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यह बदले की कार्रवाई है – स्टैंड से नाम हटाने पर अजहरुद्दीन का पलटवार

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,,नई दिल्ली/हैदराबाद

भारत के पूर्व कप्तान और पूर्व हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (HCA) अध्यक्ष मोहम्मद अजहरुद्दीन ने राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम, उप्पल के उत्तर स्टैंड से उनका नाम हटाने के फैसले को “खेल और खिलाड़ियों का अपमान” करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय न केवल नैतिक रूप से गलत है, बल्कि यह एक व्यापक संस्थागत भ्रष्टाचार और पक्षपात की ओर भी इशारा करता है।

“कभी-कभी लगता है क्रिकेट खेलकर गलती की”

आईएएनएस से बात करते हुए पूर्व कप्तान ने कहा:

“यह दिल तोड़ने वाला है। कभी-कभी मुझे लगता है कि मैंने क्रिकेट खेलकर गलती की। आज जिन लोगों के पास खेल की समझ नहीं है, वे नेतृत्व कर रहे हैं और दूसरों को सिखा रहे हैं। यह खेल का अपमान है।”

अजहरुद्दीन ने इस कदम को व्यक्तिगत रूप से अपमानजनक बताया और कहा कि वे इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे। साथ ही, उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) से भी इस पूरे मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की।


नाम हटाने का आदेश क्यों दिया गया?

यह विवाद तब शुरू हुआ जब HCA के नैतिकता अधिकारी (एथिक्स ऑफिसर) न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) वी. ईश्वरैया ने लॉर्ड्स क्रिकेट क्लब द्वारा दायर याचिका के आधार पर स्टैंड से अजहरुद्दीन का नाम हटाने का निर्देश दिया।

याचिका में आरोप लगाया गया था कि:

  • अजहरुद्दीन ने एचसीए अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के शुरुआती महीने में ही अपने नाम का प्रस्ताव पारित करवाया, जो नियमों का उल्लंघन था।
  • HCA के संविधान के अनुसार, ऐसे किसी भी नामकरण प्रस्ताव को आम सभा की स्वीकृति (General Body Approval) जरूरी होती है, जो इस मामले में नहीं ली गई।

अजहरुद्दीन का पलटवार: “यह बदले की कार्रवाई है”

अजहरुद्दीन ने आरोप लगाया कि उन्हें HCA चुनाव लड़ने से इसलिए रोका गया क्योंकि उन्होंने संघ के भीतर फैले भ्रष्टाचार को उजागर किया था।

“मैंने कभी किसी के खिलाफ व्यक्तिगत रंजिश नहीं पाली, लेकिन सिस्टम के अंदर की सच्चाई को उजागर करने की कीमत मुझे चुकानी पड़ रही है। मुझे HCA चुनाव में भाग लेने नहीं दिया गया क्योंकि मैंने सवाल उठाए।”

उन्होंने यह भी कहा कि यह अकेला मामला नहीं है, बल्कि सनराइजर्स हैदराबाद और एसोसिएशन के बीच ओवरपास को लेकर चला विवाद भी इसी “कुप्रबंधन के पैटर्न” को दर्शाता है।


BCCI से न्याय की अपील

अजहरुद्दीन ने साफ किया कि वह इस निर्णय को चुपचाप स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा:

“मैं इस अन्याय के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ूंगा और बीसीसीआई से अनुरोध करूंगा कि वह हस्तक्षेप कर इस मामले की निष्पक्ष जांच कराए। यह सिर्फ मेरा मामला नहीं है, यह पूरे भारतीय क्रिकेट जगत के लिए एक चेतावनी है कि पूर्व खिलाड़ियों के साथ इस तरह का व्यवहार कहीं और भी दोहराया जा सकता है।”


पृष्ठभूमि: कब क्या हुआ?

  • सितंबर 2019: अजहरुद्दीन ने HCA अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली।
  • दिसंबर 2019: शीर्ष परिषद की बैठक में उत्तर स्टैंड को उनके नाम पर करने का प्रस्ताव पारित हुआ।
  • सितंबर 2023: उनका कार्यकाल समाप्त हुआ।
  • 2025: लोकपाल ने याचिका पर सुनवाई के बाद नाम हटाने का निर्देश दिया।

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