भारत-पाक व्यापार युद्ध का अगला अध्याय,आम आदमी पर महंगाई का खतरा
Table of Contents
राय शाहनवाज | लाहौर
भारत द्वारा सिंधु जल संधि को एकतरफा रद्द किए जाने के बाद पाकिस्तान ने एक बड़ा कदम उठाते हुए भारत से सभी प्रकार के व्यापार को पूरी तरह बंद करने की घोषणा की है। इसके साथ ही पाकिस्तान सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि अब दुबई या किसी अन्य तीसरे देश के माध्यम से भारत से आयात किए गए उत्पादों पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
ALSO READ आतंकवाद, परमाणु और प्रॉक्सी वार: भारत-पाक रिश्तों में फिर छाया संकट
हालांकि भारत और पाकिस्तान के बीच प्रत्यक्ष व्यापार 2019 से ही लगभग ठप है, लेकिन तीसरे देशों के माध्यम से आयात-निर्यात अब तक जारी था। अब इस निर्णय से पाकिस्तान की आंतरिक आपूर्ति श्रृंखला पर गंभीर असर पड़ सकता है, विशेषकर फार्मा, मसाले, सौंदर्य उत्पादों, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और वस्त्र उद्योग में।
भारत से कौन-कौन सी वस्तुएं पाकिस्तान में आती थीं?
1. फार्मास्युटिकल कच्चा माल (Pharmaceutical Raw Materials)
पाकिस्तान की दवा कंपनियां भारत से बड़ी मात्रा में दवाइयों का कच्चा माल आयात करती थीं। एक फार्मा कंपनी के मालिक डॉ. ज़फ़र के अनुसार, “हमारी दवाओं के निर्माण में 30 से 40 फीसदी कच्चा माल भारत से आता है, जो कुल उत्पादन का लगभग आधा है।”
भारत से यह आयात प्रत्यक्ष रूप से नहीं, बल्कि दुबई, कतर जैसे तीसरे देशों के जरिए किया जाता था। अब यह रास्ता भी बंद हो गया है, जिससे दवा निर्माण की आपूर्ति श्रृंखला बाधित होगी।
2. सौंदर्य प्रसाधन और कॉस्मेटिक उत्पाद
तीसरे देशों से होकर आने वाले कॉस्मेटिक ब्रांडों में भारत के उत्पाद प्रमुख थे। इन पर प्रतिबंध से पाकिस्तान के सौंदर्य प्रसाधन बाजार को झटका लग सकता है।
3. मसाले और खाद्य उत्पाद
लाहौर की अकबरी मंडी जैसे बड़े मसाला बाजार भारत से आने वाले हल्दी, मिर्च, धनिया, जीरा, गरम मसाला और चाट मसाला जैसे उत्पादों पर निर्भर थे। व्यापारी शेख यूनुस के अनुसार, “यह सब दुबई से आयात होता था, लेकिन अब यह आपूर्ति पूरी तरह से बंद हो गई है।”
4. वस्त्र और कृत्रिम आभूषण
भारतीय टेक्सटाइल और कृत्रिम गहनों की मांग पाकिस्तान में काफी थी, जो प्रतिबंध के चलते प्रभावित होगी।
5. इलेक्ट्रॉनिक घटक और आयुर्वेदिक उत्पाद
भारत से आने वाले कई इलेक्ट्रॉनिक पुर्जे और आयुर्वेदिक उत्पाद भी अब पाकिस्तान नहीं पहुंच पाएंगे।
प्रतिबंध के प्रभाव: क्या होगा पाकिस्तान के बाजारों पर असर?
1. आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान
डॉ. ज़फ़र के अनुसार, “कुछ ऑर्डर पहले ही दे दिए गए हैं, लेकिन अब अगर ये रुकते हैं, तो हमें नई सप्लाई चेन बनानी पड़ेगी जिसमें समय और पैसा दोनों लगेंगे। इससे दवाओं की कीमतों में 10-15% तक का इजाफा हो सकता है।”
2. मसालों की कीमतों में वृद्धि
शेख यूनुस बताते हैं कि भारत से आने वाले मसालों की जगह अब श्रीलंका, वियतनाम और इंडोनेशिया से आपूर्ति करनी होगी। इससे मसालों की कीमतों में 20-30 रुपये प्रति किलो तक की अस्थायी बढ़ोतरी संभव है।
3. विकल्पों की तलाश और स्थानीय उत्पादन का अवसर
व्यापारी मानते हैं कि बहुत से उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में भी उपलब्ध हैं, लेकिन उन्हें पुनः स्थापित करने और लागत तय करने में समय लगेगा। ऐसे में स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने का अवसर भी बन सकता है।
अनौपचारिक व्यापार भी हुआ प्रभावित
पाकिस्तान फेडरेशन ऑफ चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अनुसार, पाकिस्तान ने वर्ष 2024-25 में भारत से लगभग 450 मिलियन डॉलर मूल्य के उत्पाद आयात किए। हालांकि, दुबई, सिंगापुर जैसे तीसरे देशों के माध्यम से अनौपचारिक व्यापार की अनुमानित मात्रा 5 से 10 अरब डॉलर तक थी।
अब इस पूरे नेटवर्क पर रोक लगने से व्यापारिक दुनिया को झटका लगा है।
भारत-पाक व्यापार युद्ध का अगला अध्याय
भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक तनाव अब सीधे व्यापार जगत को प्रभावित कर रहा है। दवा, मसाला, सौंदर्य और वस्त्र जैसे क्षेत्रों में आम जनता को निकट भविष्य में महंगाई और उपलब्धता की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, यह संकट स्थानीय उद्योगों को आत्मनिर्भरता की ओर भी ले जा सकता है — लेकिन तब तक देश की अर्थव्यवस्था को झटके सहने होंगे।