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मुसलमानों को बदनाम करने का खेल भारी पड़ा: नाजिया इलाही खान के झूठ का पर्दाफाश

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

आजकल सोशल मीडिया पर सनसनी फैलाने और झूठी खबरों के जरिए सुरखियों में आने का खेल तेज़ी से बढ़ रहा है। लेकिन जब सच्चाई सामने आती है, तो ऐसे लोगों के लिए मुंह छुपाना मुश्किल हो जाता है। ताजा मामला नाजिया इलाही खान का है, जो खुद को मुसलमान बताती हैं, लेकिन आए दिन मुस्लिम समुदाय के खिलाफ बोलकर चर्चाओं में बनी रहती हैं।

हाल ही में नाजिया इलाही खान ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो शेयर कर सनसनी फैला दी थी। उन्होंने दावा किया कि वह कुंभ स्नान के लिए जा रही थीं, तभी कुछ मुस्लिम युवकों ने उन्हें घेर लिया और धमकाया, जिससे उनकी कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस घटना को नाजिया ने हिंदू-मुस्लिम एंगल देते हुए सोशल मीडिया पर प्रचारित किया, जिसके बाद हिंदूवादी संगठनों ने मुसलमानों के खिलाफ विषवमन शुरू कर दिया। लेकिन जैसे ही कानपुर पुलिस ने इस मामले की असली सच्चाई सामने रखी, नाजिया के झूठ का पर्दाफाश हो गया और उनकी फजीहत शुरू हो गई।


नाजिया इलाही खान का दावा: एक साजिश या झूठी कहानी?

नाजिया इलाही खान ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए अपने वीडियो में कहा कि वह दिल्ली से कुंभ स्नान के लिए जा रही थीं, तभी कानपुर देहात के पास उनकी कार का पीछा किया गया। उन्होंने कहा कि कुछ मुस्लिम युवकों ने उन्हें धमकाया, जिससे उनकी कार हादसे का शिकार हो गई।

उन्होंने वीडियो में कहा:

“हम अपनी आस्था के अनुरूप कुंभ स्नान करने जा रहे थे, लेकिन कुछ मुल्लाओं को यह रास नहीं आया। उन्होंने हमें धमकाया, जिससे हमारा एक्सीडेंट हो गया। मेरी एक साथी महिला को गंभीर चोटें आई हैं।”

इस वीडियो के वायरल होते ही कुछ हिंदूवादी संगठनों और ट्रोलर्स ने इस घटना को मुस्लिम विरोधी नैरेटिव के तहत प्रचारित करना शुरू कर दिया। कई प्रोपेगैंडा वेबसाइट्स ने बिना किसी तथ्य की जांच किए इसे बढ़ा-चढ़ाकर रिपोर्ट किया, जिससे सोशल मीडिया पर लंबी बहस छिड़ गई।


कानपुर पुलिस का खुलासा: हादसा झूठ, ड्राइवर को आ गई थी नींद

हालांकि, जब कानपुर पुलिस ने इस मामले की जांच की, तो सच्चाई कुछ और ही निकली। कानपुर देहात पुलिस की एक वरिष्ठ महिला अधिकारी ने एक्स पर एक वीडियो जारी कर बताया कि यह घटना पूरी तरह से झूठी थी।

पुलिस अधिकारी ने कहा:

“हमारी जांच में पाया गया कि कार किसी मुस्लिम युवक की धमकी के कारण नहीं, बल्कि ड्राइवर को नींद आने की वजह से दुर्घटनाग्रस्त हुई थी। नाजिया इलाही खान और उनकी साथियों को सुरक्षित निकालकर कुंभ के लिए रवाना किया गया था।”

सबसे बड़ी बात यह रही कि नाजिया और उनकी साथियों ने खुद ही पुलिस के कहने पर कोई एफआईआर दर्ज नहीं कराई, जिससे यह साफ़ हो गया कि उनका दावा झूठा था।


नाजिया इलाही खान की फजीहत: सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग और गड़े मुर्दे उखाड़े गए

जब कानपुर पुलिस ने इस घटना का सच उजागर किया, तो नाजिया इलाही खान खुद ही सोशल मीडिया पर घिर गईं। अब वही लोग, जो पहले उनके समर्थन में थे, उनसे सवाल करने लगे।

🔹 ओप इंडिया और अन्य दक्षिणपंथी पोर्टलों की खबरें कटघरे में आ गईं।
🔹 ट्विटर पर #NaziaKhanExposed और #FakeHateCrime ट्रेंड करने लगे।
🔹 लोगों ने नाजिया के पुराने विवादास्पद ट्वीट निकालकर उनकी पोल खोलनी शुरू कर दी।
🔹 उनके मुस्लिम विरोधी बयानों की भी समीक्षा होने लगी।

इस विवाद के बाद नाजिया इलाही खान को अपने ट्वीट डिलीट करने पड़े और वह सोशल मीडिया से लगभग गायब हो गईं।


कौन हैं नाजिया इलाही खान?

नाजिया इलाही खान बीजेपी और हिंदूवादी संगठनों की करीबी मानी जाती हैं और अक्सर मुस्लिम विरोधी बयान देती रही हैं।

▶️ मुस्लिम समुदाय को लेकर विवादास्पद बयान देने के कारण वह कई बार ट्रोल हो चुकी हैं। ▶️ उन पर प्रोपेगैंडा फैलाने और सामाजिक ध्रुवीकरण करने का आरोप लगता रहा है। ▶️ उनकी कई पुरानी पोस्ट भी झूठी या भ्रामक साबित हो चुकी हैं।


क्या यह घटना एक राजनीतिक साजिश थी?

इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या कुछ लोग सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए सांप्रदायिक तनाव भड़काने के लिए झूठ फैलाते हैं?

🔹 क्या यह महज एक पब्लिसिटी स्टंट था? 🔹 क्या सोशल मीडिया पर झूठे नैरेटिव गढ़कर एक एजेंडा सेट किया जा रहा है? 🔹 क्या इस तरह के झूठे दावों पर कार्रवाई होनी चाहिए?


झूठ से ज्यादा दिन तक नहीं चलती राजनीति

नाजिया इलाही खान का मामला इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण है कि झूठ की उम्र ज्यादा लंबी नहीं होती

अगर कानपुर पुलिस समय रहते सच सामने न लाती, तो यह झूठ मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने का बड़ा कारण बन सकता था।
इससे यह भी साबित होता है कि सोशल मीडिया पर आने वाली हर खबर को तथ्यों की कसौटी पर कसना जरूरी है।
इस तरह के झूठे मामलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठने लगी है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि नाजिया इलाही खान आगे से क्या कदम उठाती हैं? क्या वे इस घटना पर माफी मांगेंगी, या फिर नए झूठ गढ़ने में जुट जाएंगी?

आपका क्या सोचना है? क्या सोशल मीडिया पर झूठी खबरें फैलाने वालों पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए? हमें अपनी राय कमेंट में बताएं!