशन पर 100 से अधिक लोग मौजूद थे, जिस कारण अधिक हताहत हुए.शुरुआती जांच में यह खुलासा हुआ है कि आत्मघाती हमलावर ने खुद को यात्री के रूप में प्रच्छन्न कर लिया था. स्टेशन में असुरक्षित रास्ते से प्रवेश किया था. उन्होंने बताया कि पुलिस ने घटनास्थल से सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्य एकत्र किए हैं .
मामले की गहन जांच शुरू कर दी है. सीटीडी के एक अधिकारी के अनुसार, आत्मघाती हमले में छह से सात किलोग्राम विस्फोटक और बॉल बेयरिंग का इस्तेमाल किया गया था. हमलावर के अंगों को पहचान के लिए एनएडीआरए को भेजा जाएगा और सभी फोरेंसिक साक्ष्य लाहौर भेजे जाएंगे.
रेल पुलिस डीएसपी शाहिद शाहनवाज ने बताया कि स्टेशन पर 18 रेल पुलिस अधिकारी तैनात थे. मुख्य द्वार पर वॉक-थ्रू गेट भी लगा हुआ था. हालांकि, रेलवे स्टेशन में प्रवेश के कई रास्ते हैं, जो सुरक्षा में बड़ी चुनौती पेश करते हैं.
राजनीतिक नेताओं और अधिकारियों की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने क्वेटा रेलवे स्टेशन पर हुए आत्मघाती हमले की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि निर्दोष नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने वाले आतंकियों को इस जघन्य अपराध की भारी कीमत चुकानी होगी.
सरकारी समाचार एजेंसी एपीपी के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद के इस राक्षस को खत्म करने के लिए सरकार और सुरक्षा बल पूरी तरह सक्रिय हैं और किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जाएगी..
बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री मीर सरफराज बुगती ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे मानवता के खिलाफ बताया.. उन्होंने कहा, “निर्दोष लोगों को निशाना बनाने वाले आतंकवादी न केवल घृणास्पद हैं, बल्कि बेहद कायर भी हैं.”
उन्होंने बलूचिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ चल रहे अभियानों का हवाला देते हुए कहा कि प्रांत में कई आतंकियों को पकड़ा जा चुका है और कार्रवाई जारी रहेगी..
बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने बताया कि रेलवे स्टेशन की सुरक्षा की जिम्मेदारी रेलवे पुलिस की है. प्रांत की विशिष्ट परिस्थितियों के कारण ऐसे सामान्य खतरे हमेशा बने रहते हैं. हालांकि, किसी विशेष चेतावनी के बिना इस तरह का हमला काफी चिंताजनक है. सुरक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे..
घटना से संबंधित सुरक्षा चिंताएं
आत्मघाती हमले के बाद रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा प्रबंधों पर भी सवाल खड़े हो गए हैं. रेलवे स्टेशन पर प्रवेश के कई असुरक्षित रास्ते हैं, जो आतंकियों के लिए सुरक्षा व्यवस्था को चकमा देने का एक साधन बन सकते हैं. इस घटना के बाद रेलवे पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा करने की आवश्यकता पर जोर दिया है..
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में बढ़ता बलिदान
क्वेटा में हुए इस आत्मघाती हमले ने बलूचिस्तान में लंबे समय से चले आ रहे सुरक्षा संकट को एक बार फिर उजागर कर दिया है.. आतंकियों द्वारा सुरक्षाबलों और आम जनता को निशाना बनाना कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस हमले ने पूरे पाकिस्तान को हिला कर रख दिया है.
सरकार और सुरक्षाबलों ने बलूचिस्तान में आतंकवाद को समाप्त करने के लिए कई अभियानों को अंजाम दिया है. कई आतंकियों को गिरफ्तार किया है. लेकिन इस तरह की घटनाएं बताती हैं कि अभी भी कई चुनौतियां बाकी हैं. इस दुखद घटना ने एक बार फिर इस बात को रेखांकित किया है कि आतंकवाद को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को मिलकर और अधिक सख्त कदम उठाने की जरूरत है.