पेशावर मस्जिद के आत्मघाती विस्फोट में मरने वालों की संख्या हुई 63, अहम सवाल पुलिस लाइन तक हमलावरप पहुंचे कैसे ?
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, इस्लामाबाद / नई दिल्ली
पाकिस्तान के पेशावर के पुलिस लाइन स्थित एक मस्जिद में हुए आत्मघाती विस्फोट में पुलिसकर्मियों समेत अब तक 63 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 150 से अधिक घायल हैं. इसके साथ ही पाकिस्तान सरकार और इसकी खुफिया एजेंसियां इस सवाल को लेकर गहन विचार मंथन कर रहे हैं कि हमलावर पुलिस लाइन तक पहुंचे कैसे और अपनी करतूत कां अंजाम तक पहुंचने में कैसे सफल हुए ?
अब तक की जानकारी के अनुसार, आत्माघाटी ने नमाज के समय पहले सफ में खड़े होकर खुद को उड़ा लिया, जिससे मस्जिद की छत गिर गई और बड़ी संख्या में नमाजियों की मौत हुई.विस्फोट के समय 400 पुलिसकर्मी मौजूद थे. मरने वालों में अधिकांश सुरक्षाकर्मी हैं. घटना के बाद पेशावर के लेडी रीडिंग अस्पताल सहित सभी बड़े अस्पतालों में घायलों को दाखिल कराया गया. जबकि मस्जिद से घायलो, शवों को निकालने और मलबे को हटाने का काम देर रात तक चलता रहा.
सुरक्षाकर्मियों द्वारा साइट को सील कर दिया गया है. देर रात तक मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए बचाव कार्य जारी था.जिला प्रशासन के अनुसार, विस्फोट में 10 किलो से अधिक विस्फोटक सामग्री का इस्तेमाल किया गया. रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का कहना है कि हमलावर एक था. दो दिन पहले तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली थी. कहा था कि उसने खालिद खुरासानी की हत्या का बदला लिया है. उसने कहा कि मस्जिदों और धार्मिक स्थलों को निशाना बनाना हमारी नीति नहीं है.
हमले से हमारा कोई लेना-देना नहीं है. सीसीपीओ का कहना है कि पुलिस लाइन में इस तरह की घटना सुरक्षा में चूक है. विस्फोट की जांच के लिए कानून प्रवर्तन अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया. विस्फोटक सामग्री के नमूने लिए. जांच टीमों ने सीसीटीवी हासिल किए हैं. पुलिस लाइन की ओर जाने वाली सभी सड़कों से रिकॉर्डिंग लेकर जांच शुरू कर दी है.कार्यवाहक मुख्यमंत्री केपी मुहम्मद आजम खां ने इस दुखद घटना के लिए सूबे में एक दिन के शोक की घोषणा की है.
जानकारी के मुताबिक, पेशावर पुलिस लाइन की मस्जिद में दोपहर की नमाज के दौरान हुए आत्मघाती विस्फोट में मस्जिद के इमाम और पुलिस कर्मियों समेत 63 लोग मारे गए, जबकि 150 से अधिक लोग घायल हो गए. .इमारत नष्ट हो गई. अभी भी कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है. भारी मशीनरी के साथ बचाव अभियान जारी है. पेशावर के लेडी रीडिंग अस्पताल ने धमाके में मरने वालों और घायलों की सूची जारी की है. मृतकों में 5 सब-इंस्पेक्टर, मस्जिद साहिबजादा नुरूल अमीन के फ्रंट इमाम, एक महिला और अन्य लोग शामिल हैं. महिला को मस्जिद से सटे पुलिस क्वार्टर में रखा गया था.
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि तीनों मृतकों की पहचान अभी नहीं हो पाई है. रेस्क्यू के मुताबिक, पेशावर के सदर पुलिस लाइंस इलाके में मस्जिद के अंदर धमाका हुआ था, धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि दूर तक सुनाई दी, जिसमें कई लोग घायल हो गए. धमाके के बाद गोलियां चली. बचाव दल का कहना है कि विस्फोट के बाद बचावकर्मी मौके पर पहुंचे और घायलों को नजदीकी अस्पताल में पहुंचाया गया, वहीं कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए. सुरक्षाकर्मियों ने इलाके को सील कर दिया. लेडी रीडिंग अस्पताल के प्रबंधन का कहना है कि अस्पताल में रक्त की सख्त जरूरत है.
नागरिकों से अनुरोध है कि ज्यादा से ज्यादा रक्तदान करें. उपायुक्त के अनुसार लेडी रीडिंग अस्पताल में घायलों को ओ-नेगेटिव रक्त की सख्त जरूरत है, इसलिए ओ-नेगेटिव रक्त वालों को जल्द से जल्द रक्तदान करना चाहिए. सूत्रों के मुताबिक, विस्फोट से मस्जिद की छत गिरने से कई लोगों के मलबे में दबे होने की भी आशंका है. सूत्रों के मुताबिक, पुलिस लाइन सदर का इलाका रेड जोन में है, जिसे संवेदनशील इमारतों के साथ संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है, जबकि सीटीडी का कार्यालय भी पुलिस लाइन में है. पेशावर पुलिस प्रमुख और डीआईजीसी इस क्षेत्र में एक टीडी कार्यालय भी है. इस बीच, जियो न्यूज के कार्यक्रम कैपिटल टॉक में बोलते हुए, संघीय रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि पेशावर विस्फोट का सूत्रधार पुलिस लाइन के अंदर एक आदमी था. वह वहां रह रहा था. उसने रेकी की और मौका देखा और उड़ा दिया.
आत्मघाती हमलावर नमाजियों की पहली पंक्ति में था, वहां उसने विस्फोट किया. विस्फोट के कारण मस्जिद के पुराने हिस्से की छत ढह गई. आईजी पेशावर ने कहा कि पुलिस लाइन में 1,000 से 150,000 लोग रहते हैं. पुलिस का मानना है कि हमलावर पुलिस लाइन में किसी के संपर्क में था. हमलावर कुछ दिनों से वहीं रह रहा था.उन्होंने कहा कि टीटीपी खुरासानी गुट ने पेशावर मस्जिद पर हमले की जिम्मेदारी स्वीकार की है. कोई मुस्लिम नहीं मस्जिदों पर हमला कर सकते हैं. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने सोशल मीडिया पर पेशावर आत्मघाती विस्फोट की जिम्मेदारी ली है. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के अधिकारी सरबाकिफ मोहमंद और उमर मुकरम खोरासानी ने बयान में कहा कि टीटीपी ने दावा किया है कि यह आत्मघाती विस्फोट हमने किया है और ये हमले जारी रहेंगे.
अति संवेदनशील इलाके पुलिस लाइन में कैसे घुसा आत्मघाती हमलावर?
पेशावर के रेड जोन में स्थित पुलिस लाइन पेशावर की मस्जिद में बम धमाका सुरक्षा एजेंसियों के लिए सवालिया निशान बन गया है.पुलिस महानिरीक्षक विस्फोट के दो घंटे बाद मौके पर पहुंचे और मीडिया को विस्फोट का विवरण बताए बिना चले गए. पुलिस लाइन पेशावर के सबसे संवेदनशील इलाके में स्थित है, जो संवेदनशील इलाकों से घिरा हुआ है.
खैबर रोड की ओर से पुलिस लाइंस की ओर जाने वाले तीन बिंदुओं पर पुलिस नाकेबंदी की गई है, प्रारंभिक नाकाबंदी थाना शर्की के सामने की गई है, जहां पूरी जांच के बाद पुलिस लाइन, पुलिस अस्पताल और सिविल सचिवालय जाने की अनुमति दी जाती है.
उसके बाद पुलिस लाइन के मुख्य द्वार पर दो स्थानों पर नाकेबंदी की जाती है. जहां पदस्थापित अधिकारी पुलिस लाइन जाने वाले अधिकारियों और व्यक्तियों की जांच करते हैं और उन्हें प्रवेश करने देते हैं.
जब नमाजी मस्जिद में जाते हैं तो उन पर नजर रखने के लिए पुलिसकर्मी भी तैनात रहते हैं.इसी तरह पुलिस लाइन आने वालों की भी सेंट्रल जेल पेशावर द्वारा तीन जगहों पर जांच की जाती है. इसके बावजूद आत्मघाती हमला हो गया.
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