Shab-e-Barat की रात इबादत में गुजारी, कब्रिस्तानों में फातेहा, मस्जिदों में रोशनी और दुआओं की गूंज
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली
दुनियाभर के मुसलमानों ने शब-ए-बारात (Shab-e-Barat ) की पाक रात को इबादत में गुजारते हुए अपने गुनाहों की माफी मांगी. विशेष रूप से भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और अफगानिस्तान सहित एशियाई मुल्कों में इस अवसर को अत्यंत श्रद्धा और धार्मिक आस्था के साथ मनाया गया. मस्जिदों में विशेष नमाजें अदा की गईं, घरों में कुरआन की तिलावत हुई, और कब्रिस्तानों में जाकर पूर्वजों के लिए फातेहा पढ़ी गई. इस रात को मस्जिदों और मुस्लिम बहुल इलाकों में रंगीन रोशनी से सजाया गया, जिससे धार्मिक आस्था और उत्साह का माहौल बन गया.
शब-ए-बारात: मगफिरत और दुआओं की रात
इस्लामी कैलेंडर के अनुसार, शब-ए-बारात शाबान महीने की 14वीं रात को मनाई जाती है, जो इस वर्ष 13 फरवरी की रात को पड़ी. इसे मगफिरत (क्षमा) और रहमत (दया) की रात माना जाता है, जब अल्लाह अपने बंदों की दुआएं कबूल करते हैं और उनके गुनाहों को माफ करते हैं. मुसलमान पूरी रात जागकर इबादत में व्यस्त रहते हैं, मस्जिदों में विशेष नमाज अदा करते हैं और घरों में कुरआन की तिलावत करते हैं..

कब्रिस्तानों में उमड़ी भीड़, पूर्वजों को किया याद
शब-ए-बारात के मौके पर बड़ी संख्या में लोग कब्रिस्तानों में पहुंचे और अपने दिवंगत परिजनों के लिए मगफिरत की दुआएं कीं. लखनऊ, दिल्ली, हैदराबाद, मुंबई, कोलकाता और कश्मीर सहित कई शहरों में कब्रिस्तानों को विशेष रूप से सजाया गया. जीएचएमसी और तेलंगाना वक्फ बोर्ड ने इस अवसर से पहले कब्रिस्तानों की सफाई करवाई और अस्थायी रोशनी की व्यवस्था की।
हैदराबाद में विशेष आयोजन, मस्जिदों में उमड़ी भीड़
हैदराबाद में ऐतिहासिक मक्का मस्जिद, जामिया मस्जिद मुशीराबाद, वज़ीर अली मस्जिद फतेह दरवाजा, जामिया मस्जिद जाफरिया सनतनगर और अज़ीज़िया मस्जिद मेहदीपट्टनम सहित कई मस्जिदों में हजारों की संख्या में लोगों ने नमाज अदा की. मिलाद ग्राउंड खिलवत, मोगलपुरा खेल का मैदान और कुली कुतुब शाह स्टेडियम में धार्मिक सभाएं आयोजित की गईं, जहां प्रमुख विद्वानों ने तकरीर की.
लखनऊ में मस्जिदों और इबादतगाहों में हुआ जलसा
लखनऊ में शब-ए-बारात के मौके पर मस्जिदों और इबादतगाहों में विशेष जलसे और दुआओं का आयोजन किया गया. ऐशबाग ईदगाह, कर्बला मलका जहां, कर्बला तालकटोरा, गढ़ी कनौरा स्थित तकिया मीरनशाह और गोमतीनगर स्थित गंजशहीदा सहित प्रमुख कब्रिस्तानों में अकीदतमंदों की भीड़ उमड़ी.
शिया समुदाय ने इस रात बारहवें इमाम हजरत इमाम मेहंदी की यौमे विलादत का जश्न भी मनाया. कर्बला, इमामबाड़ों और घरों में महफिलों एवं नज्र का आयोजन किया गया. अंजुमन खुद्दामे कर्बला की ओर से ऐशबाग स्थित कर्बला मलका जहां में जश्ने वली-ए-अस्र का आयोजन हुआ, जहां मौलाना मोहम्मद अब्बास तुराबी और मौलाना यासूब अब्बास ने इमाम मेहंदी की फजीलत बयान की..
मेहंदी घाट पर सजा बजरा, गोमती नदी में हुआ आयोजन
शब-ए-बारात की रात लखनऊ के मेहंदी घाट पर गोमती नदी में रोशनी से सजे बजरे की जियारत के लिए भारी भीड़ उमड़ी. अंजुमन जहुर-ए-इमामत कमेटी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में मौलाना हसन जहीर ने इमाम की नज्र दी और मौलाना कल्बे जव्वाद एवं मौलाना यासूब अब्बास सहित अन्य विद्वानों ने दुआ कराई। देर रात तक महफिल जारी रही, जिसमें शायरों ने इमाम की शान में कलाम पेश किए. अकीदतमंदों ने गोमती में अरीजा डालकर मन्नत मांगी.

दरगाह शाहमीना शाह में सलातुत तस्बीह की नमाज
लखनऊ स्थित दरगाह मख्दूम शाहमीना शाह में इस खास मौके पर सलातुत तस्बीह की विशेष नमाज अदा की गई। दरगाह के सज्जादानशीन पीरजादा शेख राशिद अली मीनाई ने शब-ए-बारात की फजीलत पर रोशनी डालते हुए कहा कि यह रात अल्लाह की रहमत और मगफिरत की रात है, जिसमें अल्लाह अपने बंदों की दुआएं कुबूल करते हैं.
युवाओं से अपील: इबादत में लगाएं समय, न करें हुड़दंग
समुदाय के बुजुर्गों और धार्मिक विद्वानों ने युवाओं से अपील की कि वे इस रात इबादत में समय बिताएं और अनावश्यक रूप से सड़कों पर घूमने या शोरगुल करने से बचें. उन्होंने माता-पिता से आग्रह किया कि वे अपने नाबालिग बच्चों को बाइक या कार चलाने की अनुमति न दें.
शब-ए-बारात पूरी दुनिया के मुसलमानों के लिए एक महत्वपूर्ण रात होती है, जिसमें वे अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं और आने वाले रमजान की तैयारियों की शुरुआत करते हैं. इस अवसर पर मुस्लिम समाज ने एकजुट होकर मस्जिदों में नमाज अदा की, दुआएं मांगी और जरूरतमंदों की मदद करने का संकल्प लिया. भारत के विभिन्न शहरों में हुए आयोजनों ने इस रात की पवित्रता और आध्यात्मिक महत्व को और अधिक उजागर किया.