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आरएसएस के रूख में न कोई बदलाव आया है और न आएगा: इंद्रेश कुमार

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,नई दिल्ली

मोहन भागत के मुस्लिम बुद्धिजीवियों से मिलने और मस्जिद-मदरसा जाने के बाद जो लोग यह समझ रहे थे कि अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के रूख में बदलाव देखने को मिलेगा. उन्हंे मायूसी हो सकती है. आरएसएस के एक प्रमुख नेता ने कहा है कि संघ के रूख में कोई बदलाव नहीं आया है. हमारा जो रूख पहले था वही आज भी है और आगे भी रहेगा.

आरएसएस के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के मुस्लिम बुद्धिजीवियों और इमाम इलियासी से मुलाकात करने और मदरसे जाने पर उठे राजनीतिक विवाद के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि आरएसएस के रूख में कोई बदलाव नहीं आया है. हमारा जो रूख पहले था वही आज भी है और आगे भी रहेगा.

उन्हांेने जांच एजेंसियो द्वारा पीएफआई के खिलाफ कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा है कि इस संगठन के ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए कार्रवाई जरूरी हो गई थी. यह पूरी तरह से उचित है. जांच एजेंसियों द्वारा की गई कार्रवाई का हिंसक विरोध करने की आलोचना करते हुए आरएसएस के वरिष्ठ नेता, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संस्थापक एवं मुख्य सरंक्षक इंद्रेश कुमार ने कहा कि अतीत में आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगाया गया था, पर संघ ने कभी भी इसके विरोध में हिंसा का रास्ता नहीं अपनाया.

उन्होंने कहा कि संघ ने अपने खिलाफ सरकार की कार्रवाई का शांतिपूर्ण और संवैधानिक ढंग से विरोध करते हुए अदालत में जाकर सरकार के फैसलों को चुनौती दी और जीते भी. उन्होंने पीएफआई द्वारा की जा रही हिंसा की पुरजोर शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि किसी भी संगठन द्वारा हिंसा का रास्ता अपनाना उचित नहीं.

राजधानी दिल्ली में 104वें हाइफा विजय दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए हुए कांग्रेस के बयान की तीखी आलोचना करते हुए संघ नेता ने कहा कि कांग्रेस को आरएसएस के रूख की सही समझ नहीं है. उन्हें अपने किए पर पश्चाताप करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इलियासी के साथ भागवत की बैठक अल्पसंख्यक समुदायों के साथ बातचीत करने की संघ की पहल का हिस्सा थी, जो संघ के पूर्व प्रमुख के एस सुदर्शन के नेतृत्व में 20 साल से भी पहले पहले शुरू हुई थी. उन्होंने कहा कि जनता ने पहले ही कांग्रेस को नकार दिया ह. अब कांग्रेस इस तरह के आरोप लगा कर अपनी और अधिक भद् पिटवा रही है.

बता दें कि कांग्रेस ने संघ प्रमुख के मुस्लिम बुद्धिजीवियों से मिलने और मस्जिद-मदरसा जाने को राहुल गांधी के भारत जोड़ो अभियान को मिल रहे भारी जनसमर्थन से घबराहट का परिणाम बताया था.

मुक्ति दिवस के अवसर पर तीन मूर्ति हाइफा चौक पर आयोजित इस कार्यक्रम में पूर्व सेनाध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री जनरल( रिटायर्ड) वीके सिंह, इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन, एनडीएमसी के वाइस चेयरमैन सतीश उपाध्याय के अलावा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी शामिल हुए. कार्यक्रम में बोलते हुए भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि भारत सरकार ने तीन मूर्ति चौक का नाम बदलकर तीन मूर्ति हाइफा चौक कर दिया है. इस कदम से भारत और इजरायल के राजनैतिक संबंध और मजबूत होंगे. उन्होंने बताया कि भारतीय सैनिकों की शौर्य गाथा इजरायल के स्कूल टेक्स्ट बुक में पढ़ाई जाती हैं. भविष्य में भारत और इजरायल के संबंधों में और अधिक मजबूती आने की बात कहते हुए इजरायली राजदूत ने अपने संक्षिप्त भाषण के अंत में हिंदी में शहीद हुए भारतीय सैनिकों के बारे में कहा कि ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे. ओम शांति.