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ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में दुकानें बंद करने के नोटिस पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को प्रतिष्ठित ताजमहल के पास व्यावसायिक गतिविधियों के पर्यावरणीय प्रभाव पर कोई सर्वेक्षण नहीं करने के लिए आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) की खिंचाई की और इसे माफ की स्थिति करार दिया.शीर्ष अदालत ने कहा कि उसे सुपर एडमिनिस्ट्रेटर की तरह काम करना होगा, क्योंकि एडीए अपना कर्तव्य निभाने में विफल रहा है. सदियों पुराने स्मारक की चारदीवारी के साथ सभी व्यावसायिक गतिविधियों को बंद करने के लिए दिए गए नोटिस के संचालन पर रोक लगा दी है.

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति अभय एस ओका की पीठ ने राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (एनईईआरआई) को विशेष रूप से ताज गंज क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियों के नवीनतम सर्वेक्षण के आधार पर पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) करने को कहा. प्रतिष्ठित स्मारक की चारदीवारी को लेकर जल्द से जल्द अदालत को सुझाव देते हुए एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए गए.

शीर्ष अदालत ने उल्लेख किया कि व्यवसायों को हटाने का उसका 26 सितंबर का आदेश 71 ​​दुकानों के मामले में पहले पारित इसी तरह के आदेश के अनुरूप लाने के लिए पारित किया गया था, जिन्हें स्मारक की 500 मीटर की परिधि के बाहर पुनर्वास करने का निर्देश दिया गया था.इसने नीरी को सर्वेक्षण या ईआईए आयोजित करने में किसी भी कठिनाई का सामना करने की स्थिति में अदालत का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता दी.

पीठ ने उत्तर प्रदेश के वकील से कहा, ऐसा लगता है कि आपके अधिकार ने अपना काम नहीं किया और अब हमें सुपर प्रशासक बनना है. हम खुद नहीं जानते कि वहां किस तरह की गतिविधियां चल रही हैं. हम उन 71 दुकानदारों से चिंतित हैं.”सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार को 1998 में अदालत द्वारा ताजमहल के आसपास की व्यावसायिक गतिविधियों का पर्यावरणीय प्रभाव आकलन करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन आज तक कुछ भी नहीं किया गया.

शीर्ष अदालत निवास और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के मालिकों के एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी, विशेष रूप से ताज गंज क्षेत्र में, जिन्हें अदालत के 26 सितंबर के आदेश के अनुसार, एडीए द्वारा बंद करने का नोटिस दिया गया था.दुकान मालिकों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि वे दशकों से अपना कारोबार कर रहे हैं और इलाके में उनके आवास हैं और अब एडीए ने उन्हें बंद करने का नोटिस दिया है.

उन्होंने कहा, पहले अतिक्रमणकारियों के लिए 71 दुकानों का आदेश पारित किया गया था, लेकिन उन्हांेने कहा कि हम अतिक्रमण करने वाले नहीं हैं. हम वहां लंबे समय से हैं. एडीए ने नोटिस तामील करते हुए कहा है कि कोर्ट ने बंद करने का आदेश दिया है. हमें कहां जाना चाहिए? कोई वैज्ञानिक अध्ययन नहीं किया गया था जो कहता हो कि इन गतिविधियों के कारण स्मारक को कोई खतरा है.

रोहतगी ने कहा कि ये 2,000 प्रतिष्ठान पिछले 40 वर्षों से किसी भी तरह के मुकदमे में नहीं हैं और कभी भी किसी भी व्यावसायिक गतिविधि में शामिल नहीं हुए हैं जो प्रतिबंधित हैं.न्याय मित्र एडीएन राव ने कहा कि ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में व्यावसायिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश 1996 से अस्तित्व में है. इसे बार-बार दोहराया गया है.

71 दुकान मालिकों की ओर से पेश अधिवक्ता एम सी ढींगरा ने कहा कि शीर्ष अदालत के पहले के आदेशों का घोर उल्लंघन होगा, क्योंकि स्मारक के पश्चिमी द्वार के पास व्यावसायिक गतिविधियां चल रही हैं जो कि अवैध हैं.

रोहतगी ने कहा कि आदेश अतिक्रमणकारियों के लिए पारित किया गया था न कि निवासियों के लिए.पीठ ने नीरी को निर्देश के साथ 2,000 निवासियों के आवेदन का निपटारा किया.पीठ ने केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय को अमरुद का टीला क्षेत्र में 71 दुकानों के पुनर्निर्माण के लिए हुडको द्वारा प्रस्तुत 2007 की योजना पर फिर से विचार करने के लिए भी कहा.

ताजमहल की रक्षा के लिए 1984 में पर्यावरणविद् एमसी मेहता द्वारा पहली बार जनहित याचिका पर विचार करने के बाद शीर्ष अदालत क्षेत्र में विकास की निगरानी कर रही है, जिसे यूनेस्को की विश्व धरोहर घोषित किया गया है. इसे मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी पत्नी की याद में बनवाया था.इसने यमुना एक्सप्रेसवे से वृंदावन में पगला बाबा मंदिर तक चार लेन की सड़क के निर्माण के लिए 1,032 पेड़ों की कटाई की भी अनुमति दी.

पीठ ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को छह महीने के भीतर 10,320 पौधे लगाकर अनिवार्य वनीकरण पूरा करने को कहा और राव को वनरोपण स्थल का दौरा करने के बाद रिपोर्ट जमा करने को कहा.