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सऊदी अरब में तब्लीग पर प्रतिबंध, इस्लामिक देश हैरान

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, दुबई

हर दम सऊदी अरब की तरफ देखने वाले मुसलमानों को यह खबर झटका दे सकती है. सऊदी अरब में तब्लीगी जमात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है. सऊदी इस्लामिक मामलों के मंत्रालय ने कहा कि यह काम भारत और पाकिस्तान से शुरू हुआ. अब हर देश में फैल गया है. सऊदी अरब ने तब्लीग जमात को आतंकवाद के दरवाजे की संज्ञा दी है.

सऊदी अरब के अनुसार, तब्लीगी इस्लाम की गलत व्याख्या करते हैं. यह एक नवाचार है जो विभाजन पैदा कर रहा है. इसकी अनुमति यहां नहीं दी जा सकती.

सऊदी अरब के इस्लामी मामलों के मंत्री, डॉ अब्दुल लतीफ अल-शेख ने कहा कि मस्जिद और मस्जिद के इमामों जो अस्थायी रूप से जुमे की नमाज की व्यवस्था करते हैं, उन्हें शुक्रवार के खुतबे यानी उपदेश में तब्लीगी और दावा समूह के खिलाफ चेतावनी देनी चाहिए.उपदेश में निम्नलिखित विषय शामिल करना जरूरी है. एक यही कि यह आतंकवाद के द्वारों में से एक है, भले ही तब्लीग को लेकर तरह-तरह की दलील दी जाए. दूसरा, उनकी उल्लेखनीय गलतियों का जिक्र खुतबे में किया जाए.तीसरा, समाज के लिए उनके खतरे से अगाह किया जाए.चैथा और आखिरी, देश में चरमपंथी समूहों (तब्लीगी और दावा समूह) के साथ पर प्रतिबंध लगा दिया गया,यह बताया जाए.

शुक्रवार, 6 दिसंबर को मक्का की मस्जिदों में दिए गए शुक्रवार के इस तरह के उपदेश का ऑडियो सोशल मीडिया पर जब वायरल हुआ तो सब हैरान रह गए. इसमें तब्लीग पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी.यह खबर जब पहली बार सामने आई पर इस्लामिक राष्ट्र यकीन नहीं कर पाए कि सऊदी सरकार इतना कठोर और उत्तेजक कदम उठा सकती है.धार्मिक हलकों में इसपर कड़ी प्रतिक्रिया है.

कोई नई बात नहीं?

एक गुट का कहना है कि 43 साल पहले सऊदी अरब में किसी भी तरह के तब्लीग पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. संविधान के अनुसार, हर शुक्रवार के उपदेश को धर्मोपदेश की उपाधि दी जाती है, इसलिए यह कोई नई बात नहीं है. अलग बात है कि तब तब्लीग का काम घरों से हो रहा था.

सऊदी गजट द्वारा सऊदी अरब के आदेश के बारे में ट्वीट करने से लोग चिंतित हैं, जबकि सऊदी अरब में इसको लेकर कोई चिंता नहीं. इससे पहले सऊदी सरकार ने 18 अप्रैल, 2020 को एक अधिसूचना जारी की थी जिसमें इस्लामी मामलों के मंत्रालय ने देश की सभी मस्जिदों के मौलवियों को निर्देश दिया था कि वे अपने जुमे की नमाज में लोगों को सलाह दें, उपदेश न दें. तब्लीगी गतिविधियों से भी दूर रहें.

जमात-ए-इस्लामी की प्रतिक्रिया

जमात-ए-इस्लामी इंडिया के अध्यक्ष सैयद सदातुल्ला हुसैनी ने तब्लीगी जमात के खिलाफ सऊदी सरकार के फैसले को गलत और अन्यायपूर्ण करार दिया है. उन्होंने कहा, ‘‘धार्मिक संगठनों को देश में अपनी गतिविधियों को अंजाम देने की आजादी और अधिकार होना चाहिए.‘‘

उन्होंने कहा कि तब्लीगी जमात व्यक्तिगत सुधार के क्षेत्र में काम करने वाला एक शांतिपूर्ण संगठन है. सऊदी सरकार के आदेश के पीछे कोई औचित्य नहीं है.इस्लामी मामलों के सऊदी मंत्रालय ने मस्जिदों के उपदेशकों से कहा है कि मैं तब्लीगी जमात के खिलाफ बोलूंगा और इस आंदोलन को आतंकवाद से जोड़ो.