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टी 20 वर्ल्ड कप: मोईन अली का भरोसा फाइनल में इंग्लैड के काम आया, पाकिस्तान को शिकस्त देकर बना चैंपियन

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,मेलबर्न

आखिरकार लंबे इंतजार के बाद इंग्लैंड की झोली में टी 20 वर्ल्ड कप की ट्रॉफी आ ही गई. इसने फाइनल में पाकिस्तान को पांच विकेट से पछाड़ दिया. हालांकि इस जीत का सेहरा आलराउंडर बेन स्टोक्स के नाबाद 52 रनों को दिया जा रहा है. मगर यह भी यह हकीकत है कि पाकिस्तान के कस्ते शिंकेज के बीच यदि मोईन अली साहस नहीं दिखाते तो इंग्लैंड का चैंपियन बनना मुश्किल था.

मोईन अली ने भले ही 19 रन बनाए, पर वह थे बड़ी कीमती. इसका इंग्लैंड की टीम ने भी सम्मान किया और टीम में दाढ़ी वाले नमाजी प्लेयर का ख्याल रखते हुए मैदान में शैंपियन की बोतल नहीं खोली.अपने इस महत्वपूर्ण प्रदर्शन पर इंग्लिश क्रिकेटर मोईन अली का कहना है कि वह अच्छा खेलकर पाकिस्तान आए और उनमें आत्मविश्वास था.

मेलबर्न में मीडिया से बात करते हुए इंग्लिश क्रिकेटर मोईन अली ने कहा कि उन्होंने हाल ही में पाकिस्तान के साथ काफी क्रिकेट खेली, जिससे उन्हें प्रतिद्वंद्वी का अंदाजा हो गया.मोईन अली ने कहा कि जब आप किसी प्रतिद्वंद्वी के साथ काफी खेलते हैं तो आपको पता होता है कि कैसे मुकाबला करना है.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और भारत एक-दूसरे के खिलाफ ज्यादा नहीं खेलते हैं, इसलिए दोनों खुद को ज्यादा चुनौती महसूस करते हैं.इंग्लिश क्रिकेटर ने कहा कि पाकिस्तान ने बहुत अच्छी गेंदबाजी की थी. शाहीन के चोटिल होने पर उम्मीद की जा रही थी कि एक बड़ा ओवर लिया जाएगा.

मोईन अली ने कहा कि उन्होंने सोचा था कि पाकिस्तान को 160 रन से ज्यादा का स्कोर नहीं करने देना है, लेकिन हमारे गेंदबाजों ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया.उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की गेंदबाजी और विकेट को देखकर उम्मीद थी कि हमें चुनौती मिलेगी.

वैसे, आलराउंडर बेन स्टोक्स ने नाबाद 52 रनों की जबरदस्त पारी खेलकर रविवार को यहां मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में फाइनल में पाकिस्तान पर पांच विकेट से जीत के साथ टी20 विश्व कप खिताब के लिए इंग्लैंड को दूसरी बार चौंपियन बनाया. कोलकाता में 2016 के फाइनल में स्टोक्स का दिल टूट गया था जब कार्लोस ब्रैथवेट ने उन्हें अंतिम ओवर में लगातार चार छक्के मारे थे, उस घटना के छह साल बाद स्टोक्स ने आखिरकार एक बड़े मैच में मिले अवसर पर उठकर और इंग्लैंड को दूसरी टी20 विश्व कप ट्रॉफी दिलाने के लिए खुद को तैयार किया था.

इस जीत के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक ही समय में दो विश्व कप ट्राफियां हासिल करने वाली इंग्लैंड दुनिया की पहली टीम बनी है. स्टोक्स ने घर पर 2019 वनडे विश्व कप फाइनल जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

138 रनों का पीछा करते हुए, इंग्लैंड ने शुरूआती ओवर में एलेक्स हेल्स (1) को खो दिया, क्योंकि शाहीन शाह आफरीदी ने हेल्स का मिडिल स्टंप उखाड़ दिया. उन्होंने और नसीम शाह ने कुछ स्विंग कराने की कोशिश की, लेकिन जोस बटलर ने फुलर गेंदों पर तीन चौके लगाए, जिससे इंग्लैंड का स्कोरबोर्ड तेजी से चलने लगा.

फिल साल्ट एक एलबीडब्ल्यू से बच गए और हारिस रउफ को चौका लगाया, लेकिन गेंद को समझने में थोड़ा संघर्ष किया. दो गेंदों के बाद, रउफ ने सॉल्ट (10) को चलता किया.

नसीम ने इसके बाद पांचवें ओवर में बटलर के सामने पांच वाइड दीं और दाएं हाथ के बल्लेबाज ने फाइन लेग पर छक्का लगाया. लेकिन छठे ओवर में, रउफ ने कप्तान बटलर (26) को रिजवान के हाथों कैच आउट कराकर अपना दूसरा विकेट हासिल किया.

स्टोक्स और हैरी ब्रूक ने चौथे विकेट के लिए 39 रनों की साझेदारी के साथ इंग्लैंड को लक्ष्य के करीब लेने जाने की कोशिश की. दोनों ने बीच-बीच में बाउंड्री मारते हुए रन के अंतर को कम करने की कोशिश की. ब्रूक ने रउफ की गेंद पर मिड-आन पर फ्लिक किया, जबकि स्टोक्स ने शादाब की गेंद पर रिवर्स स्वीप किया.

लेकिन ब्रुक (20) ने टाइमिंग के लिए बुरी तरह संघर्ष किया और 13वें ओवर में शादाब की गेंद पर लॉन्ग आफ पर आउट हो गए. अगले ओवर में, स्टोक्स रन आउट होने से बच गए, जब मिड-आन का सीधा हिट स्टंप्स से चूक गया.

जब शाहीन घुटने की समस्या के कारण सिर्फ एक गेंद फेंक कर मैदान से बाहर हो गए, तो स्टोक्स ने कवर पर चौका मारकर इसका फायदा उठाया और पार्ट-टाइम स्पिनर इफ्तिखार अहमद की गेंद पर लॉन्ग आफ पर छक्का लगाया.

मोईन अली ने 17वें ओवर की पहली दो गेंदों पर वसीम जूनियर पर लगाकर चौके लगाए. इसके बाद अली ने कीपर के सिर के ऊपर से चौका मारकर ओवर का अंत किया.

हालांकि, मोईन (19) 19वें ओवर में वसीम जूनियर की शानदार यॉर्कर पर क्लीन बोल्ड हो गए. लेकिन स्टोक्स ने डीप कवर के बाद फुल टॉस पर नियंत्रित ड्राइव के साथ 47 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया. स्टोक्स ने विनिंग शॉट लगाकर इंग्लैंड को दूसरी बार टी20 का चौंपियन बनाया.

इंग्लैंड ने इस जीत के साथ ही 1992 में पाकिस्तान से मेलबर्न में वनडे विश्व कप के फाइनल में मिली 22 रन की हार का बदला भी चुका लिया.