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जम्मू-कश्मीर की हदबंदी को लेकर सुप्रीम कोर्ट से कोई उम्मीद नहीं: महबूबा मुफ्ती

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, श्रीनगर

केंद्र प्रशासित जम्मू-कश्मीर के परिसीमन को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज करने पर यहां जबरदस्त प्रतिक्रिया हुई है. इस सिलसिले में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बड़ा बयान दिया है. यहां तक कि महबूबा मुफ्ती ने देश की अदालतों में स्थापित व्यवस्था पर भी सवाल उठाए हैं.

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट में परिसीमन की सुनवाई की कोई उम्मीद नहीं थी, क्योंकि जम्मू-कश्मीर का परिसीमन चुनावों से पहले ही बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए एक तरह की धांधली थी. अनंतनाग की अपनी यात्रा के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि पुनर्गठन अधिनियम और धारा 370 जैसे मामले अभी भी अदालत के समक्ष लंबित हैं. ऐसे में परिसीमा से जुड़ी याचिका पर अदालत कैसे फैसला सुना सकती है?

उन्होंने कहा कि परिसीमन की प्रक्रिया बीजेपी को फायदा पहुंचाने की कोशिश है. इसीलिए पीडीपी ने पहले ही इस प्रक्रिया से खुद को दूर कर लिया. अब भी यह दूरी बनी हुई है. जबकि इस सीमा का पीडीपी पहले ही विरोध कर चुकी है.

जस्टिस चंद्रचूड़ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि देश की अदालतें भी न्याय नहीं कर पा रही हैं, जबकि एक बार देश की अदालत ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ फैसला सुनाया था.

महबूबा मुफ्ती ने अनंतनाग के बिजबाहरा में पद्म श्री जावेद टाक की मां के निधन और प्रसिद्ध सूफी संत कादिर बाब के निधन पर शोक व्यक्त किया और कई स्थानों का दौरा किया. उन्होंने ईश मकाम में स्थापित बाबा सखी जैनुद्दीन वली की दरगाह का दौरा किया. पार्टी कार्यकर्ताओं के कई प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की.