यूएई शिक्षा मंत्रालय के नए दिशा-निर्देश: दूसरे सेमेस्टर की परीक्षाओं के लिए सख्त नियम लागू
स्कूलों और छात्रों के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी, अनुशासन और परीक्षा की शुचिता बनाए रखने पर जोर
मुस्लिम नाउ ब्यूरो,अबू धाबी
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में शिक्षा मंत्रालय ने 2024-2025 शैक्षणिक वर्ष के दूसरे सेमेस्टर की परीक्षाओं को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ये परीक्षाएँ 10 मार्च से शुरू होकर 19 मार्च 2025 तक चलेंगी। मंत्रालय ने परीक्षा की निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कड़े नियम लागू किए हैं, जिनका पालन सभी सार्वजनिक और निजी स्कूलों को करना अनिवार्य होगा।
नई गाइडलाइन्स के अनुसार, परीक्षा केंद्रों में सख्त अनुशासन बनाए रखने के लिए छात्रों और स्कूलों को कई अहम नियमों का पालन करना होगा। परीक्षा हॉल में गड़बड़ी रोकने के लिए तकनीकी निगरानी को बढ़ाया गया है, और अनुचित साधनों के इस्तेमाल को रोकने के लिए विशेष सुरक्षा उपाय किए गए हैं।
परीक्षा हॉल में कड़े नियम लागू
शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षा केंद्रों में कदाचार रोकने और सुचारू परीक्षा संचालन के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इनमें मुख्यतः निम्नलिखित प्रतिबंध शामिल हैं:
- मोबाइल फोन, स्मार्ट डिवाइस और डिजिटल घड़ियों पर पाबंदी:
परीक्षा हॉल में किसी भी प्रकार के मोबाइल फोन, स्मार्ट घड़ियों और अन्य डिजिटल उपकरणों को लाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। - उत्तर साझा करने की मनाही:
छात्रों को उत्तर या कोई भी संकेत साझा करने की अनुमति नहीं होगी। किसी भी तरह की नकल या दूसरों की मदद करने का प्रयास करने पर कड़ी कार्रवाई होगी। - तकनीकी निगरानी और सुरक्षा उपाय:
परीक्षा हॉल में लगे निगरानी कैमरों के जरिए गतिविधियों की निगरानी की जाएगी। इलेक्ट्रॉनिक परीक्षाओं के लिए उपयोग किए जाने वाले टैबलेट में किसी भी अवांछित सॉफ़्टवेयर या सोशल मीडिया एप्लिकेशन को प्रतिबंधित कर दिया गया है। - बैग और अनावश्यक सामग्री पर रोक:
छात्रों को परीक्षा हॉल में बैग लाने की अनुमति नहीं होगी। केवल आवश्यक स्टेशनरी (पेन, पेंसिल, कैलकुलेटर – यदि अनुमति हो) ही साथ लाने की इजाजत दी जाएगी। - स्क्रीन ज़ूमिंग पर प्रतिबंध:
इलेक्ट्रॉनिक परीक्षा प्रणाली के साथ छेड़छाड़ को रोकने के लिए टैबलेट्स पर प्रीसेट कॉन्फ़िगरेशन का पालन करना अनिवार्य होगा। - सख्त अनुशासन और परीक्षा नियमों का पालन:
छात्रों को परीक्षा के दौरान शांत और अनुशासित रहना होगा। परीक्षा कक्ष में बातचीत करने या साथियों से उपकरण उधार लेने की अनुमति नहीं होगी।
स्कूलों की जिम्मेदारियाँ और परीक्षा पूर्व तैयारियाँ
शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षा की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए स्कूल प्रशासन को भी कुछ महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ सौंपी हैं। इन जिम्मेदारियों में शामिल हैं:
- पाठ्यक्रम पूरा करना:
सुनिश्चित किया जाए कि परीक्षा से पहले सभी आवश्यक टॉपिक्स और अवधारणाएँ छात्रों को पढ़ा दी गई हों, जिससे उनके प्रदर्शन पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े। - अतिरिक्त शैक्षणिक सहायता:
जिन छात्रों को किसी विषय में अतिरिक्त सहायता की जरूरत है, उनके लिए विशेष क्लासेस और रिवीजन सत्र आयोजित किए जाएँगे। - परीक्षा पैटर्न की समीक्षा:
छात्रों को विभिन्न प्रश्न प्रारूपों और उत्तर देने की विधियों से अवगत कराया जाएगा, जिससे वे परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकें। - उपस्थिति की निगरानी:
छात्रों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए “अल-मनहाल” प्रणाली के जरिए उपस्थिति ट्रैक की जाएगी। - अनुपस्थित छात्रों पर विशेष ध्यान:
लगातार अनुपस्थित रहने वाले छात्रों के अभिभावकों से संपर्क कर उनकी परीक्षा की तैयारी सुनिश्चित की जाएगी। - एक बेहतर शिक्षण माहौल तैयार करना:
परीक्षा अवधि के दौरान शांत और अनुशासित माहौल बनाए रखना, जिससे छात्रों की एकाग्रता बनी रहे। - मानसिक स्वास्थ्य पर जोर:
छात्रों को परीक्षा के तनाव से निपटने के लिए मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता और परामर्श सत्र प्रदान किए जाएँगे। - शैक्षणिक नैतिकता को बढ़ावा देना:
छात्रों को ईमानदारी और परिश्रम के मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा, जिससे परीक्षा प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी बनी रहे। - अभिभावकों से संवाद:
शिक्षकों और अभिभावकों के बीच नियमित संपर्क स्थापित किया जाएगा, ताकि वे अपने बच्चों की परीक्षा की तैयारी की निगरानी कर सकें। - छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ाना:
कार्यशालाएँ और प्रेरक सत्र आयोजित किए जाएँगे, जिससे छात्रों को परीक्षा के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने में मदद मिले।
क्या नया परीक्षा प्रणाली को पारदर्शी बनाएगी?
यूएई शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नए नियमों का उद्देश्य परीक्षा प्रक्रिया को निष्पक्ष, पारदर्शी और व्यवस्थित बनाना है। परीक्षा में किसी भी प्रकार की अनुचित गतिविधि को रोकने के लिए निगरानी प्रणाली को सख्त किया गया है और स्कूल प्रशासन की जिम्मेदारी बढ़ाई गई है।
अब देखना होगा कि ये नियम छात्रों को परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने में कितनी मदद कर पाते हैं और क्या वे परीक्षा में ईमानदारी और निष्पक्षता को बढ़ावा देने में सफल होंगे।