Culture

Taslima Nasrin ‘लज्जा’ के बाद अब ‘माई गर्ल हुड’ बम !

ब्यूरो रिपोर्ट।
विवादास्पद लेखन के कारण देश निकाला जीवन जी रहीं बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन का ‘लज्जा’ के बाद बखेड़ा खड़ा करने वाली एक और पुस्तक आई है-‘माई गर्ल हुड’। शनिवार से पुस्तक की ऑनलाइन बिक्री शुरू हो गई।
   तस्लीमा नसरीन ने ‘माई गर्ल हुड’ के तीन पेज अपने ट्वीटर हैंडल पर साझा किए हैं, जिससे एक वर्ग को आपत्ति हो सकती है। इसके अलावा अब तक कुछ न्यूज पोर्टलों पर आई समीक्षा से मुसलमान पुस्तक को शायद ही पचा पाएं। एक अगस्त को बकरीद का त्योहार है। ठीक सप्ताह भर पहले बाजार में आई तस्लीमा नसरीन के इस ऑटोबाइओग्राफिकल नावेल यानी आत्मकथात्मक उपन्यास में ईद के दिन उनकी एक खास सहेली के साथ ‘खुर्रम भाई’ के शारीरिक संबंधों का जिक्र है। घटना के समय तस्लीमा नसरीन अपनी एक अन्य सहेली गीता के साथ कमरे के बाहर बैठी ‘फैंटा’ पी रही थीं। शारीरिक संबंध बनाने की तस्वीर भी खींची गई। उक्त सहेली जज की पुत्री थी। तस्लीमा पुस्तक में बचपन से जवानी में कदम रखने पर सीने में आए उभार का भी विशेष उल्लेख करती हैं।

Pic social media


  सधा फार्मूला है। सामान बेचना हो या शोहरत हांसिल करनी हो। किसी के भी धर्म-मजहब के बारे में आपत्तिजक बातें करनी शुरू कर दो। तस्लीमा इस फार्मूले का इस्तेमाल अपनी पुस्तक ‘लज्जा’ में बखबूकी कर चुकी हैं। उनके लिए यह टेस्टेड है। ‘लज्जा’ में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए कथित अत्याचार का जिक्र किया गया है। इस पुस्तक के बाजार में आने के बाद ही उन्हें बांग्लादेश निकाल कर दिया गया था। तब से वह कभी भारत में तो कभी अन्य देशों में शरण लिए रहती हैं।

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  उनकी नई पुस्तक का अनुवाद गीता मजुमदार ने किया है। समीक्षकोें की मानें तो ‘माई गर्ल हुड’ में तस्लीमा के बचपन और नव जवानी की दहलीज की घटनाओं का जिक्र है। उनके पिता किसान थे। वह पिता को आधुनिक विचार धारा वाला और मां को निपट रूढ़िवादी इस्लाम बताती हैं। पुस्तक में 1971 के बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम, शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या, धार्मिक कट्टरता, लड़कियों से छोड़-छाड़ और पाकिस्तान से बांग्लादेश के विभाजन के समय उनके शहर-दर-शहर यात्रा का वृतांत है। उनके भाई ने हिंदू लड़की से शादी की थी। पति डॉक्टर थे, पर रूढ़िवादी विचारों के। शादी के लिए उनकी पढ़ाई छुड़वा दी गई थी। एक पुस्तक समीक्षक का कहना है कि इसमें बचपन की थकाउ घटनाएं ठूसी गई हैं। हालाकि अपने लेखन शैली से तस्लीमा ने बहुत हद तक इसे दिलचस्प बनाने की कोशिश की है। तस्लीमा नसरीन की ‘माई गर्ल हुड’ का मूल्य किंडल वर्जन में 290 और हार्ड कवर में 512 रूपये है। पुस्तक के स्तर के हिसाब से इसकी कीमत ज्यादा बताई जा रही है। तस्लीमा की इससे पहले लज्जा, शोध, फ्रेंच लवर, मेबेला माई गर्ल…, अमेर मेबेला, देविखांडो, स्पलिट ए लाइफ आदि आ चुकी है।

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