Politics

Tablighi Jamaat कांग्रेस नेता मनीष तिवार के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान छेड़ने की तैयारी

कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाने वाले पार्टी के 23 वरिष्ठ नेताओं में शामिल मनीष तिवारी के लिए परेशानी बढ़ाने वाली खबर है। तबलीग़ जमात पर पुरानी टिप्पणी के विरोध में गोलबंदी के साथ मंगलवार शाम से सोशल मीडिया पर उनके विरूद्ध अभियान छेड़ने का कार्यक्रम तैयार किया गया है।
   ग़ौरतलब है कि हाल में मुंबई हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने 29 विदेशी तबलीग़ जमातियों पर फैसला सुनाते हुए मीडिया एवं भ्रामक प्रचार करने वाले गिरोह के विरूद्ध कड़ी टिप्पणी की थी। बेंच ने कहा था कि तबलीग़ जमात के लोगों को बलि का बकरा बनाया गया। उनपर कोरोना वायरस फैलाने के तोहत लगाए गए। इसमें मीडिया की भूमिका संदेहास्पद रही। मुंबई हाई कोर्ट ने इस मामले में 29 विदेशी जमातियों पर विभिन्न धाराओं में दर्ज प्राथमिकी निरस्त करने के भी आदेश दिए।

c social media

तिवारी की टिप्पणी से विरोधियों को बल


हालांकि जमात वाले शुरू से कोरोना विस्तार के वाहक होने के आरोप का खंडन करते रहे हैं। उनकी ओर से सफाई दी जाती रही है कि एक साजिश के तहत उन्हें बदनाम किया जा रहा है। बावजूद इसके उनकी किसी ने नहीं सुनी। मीडिया एवं दुष्प्रचार करने वाला गिरोह उनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने तक देश में माहौल बनाता रहा। इस क्रम में अलग-अलग प्रदेशों के मदरसों एवं मस्जिदों में छापेमारी की गई एवं जमातियों को गिरफ्तार किया गया या जबरन क्वरंटी। जमातियों में विदेशी भी शामिल थे। उसी दौरान मनीष तिवारी की जमात पर आपत्तिजनक टिप्पणी आई , जों घी का काम कर गई। मीडिया में जमात को लेकर चल रहे दुष्प्रचार को बल मिला। एक अखबार में छपी रिपोर्ट के अनुसार, मनीष तिवारी ने तबलीग़ जमात पर टिप्पणी करते हुए भारत ही नहीं पूरी दुनिया को इनसे सावधान रहने की नसीहत दी थी। अखबार के रिपोर्टर संजय मिश्रा से बातचीत में तिवारी ने कहा था, ‘‘अगर आप गलत को गलत नहीं कहेंगे तो फिर आप दूसरे पक्ष के कट्टरपंथियों को मजबूत करेंगे। कोरोना के दौर में तबलीग़ जमात की ऐसी भूमिका के खिलाफ कथित बुद्धिजीवी वर्ग को मुखर रूप से आवाज उठानी चाहिए। मुसलमान ऐसी घटनाओं की निंदा नहीं करते हैं तो लोगों को सभी मुसलमानों की तुलना जमात से करने का मौका मिलेगा।’’

दुष्प्रचार के कारण जमात प्रमुख भूमि गत

बता दें कि भारत में कोरोना विस्तार के पहले चरण में तबलीग़ जमात के दिल्ली स्थित मुख्यालय ‘मरकज’ में आयोजित एक इस्लामिक कार्यक्रम को लेकर इकट्ठा हुए देशी-विदेशी मुसलमानों के बारे में भ्रामक प्रचार किया गया। कहा गया कि ये देश भ्रमण कर कोरोना फैला रहे हैं। दिल्ली सरकार ने उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया। खिलाड़ी से भारतीय जनता पार्टी की नेता बनी बबीता फौगाट ने उन्हें ‘सुअर’ कहा। तब्लीगियों पर अनुचित दबाव बनाने के साथ देश में ऐसा माहौल बनाया गया कि अंततः जमात प्रमुख मोहम्मद शाद को भूमिगत होना पड़ा। उसके बाद से अब तक उनका पता नहीं है ?

अभियान का मनीष तिवारी कनेक्शन


मुंबई हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच द्वारा जमातियों को क्लीनचिट देने के बाद इस मामले में मनीष तिवारी को घेरने की तैयारी है। मंगलवार की शाम उनके खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्वीटर पर हैशटैग अभियान चलाने का आहवान किया गया है। इसके लिए लोगों को संदेश देकर प्रेरित किया जा रहा है। कांग्रेस के मौजूदा संकट के लिए भारतीय जनता पार्टी को दोषी ठहराया जा रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता केके तिवारी का आरोप है कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक से ठीक पहले पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने तथा उसे मीडिया में लीक करने के पीछे बीजेपी समर्थक नेताओं का हाथ है। चूंकि चिट्ठी लिखने वाले 23 लोगों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी भी शामिल हैं, इस लिए ऐसे समय उनके खिलाफ तबलीग़ जमात पर गैरवाजिब टिप्पणी को लेकर सोशल मीडिया पर अभियान चलाने को राजनीतिक चश्मे से भी देखा जा रहा है।

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संपादक