गाजा पर इजरायली हमलों में मरने वालों की संख्या 65, Al Jazeera के पत्रकार भी शामिल
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो, गाजा/नई दिल्ली
इजरायल और गाजा के बीच जारी संघर्ष ने एक बार फिर दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। इजरायली सेना की लगातार बमबारी के कारण पिछले 24 घंटों में कम से कम 65 फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें दो पत्रकार भी शामिल हैं। इनमें से एक अल जज़ीरा मुबाशर के रिपोर्टर थे, जिनकी कार उत्तरी गाजा में हवाई हमले में नष्ट कर दी गई।
गाजा में विस्थापन आदेश के बावजूद हमले जारी
इजरायल ने गाजा के नागरिकों को विस्थापन आदेश जारी किया था, लेकिन इस आदेश का पालन करने के बावजूद फिलिस्तीनियों को इजरायली बलों के हमले का सामना करना पड़ा। इजरायल की ताजा बमबारी नासिर अस्पताल पर हमले के कुछ ही घंटों बाद हुई, जिसमें हमास के नेता इस्माइल बरहूम सहित कम से कम दो लोग मारे गए।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, गाजा में अब तक 50,082 से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जबकि 113,408 घायल हुए हैं। वहीं, गाजा के सरकारी मीडिया कार्यालय का कहना है कि मरने वालों की संख्या 61,700 से भी अधिक हो सकती है, क्योंकि हजारों लोग अभी भी मलबे में दबे हुए हैं।
इजरायल-हमास युद्ध की पृष्ठभूमि
यह संघर्ष 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुआ था, जब हमास के लड़ाकों ने इजरायल पर हमला किया, जिसमें कम से कम 1,139 लोग मारे गए और 200 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया गया। इसके जवाब में, इजरायल ने गाजा पर व्यापक हवाई और जमीनी हमले शुरू किए, जो अब तक जारी हैं।
पत्रकारों पर भी कहर: मीडिया की स्वतंत्रता पर हमला?
इजरायली हमलों में मारे गए दो पत्रकारों की हत्या को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में नाराजगी है। प्रेस स्वतंत्रता और पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।
अल जज़ीरा के प्रवक्ता ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि “पत्रकारों को लक्षित करना युद्ध अपराध के समान है। यह प्रेस की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है।”
नो अदर लैंड फिल्म निर्माता पर भी हमला
इजरायली बलों और बसने वालों ने ऑस्कर विजेता फिल्म “नो अदर लैंड” के सह-निर्देशक हमदान बल्लाल पर भी हमला किया और फिर उन्हें हिरासत में ले लिया।
वकील लीह त्सेमेल के अनुसार, बल्लाल उन तीन फिलिस्तीनियों में से एक थे, जिन पर बसने वालों ने हमला किया और फिर इजरायली बलों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
फिल्म के दूसरे सह-निर्देशक बेसल अद्रा ने एसोसिएटेड प्रेस (AP) को बताया:
“हम ऑस्कर से लौटे और तब से हम पर लगातार हमले हो रहे हैं। यह फिल्म बनाने की सजा जैसा लगता है।”
“नो अदर लैंड” फिल्म मसाफर यट्टा क्षेत्र के फिलिस्तीनी निवासियों द्वारा इजरायली सेना के खिलाफ किए गए संघर्ष को दर्शाती है, जिसमें दिखाया गया है कि कैसे इजरायल की सेना उनके गांवों को नष्ट करने की कोशिश कर रही है।
गाजा में जारी नरसंहार पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इजरायल द्वारा गाजा पर किए जा रहे इन हमलों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।
🔹 संयुक्त राष्ट्र (UN) ने इजरायल से नागरिकों पर हमले तुरंत रोकने की अपील की है।
🔹 अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने इजरायल पर युद्ध अपराधों के आरोप लगाए हैं और गाजा में हो रही तबाही की निंदा की है।
🔹 मुस्लिम देशों सहित कई राष्ट्रों ने इजरायल के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किए हैं और युद्धविराम की मांग की है।
गाजा की स्थिति: क्या शांति की कोई उम्मीद है?
गाजा में हालात बदतर होते जा रहे हैं। बिजली, पानी और भोजन जैसी बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है। इजरायल लगातार संयुक्त राष्ट्र और अन्य संगठनों द्वारा भेजी गई मानवीय सहायता को भी रोक रहा है।
इस स्थिति में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यह संघर्ष कभी खत्म होगा?
क्या इजरायल और हमास किसी शांति समझौते के लिए तैयार होंगे, या फिर यह संघर्ष और अधिक जानें लेगा?
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