Religion

Tarek Fatah ‘ऐ, पाकिस्तानी तू अपने मुल्क का देख, हम अपना देख लेंगे’

क्या हमारे मुल्क का पुलिस प्रशासन अब सिर्फ फैक्ट चेकिंग के लिए रह गया है। इनपर कार्रवाई कौन करेगा ? फैक्ट चेक करने का काम मीडिया का है न कि प्रशासन का। बेहतर है कि इस दंगाई पर कार्रवाई करें, ताकि कोई दंगाई ऐसी हरकत न कर सके।

घर की कमज़ोरी का अक्सर बाहर वाले फायदा उठा ले जाते हैं। देश में कुछ लोगों ने हिंदू-मुसलमान की अदावत का इस समय ऐसा जहर बो रखा है कि इसका लाभ उठाने के लिए अब तारिक फतह जैसे पाकिस्तानी भी सक्रिय हो गए हैं। हालांकि सोशल मीडिया पर एक फेक वीडियो डालकर जब उन्होंने मुल्क के सांप्रदायिक सौहार्द को पलीता लगाने की कोशिश की तो ऐन वक्त पर कोलकाता पुलिस एक्शन में आ गई। उनके ‘भारत विरोधी’ षड़यंत्र को नाकाम कर दिया। अब देखना है कि केंद्र सरकार इस माले में तारिक फतह के विरूद्ध कोई कार्रवाई करती है अथवा नहीं ?


 पाकिस्तान के भगौड़े पत्रकार तारिक फतह ने एक दिन पहले सड़कों पर प्रदर्शन करने वाले कुछ मुसलमानों का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था। प्रदर्शनकारी ‘इस्लाम जिंदाबाद’ के नारे लगा रहे थे। वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने कुछ इस तरह की टिप्पणी की मानों उन्हें पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार रास नहीं आ रही। लिखा, ‘‘दिस इज नॉट कराची, कश्मीर और केरल,नो दिस चैंट ऑफ ‘इस्लाम जिंदाबाद’ इज बीइंग राइज्ड इन कोलकाता कैपिटल सिटी ऑफ ममता बनर्जी रूल्ड वेस्ट बंगाल।’ उनके सोशल मीडिया पर वीडियो डालते ही खूब वायरल होने लगा। तभी कोलकाता पुलिस का ध्यान इस ओर गया। उसने वीडियो की जांच की और पाया कि यह कोलकाता का नहीं बांग्लादेश की राजधानी ढाका शहर का है। इसपर कोलकाता पुलिस की ओर से उन्हें चेतावनी दी गई कि फेक न्यूज है। इसे हटा लें, अन्यथा कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस के हड़काते ही फतह के होश ठिकाने आ गए। उन्होंने उसे अपने टवीट्र हैंडल से हटाते हुए माफी मांग ली।

चाचा सुधर जाओ
हालांकि, तारिक फतह के माफीनामे से देशवासी संतुष्ट नहीं । उनकी करतूत पर खुलकर अपने गुस्से का इज़हार कर रहे हैं। खबर लिखने तक तारिक फतेह के ट्वीट पर 515 लोग अपनी प्रतिक्रिया दे चुके थे, जिनमें से कई ने गाली की हद तक अपने गुस्से का इज़हार किया था। योगेश बोरावके ट्वीट करते हैं,‘‘ ऐ, पाकिस्तानी अपने देश का देख। हमारे मुल्क का हम देखेंगे। तुम जैसों की हमें जरूरत नहीं। जो अपने वतन का न हो सका वह हमारा किया होगा।’’ डॉक्टर जमाल हसन लिखते हैं,‘‘इसका इंडिया में नफरत फैलाने, दंगा कराने के सिवाए कोई काम नहीं।’’ हसनैन एसएम लिखते हैं,‘‘ चाचा सुधर जाओ।’’ ट्रूथ मैटर्स ट्वीटर हैंडल से उनके माफीनामे पर कहा गया,‘‘ इस हिसाब तो तेरा पूरा एकाउंट डिलीट होना चाहिए।’’

कार्रवाई तो बनती है
इस प्रकरण को लेकर एक महत्वपूर्ण सवाल उठाया जा रहा है। क्या ऐसे लोगों के खिलाफ देश की शांति भंग करने के प्रयास में कार्रवाई नहीं होनी चाहिए ? पाकिस्तान के भगौड़े पत्रकार तारिक फतह का यूं तो कनाडा में रिहायश है, पर अक्सर वह भारत में देखे जाते हैं। उनपर इस्लाम विरूद्ध अनर्गल बकने का आरोप है। कई बार उनकी इन्हीं हरकतों के चलते उनके साथ धक्का-मुक्की हो चुकी है। ऐसा व्यक्ति देश हित में सही नहीं। ताजे प्रकरण में उनके खिलाफ मिल रही प्रतिक्रिया से यह जाहिर होता है। लेखक शाहनवाज अंसारी इस मामले में कोलकाता पुलिस द्वारा उन्हें चेतावनी देकर बख्श देने मात्र से संतुष्ट नहीं। उन्होंने कोलकाता पुलिस को सख्त लहजे में लिखा है,‘‘ महोदय, क्या हमारे मुल्क का पुलिस प्रशासन अब सिर्फ फैक्ट चेकिंग के लिए रह गया है। इनपर कार्रवाई कौन करेगा ? फैक्ट चेक करने का काम मीडिया का है न कि प्रशासन का। बेहतर है कि इस दंगाई पर कार्रवाई करें, ताकि कोई दंगाई ऐसी हरकत न कर सके।’’  

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संपादक